गोरखपुर (ब्यूरो) कर्मचारी उन्हें तत्काल रसीद भी मुहैया कराएंगे। टैक्स जमा कराने के लिए बैंकों को भी सुविधा दी गई हैं। लोग अपने पास के बांच में हाउस टैक्स जमा कर सकेंगे। इस व्यवस्था से लोगों को नगर निगम ऑफिस की भागदौड़ से निजात मिलेगी। शहर में करीब एक लाख 35 हजार से अधिक मकान स्वामी इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
जाना पड़ता है नगर निगम
नगर निगम की ओर से शहरवासियों को सुविधाएं दी जाती हैं। इसके बदले उनसे हाउस व वॉटर टैक्स वसूला जाता है। अभी तक हाउस व वॉटर टैक्स जमता करने के लिए लोग नगर निगम जाते थे। उसके बाद उनका टैक्स जमा हो पाता था। अब इस भागदौड़ से शहरवासियों को निजात मिलेगी। सिटी के लोग घर बैठे ही अपना टैक्स जमा कर सकेंगे। बताते चलें कि सरकारी और प्राइवेट एरिया में हाउस टैक्स, सीवर टैक्स और वॉटर टैक्स के नाम पर करीब 30 करोड़ का बकाया है। नगर निगम बकाया वसूली के साथ ही आय बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है।
टैक्स इंस्पेक्टर्स को दी जाएगी ट्रेनिंग
नगर निगम निजी बैंकों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से करार करने जा रहा है। नगर आयुक्त ने एक निजी बैंक से करार कर टैक्स विभाग के कर्मचारियों का जिम्मेदारी की गई है। टैक्स जमा करने के लिए सभी टैक्स इंस्पेक्टरों को तीन दिन का अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाएगा.
मोबाइल वालेट से कर सकेंगे पेमेंट
हैंडहेल्ड मशीन पर पेमेंट लेने के बाद पब्लिक के मोबाइल फोन पर इसकी सूचना भी भेजने की व्यवस्था बनाई जाएगी। इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद कैश, कार्ड, मोबाइल वालेट, क्यूआर कोड और चेक से पेमेंट लिया जा सकेगा।
कर्मचारी प्रिंटर से तत्काल देंगे रसीद
कर्मचारियों के पास मौजूद प्रिंटर से तत्काल लोगों को रसीद भी दी जाएगी। हैंडहेल्ड मशीन से पेमेंट लेने की शुरुआत होने पर सभी राजस्व व कर निरीक्षकों को रसीद बुक अपने जोनल अधिकारी के माध्यम से उप नगर आयुक्त के पास जमा करानी होगी। निगम व्यवस्था कर रहा है कि अब राजस्व व कर निरीक्षक क्षेत्र में वसूली करने पर मैनुअल रसीद नहीं देंगे। इसके साथ ही नगर निगम बड़े बैंकों से भी करार करेगा। जिससे आसपास के बैंकों में लोग सीधे नगर निगम के खाते में हाउस टैक्स जमाकर रसीद हासिल कर सकें.
यूनिवर्सिटी पर 9 करोड़ का टैक्स बकाया -
- नगर निगम का सबसे अधिक बकाया गोरखपुर यूनिवर्सिटी पर है।
- यूनिवर्सिटी पर करीब 9 करोड़ का हाउस टैक्स बकाया है।
- इसके साथ ही बिजली निगम पर 7 करोड़ का बकाया है।
- सिविल लाइंस के तीन मैरेज हॉल पर 7 से 12 लाख रुपए का बकाया है।
- कुल मिलाकर करीब 30 करोड़ रुपए का बकाया है।
हाउस टैक्स वसूली में पारदर्शिता के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए बैंकों से करार किया जाएगा। निगम कर्मी दरवाजे पर ही टैक्स लेकर रसीद देंगे। कुछ बैंकों से वार्ता चल रही है। जिसके बाद नजदीकी बैंक में ही लोग हाउस टैक्स जमा कर सकेंगे.
- संजय शुक्ला, उपनगर आयुक्त