-शहर की शादियों में राजस्थानी, जोधपुरी पगड़ी की डिमांड

-दुल्हे, दुल्हन के रिश्तेदार पहन रहे अलग रंगों की पगड़ी

GORAKHPUR:

शहर की शादियों में दुल्हे व बारातियों के लिए राजस्थानी व जोधपुरी पगड़ी पहनने की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ रही है। बारातियों के साथ ही दुल्हे राजा भी सेहरा के ऊपर साफा को तरजीह दे रहे हैं। दुल्हा, दुल्हन के रिश्तेदारों और समारोह के हिसाब से पगड़ी के कलर डिसाइड किए जा रहे हैं। इस डिमांड को पूरा करने के लिए शहर में कलाकारों की संख्या भी बढ़ रही है।

पगड़ी को अपनी शान समझने वाले भले ही अब इतिहास का हिस्सा बन चुके हों। लेकिन शादियों के सीजन में पगड़ी की डिमांड एक बार फिर अपने शबाब पर है। लाल, पीली, पचरंगी पगडि़यों को पहनने के लिए शादी में लोग बड़े स्तर पर खर्चा पर कर रहे हैं। जिससे पगड़ी का काम करने वाले कलाकारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शहर की शादियों में राजस्थानी साफा, जोधपुरी साफा, गुजराती साफा, लखनवी साफों की डिमांड हो रही है। तिलक, शादी, दुल्हा, दुल्हे का परिवार, दुल्हन के रिश्तेदार सभी मौकों पर अलग-अलग रंगों और पहचान की पगडि़यों की मांग हो रही है। पगडि़यों के साइज के हिसाब से इनके बांधने का चार्ज भी अलग है। कुछ कलाकार शादियों में प्रोफेशनल तौर पर पगड़ी बांधने का ही काम कर रहे हैं।

पगड़ी का साइज से तय होता है रेट

शादियों में बांधे जाने वाले पगडि़यों का साइज निश्चित होता है। जिसे बांधने का खास तरीका होता है। इसके लिए ही कलाकारों की बुकिंग की जाती है, जो शादियों में जाकर के दुल्हा-दुल्हन के रिश्तेदारों को पगड़ी बांधने का काम करते हैं। पगड़ी 5, 9 व 13 मीटर की ही बांधी जाती है, जिनका चार्ज फिक्स है। लेकिन दुल्हे और दुल्हन के भाई को साफा बांधने की फीस फिक्स नहीं है। इसके अलावा बांधने की स्टाइल के अनुसार भी पगड़ी बांधने की फीस तय होती है।

साइज बांधने का चार्ज

5 मी 70 रु

9 मी 150 रु

13 मी 250 रु

राजस्थानी व जोधपुरी की डिमांड

साफा या पगड़ी बांधने वाले कलाकारों के मुताबिक सबसे अधिक डिमांड राजस्थानी व जोधपुरी के लिए आती है। बाकी डिजाइनों से भी ज्यादा इनकी मांग हो रही है। इसके लिए लोग ज्यादा खर्चा करने को भी तैयार रहते हैं।

स्टाइल रेट 13 मी

राजस्थानी साफा 300 रु

जोधपुरी साफा 300 रु

गुजराती साफा 250 रु

जयपुरी साफा 250 रु

पचरंगी लहरिया पगड़ी 350 रु

लखनवी साफा 200 रु

साफा बांधने की डिमांड इस सीजन में काफी अधिक है। पिछले तीन दिनों से मुझे लगातार काम मिला हुआ है। इसकी मांग आगे अभी और बढ़ने की उम्मीद है।

शिव शक्ति गुप्ता, कलाकार

पहले मैं केवल दुकान पर बैठता था। पगड़ी बांधने की ज्यादा डिमांड आ रही थी। इसीलिए इस सीजन से सीखना शुरू कर दिया है।

सनी, कलाकार