गोरखपुर (ब्यूरो)।स्टडी में बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने वाली 40 फिमेल्स को शामिल किया गया। इनकी 30-30 की संख्या में दो ग्रुप बनाए गए। दोनों ग्रुपों को ऑपरेशन के बाद नाभि के नीचे की अलग-अलग मांसपेशियों में दर्द निवारक दवा इंजेक्शन के जरिए दी गई। मांसपेशी में दी गई दवा ज्यादा असरदार रही। उसने मस्तिष्क को दर्द की सूचना देने वाली सभी नसों को बाधित कर दिया। विशेषज्ञों के अनुसार इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं मिला। खास बात यह रही कि दोनों ग्रुपों में एक ही दवा एक ही तकनीकी से दी गई। इस स्टडी को जर्नल ऑफ कार्डियोवैस्कुलर डिजीज रिसर्च, नई दिल्ल्ी ने प्रकाशित किया है।

मांसपेशियों में दो जगह दी गई डोज

इस स्टडी में अल्ट्रासाउंड लंबोरम ब्लाक व इरेक्टर स्पाइन प्लेन ब्लाक में एक ही दर्द निवारक दवा रोपीवाकेन दी गई। दोनों मांसपेशियों में दो जगह 20-20 मिलीलीटर डोज दी गई। ऑपरेशन के पूर्व भी एनेस्थीसिया के साथ एक दर्द निवारक दवा वुपीवाकेन सभी पेशेंट्स को दी गई थी। दोनों ग्रुपों की छह घंटे तक लगातार और इसके बाद 12,18 व 24 घंटे पर निगरानी की गई। पहले ग्रुप में दो पेशेंट्स बिल्कुल दर्द नहीं हुआ। 24 घंटे बाद दर्द हुआ। जो सामान्य दवा से ठीक हो गया.् दूसरे ग्रुप में सभी 30 पेशेंट्स की 18 से 20 घंटे बाद तेज दर्द हुआ और उन्हें दर्द निवारक दवा की अधिक डोज देनी पड़ी। डॉक्टर्स ने निष्कर्ष निकाला कि यदि ऑपरेशन लंबोरम ब्लाक में दी जाए तो पेशेंट्स को दर्द से काफी हद तक राहत मिल सकती है।

कोई साइड इफेक्ट नहीं

एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ। सुनील कुमार आर्या ने बताया कि एनेस्थीसिया विभाग में रिसर्च व स्टडी के लिए बेहतर व पारस्परिक सहयोग का माहौल तैयार किया गया है। प्रतिदिन बेहतर चिकित्सा के नए उपाया खोजे जा रहे हैे् इससे पेशेंट्स को बड़ी राहत मिल रही है। डॉ। अभिलाष अथवाल अध्ययनकर्ता ने बताया कि क्वाड्रेट लंबोरम ब्लाक मांसपेशी, इरेक्टर स्पाइन प्लेन ब्लाक से थोड़ी गहराई में होती है। उसमें दर्द की दवा देने से उसका असर ज्यादा रहा। किसी पेशेंट में कोई साइड इफेक्ट नजर नहीं आया।