गोरखपुर (ब्यूरो)।यूनिवर्सिटी की आंसर कॉपी 32 पेज की होती है। अब इसे कम करके 28 करने की तैयारी है। जल्द ही इस प्रस्ताव को परीक्षा समिति से पास कराने की योजना है। आंसर कॉपी के पेज कम करने के पीछे यूनिवर्सिटी की मंशा पेपर की बर्बादी को रोकने की है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि स्टूडेंट्स 22 से 24 पेज ही भर पाते हैं। ऐसे में लगभग आठ पेज बर्बाद हो जाते हैं। इसे देखते हुए एग्जामिनेशन कॉपी को 32 से 28 पेज करने की योजना है। इसी तरह प्रैक्टिकल कॉपी में भी ज्यादा से ज्यादा 5 या 6 पेज यूज होते हैं इसीलिए इसको भी 13 से घटाकर 8 करने की योजना है।

75 माक्र्स का पीजी पेपर

सीबीसीएस पैटर्न लागू होने के बाद मिड टर्म एग्जाम डिस्क्रिप्टिव और इंड टर्म एमसीक्यू फॉर्मेट में हो रहा था। वीसी प्रो। पूनम टंडन के आने के बाद मिड टर्म को खत्म कर दिया गया। साथ ही पोस्ट ग्रेजुएशन में ऑब्जेक्टिव को हटाकर पूरा पेपर डिस्क्रिप्टिव कर दिया गया। पीजी में अब 75 माक्र्स का पेपर आएगा और 25 माक्र्स प्रोजेक्ट-असाइनमेंट से मिलेंगे। 75 माक्र्स के पेपर में 3 माक्र्स के पांच संक्षिप्त सवाल होंगे। इसके बाद पांच माक्र्स के आठ सवाल होंगे जिसमें किन्हीं चार को हल करना होगा। अंत में 20 माक्र्स के चार सवाल होंगे जिसमें दो अटेंप्ट करना है।

यूजी में 75 माक्र्स का एमसीक्यू

अंडर ग्रेजुएशन स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम में 75 माक्र्स के मल्टीपल च्वॉयस क्वेशचन आएंगे। कुल 50 सवाल होंगे जिसमें एक सही जवाब पर 1.5 माक्र्स मिलेंगे। इनको भी 25 माक्र्स प्रोजेक्ट-असाइनमेंट से मिलेंगे। माइनर कोर्स से इंटर्नल को हटा दिया गया है। इसका 100 माक्र्स का पेपर आएगा जो पूरा एमसीक्यू फॉर्मेट में होगा।

15 दिसंबर से शुरू होंगे एग्जाम

यूनिवर्सिटी में इवेन सेमेस्टर के एग्जाम 15 दिसंबर से प्रस्तावित हैं। इसके लिए डिपार्टमेंट्स को क्वेश्चन पेपर बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं। वहीं, सिलेबस को जल्दी समाप्त कर 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच सभी प्रैक्टिकल एग्जाम कराने की योजना है। सेमेस्टर एग्जाम सबसे पहले पीजी थर्ड सेमेस्टर का होगा। इसके बाद पीजी फस्र्ट और यूजी के एग्जाम होंगे।

आमतौर पर यह देखा जाता है कि आंसर कॉपी में कई पेज खाली रह जाते हैं। इससे पेपर बर्बाद होता है। इसे रोकने के लिए कॉपी से पेज कम करने की योजना है। पेपर का फॉर्मेट भी तय कर लिया गया है जल्द इस प्रस्ताव को परीक्षा समिति में की बैठक में रखा जाएगा।

प्रो। पूनम टंडन, वीसी, डीडीयूजीयू