गोरखपुर (ब्यूरो)।अब तक स्टूडेंट्स के बीच पहुंचकर वोट की अपील करने वाले यह स्टूडेंट लीडर वार्डों में घर-घर जाकर अपने लिए वोट की अपील कर रहे हैं। इस बार नगर निकाय इलेक्शन में कुछ पुराने तो कई छात्रनेता पहली बार चुनाव मैदान में हैं।

वार्ड 27 से कैंडिडेट बने शिवशंकर

वार्ड 27 जटेपुर उत्तरी से सपा के टिकट पर छात्रनेता शिवशंकर गौड़ निकाय चुनाव लड़ रहे हैं। शिवशंकर गौड़ ने साल 2012 में छात्र राजनीति की शुरुआत गोरखपुर यूनिवर्सिटी से की। साल 2016 में इन्होंने डीडीडीयूजीयू से ही महामंत्री का चुनाव भी लड़ा। वोट अच्छे मिले पर जीत नहीं दर्ज कर सके। बाद में यूनिवर्सिटी इलेक्शन पर रोक लग गई। शिवशंकर के पिता राजेश कुमार गौड़ ठेला चलाते हैं। ठेला चलाकर ही घर का खर्चा चलता है। बेटे को टिकट मिलने पर वो एक वक्त ठेला चला रहे हैं और दूसरे टाइम चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

वार्ड 7 से ताल ठोंक रहे पल्लू

छात्रनेता जितेन्द्र वर्मा पल्लू निर्दल प्रत्याशी के रूप में वार्ड 8 से ताल ठोंक रहे हैं। पल्लू अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े थे। इस बार उन्होंने भाजपा से टिकट के लिए आवेदन किया था, लेकिन टिकट नहीं मिला तो पल्लू निर्दल ही चुनाव मैदान में उतर गए। इन्होंने साल 2006 में दिग्विजय नाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय से छात्र संघ उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ा। डीडीयूजीयू में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में विश्वविद्यालय इकाई का तीन बार निर्विरोध अध्यक्ष रहे। यही नहीं साल 2012 में बीजेपी के बैनर तले वार्ड नंबर 7 से पार्षद का चुनाव भी लड़ा, जिसमें सेकेंड पोजीशन पर रहे।

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कल्पनाथ पहुंचे सदन

गोरखपुर विश्वविद्यालय के कई छात्र नेता सदन पहुंचे। कल्पनाथ राय 1963 में गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के महामंत्री चुने गए। इसके बाद कदम आगे बढ़े तो घोसी लोकसभा से चार बार सांसद और तीन बार राज्य सभा सदस्य बने। इंदिरा गांधी और नरसिंह राव सरकारों में मंत्री भी रहे।

कौड़ीराम विधायक चुने गए रवींद्र सिंह

गोरखपुर यूनिवर्सिटी और लखनऊ विश्वविद्यालय से छात्रसंघ अध्यक्ष रहे रवींद्र सिंह भी 1977 में कौड़ीराम से विधायक चुने गए। रवींद्र सिंह का अपने क्षेत्र में प्रभाव इतना ज्यादा था कि निधन के बाद पत्नी गौरी देवी तीन बार विधायक चुनी गईं।

पप्पू जायसवाल जीते थे निर्दल चुनाव

पिपराइच विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर विधायक और फिर मंत्री बने जितेंद्र जायसवाल उर्फ पप्पू डीएवी डिग्री कॉलेज में छात्रसंघ की राजनीति करते थे।

जनार्दन प्रसाद ओझा उच्च पद पर पहुंचे

स्व। जनार्दन प्रसाद ओझा भी गोरखपुर यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति से जुड़े रहे। समाजवादी आंदोलन में अगुवा रहे जर्नादन ओझा, छह बार महराजगंज के श्यामदेउरवा विधानसभा से विधायक चुने गए और प्रदेश में मंत्री बने।

विधानसभा अध्यक्ष बने थे माता प्रसाद

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में परास्नातक की उपाधि प्राप्त करने वाले सिद्धार्थनगर के माता प्रसाद पांडेय पढ़ाई के दौरान ही आंदोलन में कूद पड़े। सिद्धार्थनगर के इटवा क्षेत्र का छह बार प्रतिनिधित्व कर चुके माता प्रसाद पांडेय ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, श्रम मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने दो बार विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदार भी निभाई।

छात्र राजनीति से तपकर निकले थे गणेश शंकर पांडेय

पांच बार एमएलसी और विधान परिषद के सभापति गणेश शंकर पांडेय भी छात्र राजनीति से तपकर निकले हैं। वे छात्रसंघ चुनाव तो नहीं लड़े लेकिन छात्र राजनीति में हमेशा सक्रिय रहे।