गोरखपुर (ब्यूरो)। बीते दिनों एक्सईएन व एसडीओ ने कॉबिंग अभियान चलाया। इस दौरान 50 से अधिक घरों के मीटर में रीडिंग स्टोर मिली। टीम यह देखकर हैरान हो गई कि अप्रैल में बिल बनने के बाद भी कंज्यूमर्स के मीटर में 5 से 8 हजार तक रीडिंग का बिल नहीं बना है। एक्सईएन ने ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम में जांच की तो पता चला कि बीते तीन माह से मीटर रीडर लगातार टेबल रीडिंग कर बिल बना रहे है।
इसको लेकर खंड के एक्सईएन ई। मनीष झा ने बिलिंग एजेंसी क्वैश क्रॉप के जोनल मैनेजर को पत्र लिखकर मीटर रीडरों की कार्यप्रणाली से अवगत कराकर कार्रवाई करने को कहा है। इसके साथ ही एक्सईएन ने जोन के चीफ इंजीनियर से लगायत सभी आला अफसरों को प्रतिलिपि भेजकर कहा है कि बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडरों की कार्यप्रणाली से खंड को पर्याप्त राजस्व नहीं मिल पा रहा है। कॉबिंग अभियान के दौरान कंज्यूमर्स के परिसर की जांच में बिजली मीटर में एक हजार से लेकर आठ हजार तक रीडिंग स्टोर मिली। कंज्यूमर्स का कहना है कि मीटर रीडर हर महीने बिल देकर चले जाते है। वे पहले से ही बिल बनाकर लाते है। इसका मतलब यह है कि मीटर रीडर टेबल रीडिंग कर रहे है। यही वजह है कि खण्ड को मिलने वाली बिजली का पैसा नहीं मिल पा रहा है। रीडिंग के मुताबिक बिल बनेगा तभी तो उसकी वसूली होगी। ऐसे में बिलिंग एजेंसी के जिम्मेदारों को मीटर रीडरों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए निर्देश दिए जाए। एक्सईएन ने बिलिंग एजेंसी से दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।