गोरखपुर (ब्यूरो)।यह नर्सिंग कॉलेज एम्स परिसर में ही बनेगा। इसके निर्माण में 216 करोड़ की लागत आएगी। नए नर्सिंग कॉलेज में एक सत्र में ढाई सौ स्टूडेंट्स का प्रवेश हो सकेगा। एम्स की गवर्निंग बॉडी ने इस को मंजूरी दे दी है। इसके लिए कार्यदाई संस्था को निर्देशित कर दिया गया है। गवर्निंग बॉडी की बैठक मंगलवार को हुई थी। गुरुवार को गवर्निंग बॉडी के प्रेसिडेंट देश दीपक वर्मा और कार्यकारी निदेशक डॉ। सुरेखा किशोर ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित संस्थान पूर्वी यूपी में पैरामेडिकल की शिक्षा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। फौरी तौर पर एम्स के प्रशासनिक भवन में ही नर्सिंग कॉलेज चल रहा है। जिसकी क्षमता 60 स्टूडेंट्स की है। प्रस्तावित नर्सिंग कॉलेज बनने के बाद इसका विस्तार होगा। हर बैच में स्टूडेंट्स की संख्या 60 से बढ़कर 250 हो जाएगी।

विदेश से पढ़ाने आएंगे शिक्षक, सहूलियत देगा एम्स

उन्होंने बताया कि एम्स में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए कई प्रस्ताव पास किए गए हैं। विदेश में पढ़ा रहे पूर्वांचल के विशेषज्ञ डॉक्टर्स को एम्स से जोड़ा जाएगा। कुछ शिक्षकों ने एम्स प्रशासन से संपर्क भी किया है। विदेश से आने वाले शिक्षकों की सुविधा के लिए एम्स के नियमों में आंशिक बदलाव किया गया है। वह एक साल से लेकर छह साल की नियत समयावधि के लिए एम्स से जुड़ सकेंगे। उनकी विशेषज्ञता का लाभ एम्स के स्टूडेंट्स व मरीजों को मिलेगा। इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज से विशेषज्ञ चिकित्सकों को एम्स से जोडऩे के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। डॉक्टर्स को एनओसी के लिए भी एम्स प्रशासन मदद करेगा।

शुरू होगी 35 बेड की डायलिसिस

उन्होंने बताया कि एम्स में पीपीपी मॉडल पर 25 बेड का डायलिसिस यूनिट शुरू करने की योजना है। इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसी के तहत एम्स में अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई हो रही है। उसके लिए दो रेडियोलॉजिस्ट मिल गए हैं। एम्स में शिक्षकों के लिए नए भवन भी तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा तकनीकी दक्ष कर्मचारी की कमी को दूर करने के लिए नियमों को शिथिल कर आवेदन मांगे जा रहे हैं। जल्द ही कर्मचारियों की भी भर्ती होगी। इस प्रस्ताव को भी गवर्निंग बॉडी से मंजूरी मिल गई है। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ। मनोज सौरभ, उप निदेशक प्रशासन व मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव मौजूद रहे।