गोरखपुर (ब्यूरो).इसमें वह किसी में बहुत ज्यादा तो किसी में कम रीडिंग डाल रहे हैं। इसी का नतीजा है कि मीटर रीडिंग स्टोर के मामले भी सामने आने लगे हैं। इतना ही नहीं बिल रिवीजन का झंझट और यदि कम है तो मीटर में रीडिंग स्टोर होने का मामला हो जाता है। जांच में रीडिंग स्टोर मिली तो कंज्यूमर पर जबरदस्त जुर्माना लगा दिया जाता है।

वीडियो बनाकर ले जाने पर भी सुनवाई नहीं

बताया जा रहा है कि बंगलूरु की कंपनी काफी हाईटेक है और पर्याप्त कर्मचारियों के साथ मीटर रीडिंग का काम कर रही है। समय बीतने के साथ ही कंपनी का काम ठीक नहीं हो सका। शहर में मीटर रीडिंग एजेंसी होने के बाद भी अफसर कंज्यूमर्स से अपील करते हैं कि वह अपने मीटर का वीडियो बनाकर संबंधित बिल केंद्र पहुंचे। यहां वीडियो में मीटर रीडिंग देखकर संबंधित कर्मचारी बिल बनाएगा। यदि कोई बिना वीडियो बिजली घर पहुंचता है तो उसे वापस कर दिया जाता है। हैरानी की बात यह है कि मीटर रीडर्स की मनमानी की जानकारी बिजली निगम के अफसरों को भी है लेकिन कार्रवाई नहीं करते हैं।

ऐसे परेशान कर रहे कंज्यूमर्स को सीडीएफ

मान लीजिए आपके घर के कनेक्शन का भार दो किलोवाट है। एक महीने में आपके कनेक्शन पर दो हजार यूनिट से ज्यादा की रीडिंग नहीं फीड की जा सकती है। यदि मीटर रीडर ने इससे ज्यादा की रीडिंग फीड कर दी तो बिल सीडीएफ हो जाएगा और जब तक आप बिल ठीक नहीं कराएंगे, हर महीने बिल दोगुना से भी ज्यादा आने लगेगा। ऐसे समझें स्थिति मान लीजिए आपके घर की मीटर मार्च महीने में दो हजार यूनिट तक चला है। अप्रैल में मीटर रीडिंग में रीडिंग इससे ज्यादा ही होगी लेकिन यदि मीटर रीडर ने यूनिट दो हजार या इससे कम डाल दी है कि ऐसे बिल में रीडिंग डाल दी है तो बिल आरडीएफ हो जाएगा।

कंज्यूमर को लाभ पहुंचाने के लिए मीटर रीडिंग स्टोर

मीटर रीडर्स और कंज्यूमर्स की मिलीभगत से मीटर में रीडिंग स्टोर का खेल चल रहा है। यह हम नहीं बिजली निगम की जांच में मामला सामने आया है। चेकिंग अभियान में मीटर रीडर्स की लापरवाही सामने आने लगी है। विद्युत नगरीय वितरण उपखंड चतुर्थ के अवर अभियंता ने पुर्दिलपुर स्थित कनेक्शन नंबर 2517512000 पर लगे मीटर की जांच की। इस दौरान कंज्यूमर के मीटर रीडिंग में 11840 केडब्लूएच रीडिंग स्टोर पाई गई। इस संबंध में अवर अभियंता ने कंप्लेन की। एसई शहर ई। यूसी वर्मा ने तत्काल प्रभाव से मीटर रीडर पर कार्रवाई करते हुए उसे हटा दिया। बिना मीटर की जांच किए बिल बनाने से कंज्यूमर्स की मुश्किल बढ़ रही है। कई मीटर रीडर घर बैठे इतनी कम रीडिंग फीड करते हैं कि बिल ही गड़बड़ हो जाता है। इस बिल को सुधारने के लिए कंज्यूमर्स को निगम के कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ता है।

मीटर रीडर्स के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद भी मीटर में भारी पैमाने पर रीडिंग स्टोर के मामले मिल रही हैं। एजेंसी के अफसरों को तलब कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा।

- ई। यूसी वर्मा, एसई शहर