-जैसे कस्टमर वैसा दाम ले रहे दुकानदार
-मनमाने दामों पर बेच रहे दुकानदार
GORAKHPUR:
होली के समानों से सजी दुकानों के दुकानदार मनमाने तरीके से प्रोडक्ट की बिक्री कर रहे हैं। किसी प्रोडक्ट का रेट तय नहीं है, आसपास के ही दुकानों के दामों में दो गुने से अधिक का अंतर देखा जा रहा है। प्रोडक्ट की लागत की बजाए ग्राहकों की जेब देखकर बिक्री की जा रही है।
होली में केवल एक दिन ही बाकी है ऐसे में शहर के सभी चौराहों, नुक्कड़ों पर पिचकारी, रंग, अबीर व गुलाल के अस्थाई दुकानें सज चुकी हैं। लेकिन इन दुकानों पर किसी भी प्रोडक्ट का कोई दाम निर्धारित नहीं है। पिचकारी, रंग, अबीर, मास्क, गुलाल, टोपी, आर्टिफिसियल हेयर सभी प्रोडक्ट की बिक्री ग्राहकों को देखकर की जा रही है। ज्यादा दाम पर खरीदारी करने वाले ग्राहक इससे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
पिचकारियों का रेट नहीं है निर्धारित
टाउनहॉल पर होली प्रोडक्ट की लगी दर्जन भर दुकानों पर एक ही वाटर गन पिचकारी कई दामों में बिक रही है। कोई उसे 1800 में बेच रहा है तो कोई 900 में, एक दुकानदार बारगेनिंग करने पर 600 रु में भी देने को तैयार हो गया। यही हाल यहां बिकने वाले सभी प्रोडक्ट का है। दुकानदार कस्टमर को देखकर प्रोडक्ट के दाम घटा बढ़ा रहें हैं।
इन प्रोडक्ट की है डिमांड
जिन प्रोडक्ट की बिक्री अधिक हो रही है उनके दाम उतने ही असंतुलित है। होली में बच्चों को पिचकारी काफी पसंद होती है। इसी वजह से पिचकारियों के रेट में ही सबसे ज्यादा अंतर देखने को मिल रहा है।
प्रोडक्ट रेट मैक्सिमम मिनिमम
वाटर गन 1800 600
टैंक गन 1000 450
ट्रेडिशनल 180 120
मछली छाप रंग 30 20
हबर्ल गुलाल 50 30
मास्क 120 60
आर्टिफिसियल हेयर 150 90
टोपी 90 60
स्प्रे 140 90
भतीजे के लिए पिचकारी लेनी थी खरीदने पहुंचा तो पास के ही तीन दुकानों के रेट में दुगने का अंतर पता चला। बारगेनिंग करने के बाद आधे से कम पर खरीदा।
शिवशक्ति गुप्ता, बिजनेस मैन
बच्चों के जिद्द पर होली का मार्केट करने आई थी। एक ही दुकान से सारा समान खरीद लिया लेकिन बाद में पता चला कि दो गुना रेट पर खरीदारी की है। बाद में दुकान ने वापसी करने से भी मना कर दिया।
सपना