गोरखपुर (ब्यूरो)।हमें स्टूडेंट्स में साइंटिफिक टेंपर विकसित करने की आवश्यकता है। सीवी रमन भारतीय ही नहीं पहले एशियाई वैज्ञानिक थे जिन्हें विज्ञान में नोबेल पुरस्कार दिया गया। यह बातें गोरखपुर यूनिवर्सिटी में भारत रत्न सर सीवी रमन की 135वीं जयंती पर आयोजित स्पेशल लेक्चर में बतौर चीफ गेस्ट नैक के पूर्व डायरेक्टर प्रो। एएन राय ने कहीं। जयंती को यूनिवर्सिटी में धूमधाम से मनाया गया। इसके अंतर्गत स्टूडेंट्स के लिए स्पेशल लेक्चर, साइंस एग्जीबिशन, क्विज कॉम्प्टीशन और विजिट टू लैब कार्यक्रम के साथ-साथ एमओयू पर सिग्नेचर किया गया।

सीवी रमन के जीवन से सीख

अध्यक्षीय उद्बोधन में वीसी प्रो। पूनम टंडन ने कहा कि इस भव्य आयोजन का उद्देश्य स्टूडेंट्स को दूसरे देशों के साथ-साथ भारत के महान वैज्ञानिकों के बारे में बताना और विश्व के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक सीवी रमन के जीवन तथा उनके कार्यों की जानकारी देना है। वीसी ने कहा कि रमन इफेक्ट मॉलिक्यूल तथा मैटेरियल की पहचान करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण टूल है। इसका प्रयोग मेडिकल साइंस से लेकर पुरातत्व सर्वेक्षण सहित सभी विषयों में होता है। वीसी ने कहा कि सीवी रमन के जीवन से सीख मिलती है कि सीमित संसाधनों के बाद भी बड़ी उपलब्धि हासिल की जा सकती है अगर आपके पास नए विचार हो, प्रतिबद्धता, कठिन परिश्रम ईमानदारी हो तो।

भारत आज विश्व का फूड बास्केट

गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ। रामचेत चौधरी ने कहा कि कभी हंटिंग और कैटल्स का देश रहा भारत आज विश्व का फूड बास्केट बन गया है। उन्होंने कालानमक चावल पर चर्चा करते हुए कहा कि इसमें प्रोटीन, आयरन, जिंक जैसे महत्वपूर्ण तत्व अन्य प्रजातियों से अधिक है। इसे डायबिटीज के रोगी भी इसका सेवन कर सकते हैं यह शुगर फ्र है। कार्यक्रम संयोजक प्रो। रविशंकर सिंह ने सीवी रमन की जीवनी पर प्रकाश डाला। स्वागत उद्बोधन डीन साइंस प्रो। अजय सिंह ने दिया। संचालन डॉ। दीपा श्रीवास्तव और धन्यवाद ज्ञापन प्रो। सुधा यादव ने किया।

साइंस एग्जीबिशन में दिखाए मॉडल

अमृत कला वीथिका में साइंस एग्जीबिशन का उद्घाटन वीसी प्रो। पूनम टंडन ने किया। वीसी के साथ ही प्रो। एएन राय और डॉ। रामचेत चौधरी ने साइंस फैकल्टी के स्टूडेंट्स की ओर से प्रस्तुत किये गए रोचक पोस्टर और मॉडल्स का अवलोकन किया तथा सराहना की। लेक्चर के बाद साइंस क्विज का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ। प्रभुनाथ ने कहा कि बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने क्विज में सहभागिता की।