गोरखपुर (ब्यूरो)।लोग मार्केट में इसे लेने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके अलावा भी सेवईं की कई वेरायटी मौजूद हैं। किमामी सेवईं की रेसिपी आसान है और यह कम दाम में भी अवेलबल है। दुकानदारों की मानें तो उनकी ज्यादातर सप्लाई बनारस की है। गोरखपुर की लोकल सप्लाई भी हो रही है।

बनारसी, किमामी की जबरदस्त डिमांड

यूं तो पूरे सिटी में 7 तरह की सेवईयों की धूम मची हुई है। नखास चौक पर सेवईं शॉप ओनर मोनू की मानें तो इस वक्त सबसे ज्यादा डिमांड में बनारसी किमामी सेवईं है, जोकि हाथों-हाथ बिक जा रही है। वहीं दूध के साथ खाई जाने वाली सेवईं की भी जबदस्त डिमांड है, यह सिर्फ अभी ही नहीं बल्कि पूरे रोजेभर रही है। ज्यादातर रोजेदार सुबह सेहरी के और शाम के अफ्तार के वक्त इनका यूज करते हैं। इस वक्त शरबती, किमामी, लच्छेदार, दूध वाली, फेनी, भुनी किमामी, भुनी शर्बती, देशी घी की फेनी, बनारसी लच्छा और बनारसी किमामी सेवईं मार्केट में मौजूद है।

कई इलाकों में लगी है मार्केट

सेवई की मेन मार्केट यूं तो नखास पर परमनेंट ही लगी रहती है, लेकिन ईद और बकरीद के मौके पर सेवईयों के ताजिर लोगों की सुविधा के लिए जगह-जगह दुकान लगाते हैं। इन दिनों सिटी के नखास चौक के अलावा रेती और जाफरा बाजार, गोरखनाथ के साथ ही कई जगह सेवईयों की कई दुकानें लगी हुई हैं, जहां से लोग सेवई खरीद कर अपनी ईद का इंतजाम करने में लगे हुए हैं।

7 तरह के सेवई मार्केट मे घोल रहे मिठास

भुनी सेवईं कानपुरी - 140 रू

बनारसी किमामी - 100 रू

बनारसी लच्छेदार - 140 रू

लच्छेदार सेवईं - 80 रू

दूध से बनी सेवईं - 160 रू

बैम्बिनो सेवईं - 90 रू

लाल लच्छा - 100 रू

सफेद लच्छा - 140 रू

ईद को ध्यान मे रख कर लोग खरीदारी के लिए निकल रहे हैं। हमारे पास हर वेरायटी की सेवईं है। लोग खरीदने के साथ ही उसकी बुकिंग भी करा रहे हैं।

मोनू, शॉपकीपर नखास

मार्केट तो अच्छा है, लेकिन पिछले साल जैसा नहीं है। आगे मार्केट और बेहतर होने की उम्मीद है।

गुड्डू, शॉपकीपर नखास