गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र पर 1989 के विधानसभा चुनाव से ही भगवा रंग छाया हुआ है। 1989 से लेकर अब तक हुए चुनाव में एक बार 2002 में योगी समर्थित हिन्दू महासभा के प्रत्याशी डॉ। राधामोहन दास अग्रवाल ने जीत हासिल की थी, तब भी जीत का रंग भगवा ही था। इस सीट से पूर्व मंत्री शिव प्रताप शुक्ल चार बार तथा डॉ। अग्रवाल चार बार जीत हासिल कर चुके हैं। इस चुनाव में भाजपा ने सीएम योगी को प्रत्याशी बनाया था, जिनकी सीट तय होने के साथ ही जीत भी सुनिश्चित मानी जा रही थी। यह अनुमान भी पहले से लगाया जा रहा था कि योगी एक लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतेंगे। अनुमान भी सटीक निकला। योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ जिले में बल्कि गोरखपुर क्षेत्र में जीत के अंतर का रिकॉर्ड बनाया है।

सपा के 4 सीट जीतने के लग रहे थे कयास

चुनावी घमासान के दौरान यह चर्चा थी कि समाजवादी पार्टी जिले में तीन से चार सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। पर, परिणाम सामने आते ही यह कयासबाजी धराशायी हो गई। भाजपा ने गत चुनाव में जीत से शेष रही चिल्लूपार की सीट भी जीत ली है। गत चुनाव में यहां से बसपा के टिकट विधायक चुने गए विनय शंकर तिवारी इस बार सपा के प्रत्याशी थे। गत चुनाव में उनसे हारने वाले भाजपा प्रत्याशी राजेश त्रिपाठी ने इस बार उनसे यह सीट छीन ली है।

दिनभर बजा ढोल-नगाड़ा, उत्साहित रहे कार्यकर्ता

सीएम योगी जीत के साथ-साथ यूपी में बीजेपी के बहुमत से आने को लेकर गोरखनाथ मंदिर में उत्साह नजर आया। दिनभर ढोल-नगाड़ा बजाते हुए समर्थक उत्साह दिखाते रहे। अबीर-गुलाल उड़ाते हुए लोगों ने एक दूसरे को खूब मिठाई खिलाई। मंदिर परिसर में लगे टीवी स्क्रीन पर लोगों ने चुनाव का रिजल्ट देखा। बाहर से लेकर भीतर समर्थकों का श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।