- डीएम ने एक मार्च को ऑफिस को शिफ्ट करने के लिए दिए हैं निर्देश

- आरटीओ ऑफिस शिफ्टिंग को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार

GORAKHPUR: 45 सालों बाद आरटीओ को नया ठिकाना मिला है, लेकिन वहां जाने के लिए उनको सही वक्त नहीं मिल पा रहा है। एक बार फिर आरटीओ की शिफ्टिंग प्रॉसेस में इंटरनेट का अड़ंगा लग गया है। चूंकि सभी प्रॉसेस ऑनलाइन हो चुकी है और इंटरनेट कनेक्शन सबसे जरूरी पहलू है, इसकी वजह से एक बार फिर शिफ्टिंग का कम अधर में फंसता नजर आ रहा है। उधर डीएम ने आदेश दिया है कि हर हाल में एक मार्च तक आरटीओ नए ऑफिस में शिफ्ट कर दिया जाए, लेकिन बिना सुविधाओं को वहां शिफ्टिंग हुई तो इससे आरटीओ को भारी नुकसान होगा ही, वहीं पब्लिक को भी अपने कामों के लिए कनेक्शन लगने तक इंतजार करना पड़ेगा। आदेश मिलने के बाद आरटीओ असमंजस की स्थिति में हैं कि अब क्या किया जाए, लेकिन डीएम के निर्देश के बाद इसे शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

कोरोना की वजह से बढ़ी मुसीबत

लगभग छह करोड़ की लागत से बने आरटीओ के इस ऑफिस को मार्च 2020 में पूरा होना था। कोरोना काल के कारण समय से इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका। वहीं देरी के चलते इसका बजट भी बढ़ गया। जिससे शासन से निर्माण में लगने वाली बाकी रकम के लिए दोबारा बजट बनाकर भेजा गया। बजट पास होने के बाद फिर से निर्माण कार्य शुरू हुआ। जो अब जाकर लगभग एक साल के बाद पूरा हो सका है। एआरटीओ प्रशासन श्याम लाल ने बताया कि डीएम ने ऑफिस को यहां से ट्रांसफर करने के लिए एक मार्च का समय दिया है। लेकिन इतना जल्द कार्यालय ट्रांसफर कर पाना संभव नहीं दिख रहा है।

डीएम ने ऑफिस को ट्रांसफर करने के लिए एक मार्च का समय दिया है। नवनिर्मित कार्यालय में इंटरनेट से संबंधित कार्य चल रहे हैं। ऐसे में डीएम से मिली डेट पर कार्यालय ट्रांसफर कर पाना संभव नहीं है। इस संदर्भ में डीएम से वार्ता चल रही है।

- अनीता सिंह, आरटीओ प्रशासन