- जेई व एईएस से निपटने के लिए बनाई गई थी 12 बेड के आईसीयू वार्ड में नहीं हो रही थी ऑक्सीजन की सप्लाई

GORAKHPUR: जिला अस्पताल में स्थित आईसीयू की सांसें चार साल से थमी हुई थी। चार साल पहले ही शासन ने पुष्पा सेल्स कंपनी को ऑक्सीजन सप्लाई का ठेका दे दिया था। पाइप लाइन का काम भी हुआ लेकिन कुछ ही दिन सप्लाई हुई। सप्लाई बंद होने के बाद से छोटे सिलेंडर के भरोसे मरीजों को सांसें दी जा रही थी। जेई व एईएस के सीजन को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की पहल पर लखनऊ की कार्यदायी संस्था ने सप्लाई शुरू कर दी है। अब मरीजों को काफी हद तक राहत मिलेगी।

अब मिलेगा ऑक्सीजन

इंसेफेलाइटिस के कहर को देखते हुए शासन स्तर से जिले के अस्पतालों में आईसीयू बनाने का निर्देश दिया गया। आदेश मिलते ही लखनऊ में टेंडर होने के बाद पुष्पा सेल्स कंपनी को ऑक्सीजन पाइप बिछाने का ठेका दे दिया गया। ठेका मिलने के बाद काम शुरू भी हो गया। आईसीयू तैयार होने के साथ ही ऑक्सीजन की सप्लाई भी शुरू हो गई लेकिन यह सुविधा कुछ ही दिन रही। सूत्रों की मानें तो पाइप में कुछ खराबी आने की वजह से सप्लाई नहीं हो पा रही थी। इस बारे में कार्यदायी संस्था को जानकारी दी गई लेकिन कार्यदायी संस्था ने समय रहते मरम्मत कार्य पूरा नहीं किया। जिसकी वजह से पूरी सप्लाई चार साल से बाधित रही। पिछले दिनों अफसरों की मीटिंग और दौरे पर आये प्रशासनिक अधिकारियों ने आईसीयू में आक्सीजन सप्लाई शुरू कराने को सख्त आदेश दिया। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग इसके लिए जुटा हुआ था। दो रोज पहले आक्सीजन पाइप लाइन को बदल कर दूसरी पाइप लाइन डाली गई। इसके बाद सप्लाई शुरू हुई।

पहले एडल्ट फिर पीडियाट्रिक वेंटिलेटर

आईसीयू निर्माण के बाद आनन-फानन में शासन ने ओलम्पिक गेम्स में लगाए गए एडल्ट वेंटिलेटर लगा दिए गए। लेकिन बच्चों का उपचार असंभव था। आईसीयू की व्यवस्था को देख एडल्ट वेंटिलेटर को हटाकर पीडियाट्रिक वेंटिलेटर लगाए गए लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से परेशानियां बढ़ गई थी। अब यह परेशानी भी दूर हो गई है।

वर्जन

बंद पड़ी ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो गई है। जेई व एईएस से बीमार लोगों का उपचार अस्पताल के आईसीयू में होगा। ग्रामीण एरियाज के सीएचसी व प्राथमिक इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर पर भी मरीज जाकर अपना उपचार करा सकेंगे।

- डॉ। रवींद्र कुमार, सीएमओ