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- जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में दाखिले के लिए वाराणसी रीजन में इग्नू की सीटों पर हो सकता है विचार

- पिछले तीन साल से इग्नू, वाराणसी रीजन में आने वाले जिलों में बंद है बीएड में प्रवेश

GORAKHPUR: वाराणसी रीजन में आने वाले गोरखपुर के इग्नू स्टडी सेंटर से बीएड में प्रवेश लेने की चाहत रखने वाले स्टूडेंट्स की उम्मीद बढ़ गई है। तीन साल से रीजन में इग्नू की सीटें नहीं मिल रही हैं जिससे इस रीजन के स्टूडेंट्स को काफी दिक्कत हो रही है लेकिन नए सत्र से इग्नू वाराणसी रीजन को कुछ सीटें देने पर विचार कर सकता है। सेंट एंड्रयूज कॉलेज कैंपस में चल रहे इग्नू स्टडी सेंटर के समन्वयक का कहना है कि यहां के स्टूडेंट बीएड के संबंध में लगातार क्वेरी कर रहे हैं। यदि यहां इग्नू की सीटें मिलती हैं तो उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।

स्टडी सेंटर से हुआ था खेल

संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन अप्लीकेशन प्रोसेज समाप्त हो चुका है और मई फ‌र्स्ट वीक में एंट्रेस है। ऐसे में रेगुलर या प्राइवेट कॉलेजों से बीएड के इच्छुक स्टूडेंट्स को तो राहत है लेकिन इग्नू से बीएड करने की चाहत रखने वाले स्टूडेंट्स परेशान हैं। दरअसल, वाराणसी रीजन के तहत आने वाले इग्नू के सेंट एंड्रयूज स्टडी सेंटर पर बीएड के लिए आवेदन की प्रक्रिया पिछले तीन साल से बंद है। बताया जा रहा है कि पहले प्रत्येक स्टडी सेंटर पर बीएड के लिए 100 सीटें थी, लेकिन जब एनसीटीई ने इग्नू के एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) को देखा तो निर्धारित सीटों से ज्यादा दाखिला स्टडी सेंटरों में पाया गया।

कम हो गई सीटें

एनसीटीई की सख्ती के बाद इग्नू के उच्च अधिकारियों ने देशभर में 2500 सीटों पर बीएड में प्रवेश लेने का निर्देश जारी करते हुए रीजनवाइज सीटें तय कर दीं लेकिन वाराणसी रीजन को कोई सीट नहीं मिली। इस तरह इस रीजन के अंतर्गत आने वाले करीब दो दर्जन से ऊपर जिलों के बीएड आवेदक पूरी तरह से प्रभावित हो गए। स्टडी सेंटर पर आने वाले बीएड आवेदकों ने यह मांग की है कि इग्नू के उच्च अधिकारी वाराणसी रीजन के तहत आने वाले स्टडी सेंटर के लिए भी बीएड की सीटें निर्धारित करें।

प्रक्रिया भी टफ

एनसीटीई ने बीएड प्रवेश के नियमों में काफी बदलाव किए हैं, जिसके कारण अब इग्नू से बीएड करना भी पहले की अपेक्षा काफी टफ हो गया है। अब इग्नू से बीएड वहीं अप्लीकेंट्स कर सकता है जिसके पास यूजी या पीजी में 50 परसेंट मा‌र्क्स के साथ कंप्लीट डिग्री हो। साथ ही अप्लीकेंट्स मान्यता प्राप्त विद्यालय से टीचिंग का अनुभव प्रमाण पत्र, बीटीसी व नर्सरी टीचर ट्रेनिंग का कोर्स किया हो। इसके बाद ही वह एंट्रेस दे सकता है। लेकिन वाराणसी रीजन में सत्र 2014-15 से एंट्रेस ही नहीं हुआ है। जो एंट्रेस हो भी रहा है वह लखनऊ रीजन में चल रहा है।

इसलिए है डिमांड

- इग्नू से बीएड कोर्स की मान्यता प्राय: देशभर में है।

- जो शिक्षक पेशे से जुड़े हुए हैं और बीएड करना चाहते हैं उनके लिए रेगुलर पढ़ाई मुश्किल है। ऐसे में इग्नू से बीएड ही उनके पास विकल्प होता है।

- अगर अप्लीकेंट्स किसी स्टडी सेंटर में दाखिला ले लेते हैं तो वह ट्रांसफर भी करा सकते हैं।

- स्टेट यूनिवर्सिटीज से इग्नू की फीस भी कम होती है। इग्नू स्टडी सेंटर के फीस पिछले साल तक 20 हजार रुपए सालाना थी।

वर्जन

लखनऊ रीजन में बीएड के लिए इग्नू की सीटें हैं लेकिन वाराणसी रीजन में तीन साल से कोई सीट नहीं मिली है। इस कारण इस रीजन के स्टूडेंट्स परेशान हैं। अक्सर स्टूडेंट्स क्वेरी के लिए आते हैं और निराश लौट जाते हैं।

- डॉ। एनएन सिंह, इग्नू स्टडी सेंटर, सेंट एंड्रयूज कॉलेज

वाराणसी रीजन के अंतर्गत कुल 19 जिले आते हैं। इन जिलों के स्टडी सेंटर पर बीएड के लिए अलग से कोई सीट नहीं निर्धारित है। अगर एनसीटीई कुछ सीटें बढ़ाती हैं तो वाराणसी रीजन को इसका लाभ जरूर मिल सकता है।

- डॉ। एएन त्रिपाठी, डॉयरेक्टर, इग्नू, वाराणसी रीजन