- पानी बढ़ने के साथ लोगों की बढ़ गई है टेंशन

- लगातार बढ़ रहा है राप्ती और रोहिन का पानी

- पिछली बार टूटने से बचा था बंधा

GORAKHPUR: गोरखपुर में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। नदियों के पानी में इजाफा हो रहा है, तो वहीं बंधों पर दबाव भी बढ़ रहा है। ऐसे में अब जिम्मेदारों की टेंशन कई गुना बढ़ गई है। बारिश के इस मौसम में बंधों पर बने रेन कट सभी की परेशानी खूब बढ़ा रहे हैं। जगह-जगह मिट्टी खिसकने से वहां बंधे की कटान आसानी से हो जाएगी। इसको देखते हुए एक बार फिर गोरखपुर के लोगों को बाढ़ की टेंशन सताने लगी है। जहां कुछ एरियाज में आसपास के लोगों ने बांधों की खुद ही निगरानी शुरू कर दी है, तो वहीं अधिकारी भी निरीक्षण कर जिम्मेदारों की चूडि़यां कसने लगे हैं। लॉक डाउन के दौरान बंधों पर बिल्कुल काम न हो पाने से जिम्मेदारों की टेंशन बढ़ी हुई है।

बांधों पर बड़े-बड़े रेन कट

गोरखपुर के आसपास बने बंधों पर कई रेनकट हो गए हैं। इससे शहर के लोगों की टेंशन बढ़ गई है। जहां लहसड़ी के पास बारिश की कटान से मिट्टी गायब हो गई है, तो वहीं डोमिनगढ़ के पास बंधों में कई रेन कट हो गए हैं। यह वही जगह है, जहां दो साल पहले बांध कट गया था और दूसरे एरिया से गोरखपुर का संपर्क टूट गया था, इसकी वजह से लोग काफी घूमकर जाने को मजबूर हो गए थे। इस बार भी लगातार बढ़ रहे पानी और रेन कट के हालात को देखते हुए लोग ऐसा ही अंदाजा लगा रहे हैं।

बगल में पड़े हैं बोल्डर

बंधों की बात करें तो जहां कई स्पॉट्स पर बड़े-बड़े रेन कट देखने को मिल रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर वहीं आसपास बंधों को बचाए रखने के लिए बोल्डर बगल में ही पडे़ हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि कुछ एरिया को बोल्डर से कवर किया गया है, लेकिन इसके बाद भी अधिकतर स्पॉट्स ऐसे हैं, जहां बोल्डर नहीं लगे हैं और वहां बड़े-बड़े रेनकट हो गए हैं। इससे आसपास के रहने वालों में दहशत है और लगातार बढ़ रहा पानी उनकी मुश्किलों में इजाफा कर रहा है। दक्षिणांचल के 53 गांवों को बचाने के लिए बना कोठा-नवलपुर बांध भी जर्जर हालत में है। यहां बंधे को रिपेयरिंग के लिए 15 जून तक का वक्त तय किया गया था, लेकिन तय समय में रिपेयरिंग नहीं हो सकी।

कोठा-नवलपुर बांध में यहां है खतरा

खुटभार

कंसापुर

सेमरा बुजुर्ग

बैरियाडीह

मझवलिया

रूदौली

ददरी

आछीडीह

बॉक्स

रोहिन थमी, राप्ती में चढ़ाव

गोरखपुर में नदियां लगातार लोगों को डरा रही हैं। बीते दिनों लाल निशान पार कर चुकी नदियों में से घाघरा अब नीचे आने लगी है, हालांकि अयोध्या पुल पर इसका वॉटर लेवल डेंजर लाइन से नीचे आ गया है, जबकि तुर्तीपार में अब भी यह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं राप्ती नदी में चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। सुबह 8 बजे जहां बर्डघाट में राप्ती नदी का वॉटर लेवल 75.31 मीटर था, वहीं शाम 4 बजे यह 75.36 तक पहुंच गया। टोटल 5 सेमी के करीब बढ़त दर्ज की गई है। वहीं त्रिमोहिनीघाट में रोहिन नदी का वॉटर लेवल स्थित हो गया है।

नदी जगह डेंजर लेवल सुबह 8.00 दोपहर 4 बजे

घाघरा अयोध्या पुल 92.73 मीटर 92.32 मीटर 92.27 मीटर

घाघरा तुर्तीपार 064.1 मीटर 64.40 मीटर 64.32 मीटर

राप्ती बर्डघाट 074.9 मीटर 75.31 मीटर 75.36 मीटर

रोहिन त्रिमोहिनीघाट 082.4 मीटर 82.70 मीटर 82.70 मीटर

वर्जन

वॉटर लेवल में उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। गुरुवार को घाघरा नदी के वॉटर लेवल में गिरावट देखने को मिली है, जबकि राप्ती नदी के पानी में बढ़त हुई है। रोहिन स्थिर हुई है। घाघरा में पानी कम होने से काफी राहत मिली है।

- गौतम गुप्ता, प्रभारी, डीडीएमए