- स्कूलों में आ रहे सैकड़ों फीस माफी के लेटर

- अपनी परेशानियों को बताकर पैरेंट्स फीस कम करने की लगा रहे गुहार

- एक साथ फीस देने में असमर्थ हैं पैरेंट्स जमा करने के लिए मांग रहे टाइम

केस-1

गहने बेच एक बच्चे की भरी फीस

बक्शीपुर इलाके में रहने वाली एक महिला के दो बच्चे गोरखनाथ इलाके के एक स्कूल में पढ़ते हैं। लॉकडाउन के बाद से महिला का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। अब बच्चों के एग्जाम सिर पर आ गए। स्कूल की तरफ से महिला को एक मैसेज आया कि अगर फीस नहीं जमा की गई तो आपके दोनों बच्चों को एग्जाम नहीं देने को मिलेगा। इसके बाद महिला ने स्कूल प्रिंसिपल से लेटर लिखकर फीस जमा करने के लिए और टाइम मांग रही है। महिला ने इस बीच अपने बड़े बेटे जो कि इंटर में पढ़ रहा है। उसकी फीस गहने बेचकर जमा कर दिए। अब वो अपनी 6 क्लास में पढ़ने वाली बेटी की फीस जमा करने के लिए परेशान है। वो बार-बार इसके लिए स्कूल को लेटर भी लिख रही है। मगर अब तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। महिला बेटी के लिए ऑप्शन तलाशने की जुगत में लगी हुई है।

एक साथ कैसे दे पाउंगा फीस?

पादरी बाजार के रहने वाले एक पैरेंट्स अपने दो बच्चों के एग्जाम के लिए डेली स्कूल का चक्कर लगा रहे हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन में परेशानी की वजह से फीस नहीं जमा कर पाया था। अब स्कूल ने पूरे साल की फीस जोड़कर उसे जमा करने के लिए मैसेज कर रहे हैं। मेरी दो बेटियां एक 7वीं और दूसरी 9वीं में पढ़ती है। कुछ पैसे उधार लेकर जमा भी किए, लेकिन स्कूल प्रिंसिपल एग्जाम के पहले सारी फीस जमा कराने को कह रहे हैं। अब एक साथ 55 हजार रुपए मै कैसे जमा करूंगा। मैंने टाइम बढ़ाने के लिए लेटर लिखा है, लेकिन अभी तक स्कूल की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया गया है। अब डर ये लग रहा कि अगर स्कूल की तरफ टाइम नहीं मिला तो बच्चों का साल ना बर्बाद हो जाए।

यह कहानियां गोरखपुर के ही लोगों की हैं, जिन्हें कोविड ने तोड़ दिया, लेकिन अब राहत मिली, तो स्कूल्स के मैसेज से उनकी टेंशन बढ़ गई है। ऐसे ना जाने कितने लेटर रोज शहर के बड़े से लेकर छोटे स्कूलों में आ रहे हैं। लॉकडाउन में स्कूल पैरेंट्स के ऊपर फीस का दबाव नहीं बनाया और बच्चों की पढ़ाई जारी रखी, लेकिन अब स्कूलों की तरफ से डेली पैरेंट्स के पास फीस जमा करने के लिए मैसेज जा रहे हैं। पैरेंट्स के सामने ये परेशानी है कि पूरे साल फीस तो जमा नहीं की। अब एक साथ फीस की रकम जमा करना उनके लिए मुसीबत बन गया है। पैरेंट्स अब फीस कम करने और उसे जमा करने के लिए समय मांग रहे हैं।

स्कूल पहुंचे सैकड़ों लेटर

बहुत से पैरेंट्स का कहना है कि बार-बार बच्चों का स्कूल नहीं बदल सकते हैं। इसलिए फीस तो हम जमा करना चाहते हैं, लेकिन एक साथ सारी फीस जमा कर पाना असंभव है। इस समय किसी भी स्कूल में केवल फीस को लेकर सैकड़ों लेटर आ रहे हैं। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ऐसे पैरेंट्स आते हैं तो उनकी बात सुनी जाती है। जो हम लोगों की तरफ से हो सकता है। वो किया जाता है।

फीस कम करवाने की पैरवी

स्कूल में इस समय फीस कम करवाने की भी खूब पैरवी आ रही है। हर पैरेंट्स अपना-अपना जुगाड़ सेट कर रहे हैं। ताकि किसी तरह फीस में थोड़ी राहत मिल जाए।

कोट-

स्कूल में बहुत से बच्चों के पैरेंट्स ऐसे लेटर भेज रहे हैं। इसमें से जो जेनविन केस हैं, उस कंडीशन में पेरेंट्स को राहत भी दी जा रही है। पैरेंट्स से बातचीत कर इस तरह का मामला सुलझाया जा रहा है।

राजीव गुप्ता, डायरेक्टर, स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज

मेरे स्कूल में क्लास 6 से 8 वीं तक के बच्चों के पैरेंट्स फीस जमा करने के लिए और समय मांग रहे हैं। पैरेंट्स के साथ मीटिंग कर उन्हें सहूलियत दी जा रही है, ताकि किसी तरह कोई परेशानी ना हो।

बहुत बच्चियों के पैरेंट्स ने अप्लीकेशन दिया था। उनको बुलाकर मिला गया। उनकी प्रॉब्लम को देखते हुए, काफी हेल्प की गई है। पैरेंट्स को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

रीमा श्रीवास्तव, डायरेक्टर, स्प्रिंगर लोरेटो ग‌र्ल्स स्कूल