गोरखपुर (ब्यूरो)। खास बात यह रही कि इन बसों में एक की ड्राइविंग सीट पर महिला थी। लोगों के एक्साइटमेंट को देखते हुए ड्राइवर्स में काफी उत्साह दिखाई दिया। बुधवार को पहले चरण के छह बसों के रन ट्रायल किया गया। नगर निगम परिसर से मेयर सीताराम जायसवाल, नगर आयुक्त अविनाश, चीफ इंजीनियर सुरेश चंद, उपसभापति ऋषि मोहन वर्मा, पार्षद आलोक सिंह विशेन आदि अफसरों ने हाईटेक एसी बसों के ट्रायल में सफर किया। ई बस निगम परिसर से गोलघर, काली मंदिर, ट्रैफिक तिराहा, गोरखनाथ मंदिर फिर नगर निगम पहुंची। इस बीच लोगों में काफी उत्साह दिखा। इसके बाद सभी बसें महेसरा के लिए रवाना हो गई। ट्रायल के दौरान पार्षद संजय श्रीवास्तव, देवेंद्र कुमार गौड़, रामलवट, रिंकी देवी, उमेश चंद श्रीवास्तव, अपर नगर आयुक्त आबी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। मुकेश रस्तोगी, लेखाधिकारी अमरेश बहादुर पाल, कर्नल सीपी सिंह, पीए आरिफ सिद्दकी, राम प्रकाश सिंह, जोनल अधिकरी एनडी पांडेय, स्टेनों ब्रजेश तिवारी, पीएमआई के प्रोजेक्ट मैनेजर राम सिंह, साइड इंचार्ज पवन कुमार, पवन जायसवाल आदि मौजूद रहे।

सड़क पर उतरी ई बसें, देखने वालों की टिकी रही निगाहें

महेसरा से जैसे ही इलेक्ट्रिक बसें शहर की सड़कों पर उतरीं। इस दौरान बस को देखने वालों का तांता लग गया। इस हाईटेक ई बसों में लोगों को बैठने का इंतजार था। वह अब जल्द ही खत्म होने वाला है। जल्द ही गोरखपुराइट्स को शहर के निर्धारित तीन रूटों पर सफर करने का मौका मिलेगा।

5 रुपए से 25 रुपए किराया

इलेक्ट्रिक बस में सफर करने के लिए किराया भी तय है। 5 रुपए से 25 रुपए तक प्रति व्यक्ति किराया देय होगा। शहर के विभिन्न निर्धारित रूटों गोरखपुराइट्स हाईटेक एसी बस का लुत्फ उठा सकेंगे।

इलेक्ट्रिक बसों में ये हैं फैसिलिटी

- जीपीएस सिस्टम से लैस।

- ई-बस में सुरक्षा की दृष्टि से पांच सीसीटीवी कैमरे।

- एक डिस्प्ले बोर्ड जो अगले स्टेशन की जानकारी देगा।

- पैसेंजर्स के लिए आरामदायक सीटें।

- ड्राइवर सीट पर बैठे सभी उपकरणों की मानिटरिंग की सुविधा।

- बस के अंदर बाहर हाईटेक लाइट और फॉग लाइट।

- यदि कोई पैसेंजर्स बस के अंदर धूम्रपान करता है तो ड्राइवर को होगी इसकी जानकारी

- इमरजेंसी की स्थिति में बस को कहीं भी रोका जा सकता है। इमरजेंसी अलार्म की सुविधा।

- महिलाओं के लिए चार सीटें आरक्षित, दिव्यांगों के लिए दो सीटें।

- सांसद और विधायक के लिए दो सीटें।

- ई बस पूरी तरह से फुल एसी।

- बैक सीसीटीवी कैमरे की सुविधा।

- ई-बस की स्पीड लिमिट 40 किमी प्रति घंटा।

- ई-बस ड्राइवर समेत 28 सीटर।

- अगर ओवर स्पीड में ई-बसें चलती हैं तो इसकी सूचना कंट्रोल रूम को मिल जाएगी।

- इमरजेंसी स्वीच दबाने पर कंट्रोल रूम को होगी जानकारी।

- ई-बस में सेल्फ चार्जिंग की सुविधा।

- जितनी बार ड्राइवर ब्रेक लगाएगा, ई-बस ऑटोमेटिक होगी चार्ज।

- दिव्यांगों के लिए रैंप की सुविधा।

- ई-एसी बस आवाज रहित है। इससे ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा।

- पैनिक बटन के साथ एडजेसटेबल सीटें।

- यदि बस का डोर खुला है तो बस नहीं चलेगी।

- डोर के पास इमरजेंसी स्वीच जो ऑटोमेटिक खुलेगा।

- ई-बस के अंदर माइक सिस्टम है।

- ई-बस में ड्राइवर समेत 28 पैसेंजर्स के बैठने की सुविधा।

हैवी वाहन चलाने का सात साल का अनुभव है। मैंने दिल्ली में भी बड़े वाहन चलाए हैं। इस ट्रायल अभियान में शामिल होना गौरव की बात हैं। अन्य महिलाओं को भी सीख लेनी चाहिए। पढ़-लिखकर घर बैठने से कुछ होना नहीं है। सभी महिलाओं को कुछ न कुछ करना चाहिए।

पूजा प्रजापति, ड्राइवर

सीएम की पहल पर गोरखपुराइट्स को ई बस की सुविधा मिलने जा रही है। हमें इन बसों का संचालित करने की जिम्मेदारी मिली है। दस साल से हैवी वाहनों का चला रहा हूं। यह हाईटेक इलेक्ट्रिक बस हैं। इसमें लोगों के लिए अच्छी सुविधाएं हैं। लोगों को बस में सफर करना हमारी जिम्मेदारी है।

महेश कुमार, ड्राइवर

गोरखपुर में आए दिन ऑटो, टैम्पो में सफर करने के बाद फुटकर पैसे न होने से संचालक और पैसेंजर्स के बीच बहस हो जाती है। इसमें सुविधा पूरी तरह से कैशलेस हैं। सफर भी आरामदायक है।

रोहित प्रसाद, ड्राइवर

इलेक्ट्रिक बस हाईटेक सुविधाओं से लैस हैं। इसे चलाने अवसर मिला है। इस साल से हैवी वाहन चलाने का अनुभव है।

जय सैनी, ड्राइवर

सीएम की पहल पर शहर में 25 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना है। 15 बसेस आ चुकी हैं। बसों का सफल ट्रायल किया गया है। वहीं, ई बस का संचालन महिला ड्राइवर कर रही हैं। इनकी तरह अन्य महिलाएं भी जिस प्रकार हवाई जहाज, रेल और हैवी वाहन आदि चलाती हैं। इनकी प्रेरणा से सीख लेंगी। इनके अनुभव का लाभ नगर निगम के ड्राइवर्स को भी ट्रेनिंग के रूप में दिलाया जाएगा।

सीताराम जायसवाल, मेयर

इलेक्ट्रिक बसों को ट्रायल कराकर देखा गया। यह बस गोरखपुराइट्स के लिए आरामदायक के साथ ही शहर के विभिन्न रूटों पर चलने योग्य है। बसों का ट्रायल सफल रहा। सीएम की हरी झंडी दिखाने के बाद बसों का निर्धारित रूटों पर संचालन किया जाएगा।

अविनाश सिंह, नगर आयुक्त