- एईएस की कोडिंग में बरती जा रही लापरवाही

- एसीएमओ ने मेडिकल कॉलेज को लिखा पत्र

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एईएस को कोडिंग में लापरवाही का खामियाजा पीडि़त परिवार वालों को भुगतना पड़ रहा है। सीएमओ दफ्तर में शुक्रवार को पहुंचे पीडि़त तीमारदार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में बच्ची की मौत के बाद मुआवजे के लिए डेथ सर्टिफिकेट जमा कर दिया। जब मुआवजे के लिए पहुंचा तो आवेदन में गड़बड़ी सामने आई। इस मामले में सीएमओ ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पत्र लिखा है।

लापरवाही बनी मुसीबत

पिपराइच थाना क्षेत्र के बिचौआपुर निवासी रामपत की ढाई वर्षीय बेटी खुशबू एईएस की चपेट में आ गई थी। मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 23 अप्रैल को उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद घर वालों को डेथ सर्टिफिकेट भी दे दिया गया, मगर जब उसने मुआवजे के लिए आवेदन किया तो मुआवजा नहीं मिला। सीएमओ से मुलाकात की तो उन्होंने कारण जानने के लिए मातहतों को बुलाया तो मेडिकल कॉलेज की कमी सामने आ गई। इसके बाद सीएमओ ने कॉलेज प्रशासन को पत्र लिखा है। इससे हरकत में आए कॉलेज प्रशासन ने भी सख्ती कर दी है। विभागाध्यक्ष को भेजे गए पत्र में एसआईसी ने लिखा उन्हें अवगत कराया।

पत्र मिलते ही उजागर हुई कमियां

एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) मरीज के कोडिंग में बरती जा रही लापरवाही तीमारदारों की मुसीबत बढ़ा दी है। बीमारी से जान गंवाने वाले मासूमों के घर वाले मुआवजे के लिए सीएमओ दफ्तर और मेडिकल कॉलेज का चक्कर काट रहे हैं। ऐसे ही एक पीडि़त परिवार ने सीएमओ से गुहार लगाई है। मुआवजे की पड़ताल में पता चला कि मेडिकल कॉलेज से दिए गए सर्टिफिकेट में एईएस कोड अंकित ही नहीं है। सीएमओ ने कॉलेज प्रशासन को पत्र लिखा है, जिसके बाद एसआईसी ने मेडिसिन और बाल रोग विभाग को लापरवाही न बरतने की हिदायत दी है।