- एसएसपी पर ज्यादा भरोसा, सबको कार्रवाई की उम्मीद

- फरियाद सुनाने में गुजर जाते कई दिन, आना पड़ता गोरखपुर

GORAKHPUR: थाने पर हमारी बात सुन लेते तो हमें यहां थोड़े आना पड़ता। हमलोग कई दिनों से थाने का चक्कर लगा रहे हैं। चाची की भूमि पर कुछ लोग जबरन कब्जा कर रहे हैं। शिकायत दर्ज कराई तो कहा गया कि पहले पूरा कागज मांगा। कागज दिखाया तो बोले-मजिस्ट्रेट का आदेश लेकर आओ। दो दिन थाने पर दौड़ने के बाद चाची के साथ यहां आए हूं। लोगों ने बताया कि एसएसपी बहुत अच्छे हैं। सही मामले में उचित कार्रवाई करते हैं। आज इलेक्शन होने से वह आफिस में नहीं हैं। उनकी जगह कोई दूसरे अधिकारी सबकी बात सुन रहे हैं। हम लोग भी एप्लीकेशन दे दिए हैं। यह कहना है कि उरुवा बाजार से पीडि़त चाची संग एसएसपी से मिलने पहुंचे सच्चिदानंद का। सच्चिानंद ऐसे पहले व्यक्ति नहीं थे जो दरख्वास्त लेकर थानों का चक्कर काटते रह गए। बल्कि उनके जैसे तमाम लोग हैं, जिनकी बातों को सुन मौके पर निस्तारण करने के बजाय एसएचओ- एसओ और चौकी प्रभारी जिला मुख्यालय का चक्कर लगवा रहे हैं। रोजाना ऐसी सौ से 150 फरियादें पुलिस अधिकारियों के पास पहुंचती हैं।

गोला एरिया में एक्सीडेंट की घटना में घोर लापरवाही और उदासीनता का मामला आने पर कप्तान ने सोमवार रात बांसगांव के हरनही चौकी इंचार्ज अभय पांडेय को सस्पेंड कर दिया था। इसके पूर्व भी कई पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ एसएसपी कार्रवाई कर चुके हैं।

पुलिस आफिस पहुंचने में निकल जाता पूरा दिन

एसएसपी से लेकर एडीजी ऑफिस तक रोजाना फरियादी भटकते रहते हैं। इनमें कई ऐसे होते हैं जिनकी बात थानेदार नहीं सुनते। उनको लौटा दिया जाता है। थानों पर पीडि़तों के एप्लीकेशन लेकर उनको रिसीविंग पर्ची दिए जाने की व्यवस्था होने के बावजूद लोग पुलिस आफिस पहुंच रहे हैं। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि कई शिकायतें सीधे आ जाती हैं। ऐसे में उनकी बात सुनकर सीनियर अफसर थानों पर कार्रवाई का निर्देश देते हैं। यदि थाने का चक्कर काटने का मामला आता है तो सीओ को मामले के निस्तारण की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। शहर से करीब 50 से 60 से किलोमीटर की दूरी से आने में लोगों का पूरा दिन निकल जाता है।

कई बार थाने पर जा चुका हूं। लेकिन मेरी बात नहीं सुनी जा रही है। यदि वहां कार्रवाई होती तो कप्तान साहब के पास क्यों आते। पिपराइच पुलिस हमारे मामले में कार्रवाई नहीं कर रही है। हमने 21 सितंबर को एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी। लेकिन ना तो मुकदमा दर्ज किया गया। न ही मुझे उसकी कोई कापी दी गई।

शशिशेखर पांडेय, उसका- सिहोरियां, पिपराइच

मकान का विवाद है। कुछ लोग मेरे मकान पर जबरन कब्जा करना चाहते हैं। इस संबंध में लगातार मैंने शिकायत दर्ज कराई। पुलिस कहती है कि इस मामले का निस्तारण नहीं हो पाएगा। मैंने गोरखनाथ मंदिर में पत्र दिया था। तब मुझे आश्वासन मिला था कि कार्रवाई होगी। इसके बाद भी मुझे दौड़भाग करनी पड़ रही है। चार बार बड़हलगंज थाने पर जा चुका हूं।

उमाशंकर, बड़हलगंज

मेरी भूमि खोराबार एरिया में है। कुछ प्रापर्टी डीलर जबरन कब्जा कर रहे हैं। इसकी शिकायत पहले भी खोराबार थाने पर कर चुका हूं। आईजीआरएस पर कंप्लेन करके मदद की गुहार लगाई। काफी दबाव देने पर पुलिस थोड़ी सक्रिय होती है। बाद में कहती है कि सिर्फ यही काम हमारे जिम्मे थोड़े हैं। इसलिए मुझे एसएसपी के पास आना पड़ा है। इनसे ही कार्रवाई की उम्मीद है।

तारिक जफर, खोराबार के पीडि़त

मेरा दो साल से मैटर चल रहा है। मेरी शादी प्रकरण है। उरुवा पुलिस इसमें रिपोर्ट नहीं लगा रही है। मैं अपने मामले को लेकर दौड़भाग करते- करते थक गया हूं।

राजकुमार भारती, उरुवा बाजार

वर्जन

इस संबंध में थानाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं। थाने पर आने वाले हर फरियादी की बात सुनी जाए। सभी मिलकर यथासंभव उनकी मदद करें। यदि किसी मामले का जुड़ाव दूसरे विभाग से हैं तो उनसे भी को-आर्डिनेट करके प्रॉब्लम साल्व कराएं। लापरवाही सामने आने पर संबंधित पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पब्लिक से खराब व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जोगेंद्र कुमार, एसएसपी