- प्राइमरी को डिजिटल बनाने की व्यवस्था में जुटे हैं सतीश द्विवेदी

- जातिगत वोट बैंक खिसकने से गलत बयानबाजी कर रहे विपक्षी

GORAKHPUR: यूपी में बेसिक एजुकेशन पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगी। लखनऊ में बैठकर हम गोरखपुर के किसी स्कूल की स्थिति को जान सकेंगे। स्कूल के बच्चे की परफॉर्मेस, टीचर्स की मेहनत और इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग को हाईटेक बनाने के लिए डिजिटाइजेशन किया जा रहा है। यह कहना है यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी का। गुरुवार को वह सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। प्रेरणा तकनीकि फ्रेम वर्क के जरिए डिजिटाइजेशन की प्रोसेस जारी है। क्लास वन से लेकर आठवीं तक स्टूडेंट्स का डाटा फीड किया जा रहा है। क्लास सिक्स से लेकर आठ तक का डाटा फीड हो चुका है। मसलन, व्यवस्था यह चल रही है कि लखनऊ में बैठकर यह जाना जा सकेगा कि गोरखपुर में किसी स्कूल में बच्चे की परफॉर्मेस क्या है। उसे कितने नंबर मिले हैं। स्कूल बिल्डिंग की हालत कैसी है। क्या सुविधाएं मिल रही हैं। इन सबके बारे में जानकारी पाई जा सकेगी।

यूनिफॉर्म के साथ मास्क देने पर करेंगे विचार

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्टूडेंट्स एसेसमेंट टेस्ट कराया जा रहा है। प्राइमरी टीचर्स को ट्रेनिंग से जोड़ने के लिए निष्ठा योजना शुरू की गई है। इसके तहत टीचर्स को यह बताया जा रहा है कि पढ़ाई में कमजोर, एवरेज और सामान्य स्टूडेंट्स को कैसे ट्रीट करना है। इसके लिए टीचर्स को तीन किताबें भी दी जा रही हैं। प्राइमरी एजुकेशन में पीटीएम, एनुअल फंक्शन और योगा की शुरूआत की गई है। एजुकेशन डिपार्टमेंट में टीचर्स संबंधित जानकारी के लिए मानव संपदा पोर्टल का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक बार डाटा फीड होने के बाद उसी टीचर के नाम पर कहीं फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि फर्जीवाड़ा करने वाले कई टीचर्स की जांच चल रही है। एसआईटी और एसटीएफ लगातार काम कर रही है। फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे टीचर्स का जेल जाना तय है। उन्होंने कहा कि प्राइमरी के बच्चों को यूनिफॉर्म देने के साथ मास्क भी देने पर विचार किया जाएगा। इसका सुझाव मिला है। इसलिए इस संबंध में प्रपोजल रखा जाएगा।

विकास का समर्थन करने वाले दे रहे क्राइम को बढ़ावा

बेसिक शिक्षा मंत्री बिकरू कांड को लेकर ज्यादा फोकस रहे। उन्होंने कहा कि अपराधी किसी सहानुभूति का पात्र नहीं हो सकता है। यदि किसी अपराधी को उसकी जाति के नाम पर प्रोत्साहन मिलता तो व्यवस्था बिगड़ जाएगी। सोशल मीडिया पर कोई चीज पोस्ट करने के पहले समाज पर उसके प्रभाव को लेकर भी विचार करना चाहिए। विकास का समर्थन करने वाले अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। विकास ने यूपी में कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दी थी। इसलिए संगठित अपराध को जड़ से उखाड़ने, भय मुक्त शासन के संकल्प के साथ उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है। जातिगत वोट बैंक की राजनीति करने वाले सपा और बसपा के लोग अपने खिसक रहे जनाधार की बौखलाहट में लगातार गलत बयानबाजी कर रहे हैं। सरकार की कार्रवाई को जातीय रंग देने का कार्य कर रहे हैं। डीएसपी देवेंद्र मिश्र, पूर्व प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडे सहित कई ब्राह्मणों की हत्या करने वाले दुर्दात अपराधी विकास दुबे के पक्ष में आकर विपक्ष के लोग जाति का जहर घोलना चाहते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों संग मीटिंग करके जानकारी ली।