टेंशन और बिजी लाइफ स्टाइल बढ़ा रही इंपोटेंसी

समय बीतने के साथ लाइफ में कॉम्प्टीशन बढ़ता जा रहा है। फिर चाहे एग्जाम या रिजल्ट की टेंशन हो, अच्छी जॉब की टेंशन हो या फिर फैमिली के स्टेट्स को मेंटेन करने की प्रॉब्लम हो। भागती लाइफ में ये टेंशन पीछा नहीं छोड़ती और ब्रेन हमेशा स्ट्रेस में रहता है। हमेशा टेंशन से जहां माइंड डिस्टर्ब रहता है वहीं बॉडी में कई प्रॉब्लम भी क्रिएट होती है। इससे सीमेंस का पावर कम होता है। वहीं डॉक्टर्स के मुताबिक यूथ में ये प्रॉब्लम बढऩे का मेन रीजन स्मोकिंग है। स्टेट्स सिंबल और फैशन में यूथ स्मोकिंग के लती होते जा रहे हैं। इससे नार्मल की अपेक्षा उनके सीमेंस की क्षमता काफी कम हो जाती है। इससे भी इंपोटेंसी काफी बढ़ रही है। साथ ही इंपोटेंसी का एक बड़ा रीजन लेट हो रही मैरेज भी है। अधिक उम्र में शादी होने से सीमेंस की क्षमता कम हो जाती है, जिससे ये प्रॉब्लम अधिक होती है।

नहीं टूटे सात जन्मों का बंधन, इसलिए टेस्ट जरूरी

डेंगू, मलेरिया, टायफाइड, वायरल, थायराइड, एचआईवी जैसे टेस्ट कराते अक्सर लोगों को देखा होगा, मगर अब पैथालॉजी लैब में यूथ सीमेंस टेस्ट करा रहे है। अवेयरनेस ने जहां एचआईवी के प्रति लोगों को अवेयर किया है, वहीं इंपोटेंसी को भी यूथ गंभीरता से ले रहे हैैं। इंपोटेंसी के कारण फैमिली में आने वाले प्रॉब्लम से निपटने के लिए यूथ पहले ही इसका सॉल्यूशन खोजना शुरू कर दिया है। वे अपनी मर्जी से मैरेज के पहले सीमेंस टेस्ट करा रहे हंै। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर वे खुश होते हैं तो निगेटिव आने पर खुद वे मैरेज से मना कर देते हैं, क्योंकि ये प्रॉब्लम न सिर्फ फ्यूचर फैमिली में बवाल कराएगी बल्कि एक दूसरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। इसी कारण पिछले दो साल से सीमेंस टेस्ट कराने वाले यूथ की संख्या रेगुलर बढ़ रही है।

सीमेंस टेस्ट कराने का कल्चर पिछले दो साल में तेजी से बढ़ा है। इसका मेन रीजन अवेयरनेस है। लेट एज में मैरेज, टेंशन, स्ट्रेस और बिजी लाइफ स्टाइल से यूथ में सीमेंस पॉवर कम हो रहा है। फ्यूचर में उनकी लाइफ में प्रॉब्लम न हो और एक दूसरी जिंदगी बर्बाद न हो, इसको लेकर यूथ खुद सीमेंस टेस्ट करा रहे हैं। ऐसा शायद कोई दिन नहीं जाता, जब सीमेंस टेस्ट के लिए कोई न आता हो।

डॉ। अमित गोयल, पैथोलॉजिस्ट

केस-1

पैथोलॉजिस्ट के मुताबिक मैरेज के एक माह पहले एक यूथ सीमेंस टेस्ट कराने आया था। उसकी रिपोर्ट निगेटिव निकली। इससे यूथ काफी उदास हो गया था। उसने इसका इलाज पूछा। मगर इसका कोई निश्चित इलाज नहीं है। ऐसे में वह टूट गया और कहने लगा अब मैं शादी नहीं करूंगा। मेरी कमी दूसरी जिंदगी को बर्बाद कर देगी। इससे अच्छा है कि मैं अकेला रहूं।

केस-2

सिटी की एक पैथोलॉजी में एक युवक सीमेंस टेस्ट कराने आया था। युवक एक प्राइवेट कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट में है। युवक की मैरेज 38 साल में हो रही है। पैथोलॉजिस्ट के मुताबिक युवक काफी टेंशन में था। जब सीमेंस टेस्ट कराने के बाद रिपोर्ट सही आई तो वह काफी खुश था। उसने कहा कि अब मेरा फ्यूचर ब्राइट है। युवक ने बताया कि बड़े भाई की लाइफ में आई टेंशन को देखते हुए उसने यह कदम उठाया था, मगर अब मैं खुश हूं।

report by : kumar.abhishek@inext.co.in