- डीडीयूजीयू के परीक्षा सामान्य विभाग में बेतरतीब तरीके से रखी डिग्रीयों को चाट गए दीमक

- पिछले तीन महीने से कॉलेजों को नहीं भेजी गई डिग्रियां, कर्मचारियों ने डिस्पैच क्लर्क पर लगाया लापरवाही का आरोप

GORAKHPUR: अगर आपने ने अपनी डिग्री निकलवाई नहीं है तो आज ही निकलवा लीजिए। वरना आपकी भी डिग्री डीडीयूजीयू के दीमक चाट जाएंगे। दीमक की वजह से डीवीएनपीजी कॉलेज के स्टूडेंट्स को अपनी डिग्री का इंतजार करना पड़ रहा है। कॉलेज के यूजी और पीजी स्टूडेंट्स के डिग्री अब तक कॉलेज नहीं भेजी गई, लापरवाह रवैये की वजह सैकड़ों डिग्रियों को दीमक खा गए। जब इस बात की जानकारी यूनिवर्सिटी प्रशासन को हुई तो आनन-फानन में दूसरी डिग्री बनवाने का निर्देश दिया है।

2013 की थी डिग्री

डीडीयूजीयू के परीक्षा सामान्य डिपार्टमेंट में डिग्री बनाए जाने का काम किया गया जाता है, लेकिन डिग्री रखने के लिए यहां कोई स्पेसिफिक जगह न होने के कारण परीक्षा सामान्य डिपार्टमेंट में सैकड़ों डिग्रियां आज भी बेतरतीब तरीके से रखी गई हैं। जिसका नतीजा यह निकला कि सन 2013 की डिग्रियां दीमक चाट गए। यह मामला तब उजागर हुआ। जब डिग्री बनाने वाले दो कर्मचारियों के बीच इसको लेकर बहस होने लगी। उसके बाद से परीक्षा सामान्य विभाग में डिग्री को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है।

बनाई जा रही दूसरी डिग्री

गलती किसी की भी हो, लेकिन इससे चपत यूनिवर्सिटी को ही लगी है। दीपक चाटने की वजह से जो भी डिग्रियां खराब हुई हैं, उनको दोबारा बनाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। परीक्षा सामान्य के क्लर्क कुछ ही डिग्रियों के खराब होने की बात कर रहे हैं, लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें तो इसकी जद में यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज की सैकड़ों डिग्रियां आई हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस गंभीर लापरवाही बरतने वाले परीक्षा सामान्य विभाग से पूछताछ शुरू कर दी है।

कर्मचारियों का क्या कहना है?

परीक्षा सामान्य विभाग में तैनात डिग्री बनाने वाले कर्मचारियों की मानें तो डिग्री रखना, उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। आज भी डिग्रियां जमीन पर ही रखी जाती हैं। इसको प्रॉपर रखने की जिम्मेदारी डिस्पैच डेस्क की है, लेकिन संसाधनों की कमी और कुछ लापरवाही की वजह से डिग्रियों पर संकट आ गया है। वहीं टाइमली कॉलेजेज को डिग्री न भेजने की वजह से भी यह मुसीबत सर पर आन पड़ी है।

लापरवाही नहीं है तो क्या है ?

यूनिवर्सिटी को एक डिग्री बनाने के लिए करीब 16 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इसमें कागज से लेकर छपाई तक की रकम शामिल है, लेकिन विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते स्टूडेंट्स को अब भी डिग्री का इंतजार करना पड़ रहा है। इसमें अगर 500 डिग्रियों को भी दीमक ने चाटा है, तो इससे भी यूनिवर्सिटी को हजारों का नुकसान होगा।

डिमांड भेजी लेकिन नहीं मिली डिग्री

डीवीएनपीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। शेर बहादुर सिंह ने बताया कि अभी तक यूनिवर्सिटी की तरफ से सन 2013 की डिग्री नहीं मिली है। जबकि यूनिवर्सिटी को इसे टाइमली भेज देना चाहिए था। इसके लिए कॉलेज की तरफ से कई बार डिमांड भी भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक डिग्री कॉलेज नहीं पहुंची है, न ही उसको आने की टेंटेटिव डेट ही मिल सकी है।

डिग्री दीमक चाट गए, इस मामले की जानकारी फिलहाल मुझे नहीं है। लेकिन अगर इस तरह से लापरवाही हुई है। इस मामले में संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी।

- अशोक कुमार अरविंद, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू