- बच्चों को स्कूल भेजने में अधिकारियों की होगी कसरत

- स्कूल चलों अभियान को सफल बनाने के लिए डीएम की अध्यक्षता में हुई मीटिंग

GORAKHPUR: परिषदीय विद्यालयों के वार्षिक परीक्षा समाप्त होने के बाद नए सत्र में दाखिले के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कसरत करना शुरू कर दिया है। सोमवार को डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान कई एजेंडों पर चर्चा हुई। जिसमें 'स्कूल चलो अभियान' शुरू किए जाने के साथ ही इसे सफल बनाने के लिए माथापच्ची हुई। साथ ही बैठक में शिक्षा परियोजना समिति की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग के अलावा माननीय, खंड विकास अधिकारी समेत प्रिंसिपल व टीचर्स के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए।

नए सेशन की तैयारियां शुरू

सर्व शिक्षा अभियान के तहत मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन आलोक रंजन ने सभी डीएम ओएन सिंह को निर्देशित किया कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए सेशन की तैयारियां शुरू कर दें। इसके लिए जिम्मेदार अफसर और कर्मचारियों के साथ मीटिंग कर दिशा-निर्देश जारी करें। इसी आदेश के क्रम में सोमवार की दोपहर जिलाधिकारी ओएन सिंह की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई। मीटिंग के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के सभी उच्च अधिकारी मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान कुल 12 एजेंडे पर चर्चाएं की गईं। इसके लिए दिशा-निर्देश दिए गए।

घर-घर जाकर करेंगे जागरुक

मीटिंग के दौरान निर्णय लिया गया कि 29 मार्च तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जनपद स्तर पर सभी सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य से संपर्क कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए नामांकन के लिए प्रयास करना है। जबकि इसी दिन खंड शिक्षा अधिकारी, शिक्षक, शिक्षामित्र, विद्यालय प्रबंधक सदस्य, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष, बीडीसी सदस्य, ग्राम प्रधान से संपर्क करने के लिए प्रेरित करना है। 30 मार्च को विद्यालय उत्सव मनाया जाना है। इस दौरान परीक्षाफल का वितरित करने के साथ ही मेधावियों को सम्मानित किया जाएगा। यहीं नहीं बच्चों को स्कूल चलो अभियान के क्रम में विकास खंड, ग्राम-वार्ड एवं विद्यालय स्तर पर मेला, गोष्ठियां, चर्चाएं, रैली, प्रभात फेरी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन कराया जाएगा।

एक अप्रैल से नया सेशन

मीटिंग के दौरान यह निर्णय लिया गया कि 1 अप्रैल 2016 से नया सेशन शुरू किया जाएगा। इसमें सभी विद्यालय के सभी टीचर्स, शिक्षामित्र, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ घर-घर घूमकर बच्चों को स्कूल में नामांकन के लिए उनके पेरेंट्स को प्रेरित करना है। यहीं नहीं प्रवासी परिवारों के बच्चों को भी चिन्हित करना है। इसके लिए प्रवासी परिवार से संपर्क कर उनके बच्चों को स्कूल चलो अभियान से जोड़ना है। कक्षा पांच पास स्टूडेंट्स का कक्षा 6 में शतप्रतिशत नामांकन सुनिश्चित कराए जाने का निर्देश दिया गया।