-घाटा लगने से पिता को होती तकलीफ, इसलिए दे दी जान

-नितिन की मौत का राजफाश करने के करीब पहुंची एसटीएफ

GORAKHPUR: शहर के सर्राफ नितिन अग्रवाल के मौत की गुत्थी 24 घंटे के अंदर सुलझ जाएगी। जांच के बाद पुलिस तकरीबन इस नतीजे पर पहुंच गई है कि नितिन किसी साजिश के शिकार नहीं हुए थे। पुलिस को मिले सभी सबूत खुदकुशी की ओर इशारा कर रहे हैं। हालांकि नितिन के परिवार के लोग पुलिस की दलीलों पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं।

लखनऊ की एफएसएल टीम ने मोबाइल का पासवर्ड क्रेक कर जरूरी जानकारी जुटा ली है। अधिकारियों की संस्तुति मिलते ही केस का राजफाश हो जाएगा। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि कर्ज में डूबे नितिन ने खुद को आग लगाकर जान गवा दी। पिता के प्यार-दुलार के चलते वह अपनी समस्या सामने नहीं रख पाया था। उसे डर था कि लाखों रुपए कर्ज की बात सामने आने पर कहीं पिता को दिल का दौरा न पड़ जाए।

रविवार को फोरलेन पर हुई घटना

रविवार सुबह करीब सवा 10 बजे नितिन अपने आवास से निकले। दोस्त सुनील के घर पहुंचकर कार ली। फिर चाचा के घर जाने की बात कहकर वह कहीं चले गए। दोपहर 12 बजे के बाद उनके परिवार के लोगों ने अनहोनी की आशंका में तलाश शुरू कर दी। ठीक उसी समय फोरलेन पर तेनुआ टोल प्लाजा के पहले कार में आदमी के जलने की सूचना मिली। परिवार के लोगों ने नितिन की पहचान कर ली। शुरुआती जांच में पुलिस ने एक्सीडेंट के बाद आग लगने की बात कही। राहगीरों और कुछ लोगों ने कार से दो लोगों के उतरकर भागने की बात कहकर मामला उलझा दिया। नितिन के मर्डर की आशंका जताते हुए परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। रात में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या कर डेड बॉडी छिपाने का मामला दर्ज कर लिया। शहर के व्यवसायी परिवार से जुड़े मामले की जानकारी होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने परिजनों से बात की। इसके बाद हत्याकांड की जांच का जिम्मा एसटीएफ को सौंप दी।

सफेद कागज पर लिखी मौत की वजह

एसटीएफ और अन्य अधिकारियों से बातचीत में सुसाइड करने के ज्यादा सबूत मिले। घटना के ठीक पहले तीन बार नितिन ने पत्‍‌नी से बातचीत की थी। बाघागाड़ा की ओर जाते समय खुद ही नौसढ़ में पेट्रोल खरीदने गए थे। इस दौरान उन्होंने 120 रुपए का पेट्रोल खरीदा। 360 रुपए का डीजल कार में भरवाया। हालांकि उस समय कार का टैंक लबालब भरा था। इस बात के सबूत भी मिले हैं बदन में आग लगने के कुछ देर बाद तक नितिन की पत्‍‌नी से बात होती रही। नितिन ने पत्‍‌नी को बताया था कि बेड पर एक सफेद कागज में कुछ बातें लिखी हैं उनको जरूर पढ़ लेना। उन्होंने यह भी कहा था कि घाटा लगने की बात जानकर उनके पिता को हार्ट अटैक आ सकता है। इसलिए उन्होंने किसी से कोई बात नहीं बताई। हालांकि परिवार के लोग वह कागज मिलने से मुकर रहे हैं।

अचानक नुकसान से बिगड़े हालात

मौत का राज जानने के लिए पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। यह सामने आया कि नितिन के तीन-तीन अलग बैंक एकाउंट्स में नकदी नहीं है। एक एकाउंट में कोई पैसा नहीं है। दूसरे में महज 63 रुपए और तीसरे में छह हजार रकम जमा है। पुलिस का मानना है कि नकदी न होने की वजह से ही नितिन ने अपने सहयोगी विष्णु के नाम से कार खरीदी थी। इस बीच वह रुपए कमाने की जुगत करते रहे थे। ज्वेलरी के शेयर में रकम लगाने की जानकारी उन्होंने पिता को नहीं थी। एक पखवारे के भीतर नितिन को भारी नुकसान होने की बात सामने आई है। लाखों रुपए का कर्ज लौटाने का दबाव भी बढ़ने लगा था। हालांकि परिजनों को पुलिस की थ्योरी पर यकीन नहीं हो रहा है। उनके पिता सबसे यही कह रहे हैं कि वह बेटे का हर कर्ज चुका सकते थे। खर्च के लिए खुद ही बेटे को जब तब पैसे दिया करते थे। जरूरत पड़ने पर वजह पूछे बिना ही वह हजारों रुपए नकदी दे दिया करते थे। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि घर से निकलते समय नितिन ने पत्‍‌नी से जहर खाने की बात कही थी।