- क्राइम ब्रांच और कैंट पुलिस ने किया एक जालसाज को अरेस्ट

- विदेश भेजने के नाम पर कइयों को लगाया था चूना

GORAKHPUR: स्टेशन रोड के एक होटल में बैठकर जालसाज बेरोजगार युवकों को विदेश भेजने के नाम पर ठग रहे थे। शिकायत सामने आने पर पुलिस ने होटल में चल रहे फर्जीवाड़े के खेल का पर्दाफाश किया। युवकों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले रैकेट के एक सदस्य को अरेस्ट करके पुलिस ने एक लाख 15 हजार कैश बरामद किया है। शनिवार की दोपहर कैंट थाना पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में एसएसपी रामलाल वर्मा ने बताया कि गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस लगी है।

फर्जीवाड़े की सूचना पर सक्रिय हुई पुलिस

बिहार के गया जिले के शेरघाटी सुमाली निवासी इम्तेयाज आलम ने 10 फरवरी को कैंट थाने शिकायत की। इम्तेयाज ने पुलिस को बताया कि सऊदी अरब भेजने के नाम पर उससे ठगी की गई है। फर्जी वीजा, एग्रीमेंट और हवाई टिकट देकर करीब सवा लाख रुपए ठग लिए गए। इम्तेयाज ने बताया उसे ठगने वाले जालसाज स्टेशन रोड पर पुराना पोस्टमार्टम गली वाली लेन के एक होटल से कारोबार का संचालन करते हैं। जांच पड़ताल में जुटी पुलिस ने घेराबंदी की तो तीन लोग फरार होने में सफल हो गए। एक युवक को पुलिस ने दबोच लिया। उसके पास से एक लाख 15 हजार रुपए नकद, पांच पासपोर्ट, फर्जी वीजा, एग्रीमेंट के पेपर, हवाई जहाज के टिकट मिले। पूछताछ में पकड़ने गए युवक की पहचान बिहार के छपरा, भलेदी निवासी अमलेश कुमार राय के रूप में हुई।

टूरिस्ट वीजा, फर्जी एग्रीमेंट से चल रहा धंधा

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि अमलेश अपने अन्य साथियों मतीन खान, इमामुद्दीन और जियाउद्दीन के साथ मिलकर काम करता है। बिहार से लेकर यूपी के कई जिलों में इनके रैकेट के सदस्य बेरोजगारों से विदेश जाने का आवेदन कराते हैं। फिर उनके पासपोर्ट लेकर चेन्नई में बैठे सगीर खान की मदद से वीजा और एग्रीमेंट उपलब्ध कराते हैं। फर्जी तरीके से टूरिस्ट वीजा और एग्रीमेंट पेपर बनाकर जालसाज युवकों को खाड़ी देशों में भेज देते थे। टूरिस्ट बीजा होने से युवकों को काम नहीं मिलता था। करीब डेढ़ सौ युवकों को झांसा देकर गैंग के सदस्य लाखों रुपए की ठगी कर चुके हैं। पुलिस का कहना है कि विदेश में कमाने जाने के लिए कामार्शियल वीजा की जरूरत होती है।

वर्जन

विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग के एक सदस्य को अरेस्ट किया गया है। उसके अन्य साथियों की तलाश में पुलिस टीम लगी हुई है।

रामलाल वर्मा, एसएसपी

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ऐसे करते हैं ठगी

- सीधे साधे युवकों से रुपए लेकर दे देते हैं फर्जी वीजा, जिससे युवक को शुरुआती जांच में ही लौटा दिया जाता है।

- कॉमर्शियल वीजा का झांसा देकर देते हैं टूरिस्ट वीजा, जिससे बेरोजगार को विदेश में काम नहीं मिलता। उसे घूमकर वापस आना पड़ता है।

- एजेंट कमाने के चक्कर में बड़ी विदेशी कम्पनी बताकर छोटी कम्पनियों या स्टोर्स में काम दिला देते हैं। जिससे युवक को बाद में परेशानी होती है

- अक्सर विदेशी कम्पनियों का एग्रीमेंट पेपर अस्पष्ट होता है। एग्रीमेंट पेपर को बिना ठीक से समझे युवक साइन कर देते हैं, जिससे उनको बाद में परेशानी होती है। - छोटी कम्पनियां और स्टोर्स युवकों से निर्धारित समय सीमा से अधिक दूसरे कार्य भी लेते है। जिससे उसका शोषण होता है। - आवेदक को एग्रीमेंट पेपर को ठीक ढंग से समझ कर ही साइन करना चाहिए।