गोरखपुर (ब्यूरो)। जीडीए में वित्तीय वर्ष 2020-21 में करीब 157 करोड़ रुपए की आय हुई थी। इसके मुकाबले 136 करोड़ रुपए का व्यय था। वित्तीय वर्ष 2019-20 में करीब 110
करोड़ रुपए की आय हुई थी और 106 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 25 जनवरी तक प्राधिकरण करीब 204 करोड़ रुपए की कमाई कर चुका है और करीब 154
करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
मानचित्र व शमन मानचित्र शुल्क से बढ़ी इनकम
जीडीए में मानचित्र पास करने के कार्य को सुविधाजनक बनाया गया है। अपेक्षाकृत अधिक मानचित्र पास हुए एवं अनियमित निर्माण को शमन मानचित्र पास कर नियमित किया
गया। इससे जीडीए की आय में काफी इजाफा हुआ। इसके अतिरिक्त नई आवासीय योजनाओं को लांच करने से भी आय में बढ़ोत्तरी हुई है। रामगढ़ताल के किनारे प्रस्तावित गोरक्ष
एन्क्लेव आवासीय योजना के अधिकतर आवास पहली बार में ही बुक हो चुके हैं। लेक व्यू, पत्रकारपुरम आवासीय योजना को भी लोगों का रिस्पांस मिल रहा है। गोलघर स्थित जीडीए
टावर की दशा सुधारने के साथ इसे बेचने में भी कामयाबी मिली है।
विकास कार्यों में भी रहा आगे
आय हुई तो प्राधिकरण ने विकास कार्यों के लिए खर्च करने में भी रिकॉर्ड बनाया है। पहली बार अवस्थापना निधि से 70 करोड़ रुपए से अधिक लागत की विकास परियोजनाओं को
मंजूरी दी गई। इसके जरिए विभिन्न मोहल्लों में आरसीसी सड़क एवं नाली का निर्माण कराया गया। रामगढ़ताल परियोजना के सुंदरीकरण में भी धन खर्च किया गया।
जीडीए के इतिहास में पहला मौका है जब 200 करोड़ रुपए से अधिक आय हुई है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अभी दो महीना बाकी है। जीडीए में लोगों का विश्वास बढऩे से आय
बढ़ी है और इससे विकास करने का अवसर भी मिला है।
प्रेम रंजन सिंह, वीसी, जीडीए