गोरखपुर (ब्यूरो)। पब्लिक की मदद से एक मोहल्ले में अवैध कारोबार पर लगाम कस गई, लेकिन कई जगहों पर अवैध शराब पहले की तरह की बिक रही है। अवैध शराब के कारोबार को रोक पाने में लोकल पुलिस से लेकर आबकारी विभाग तक नाकाम है। अवैध शराब के कारोबार में सबसे ज्यादा बदनाम राजघाट एरिया का अमरुतानी है। दो दिन पूर्व भी अमुरतानी में पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध शराब का जखीरा, उपकरण सहित अन्य सामान बरामद किया था। एसएसपी ने कहा कि अवैध कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। कारोबार पाए जाने पर संबंधित थानेदार, हलका प्रभारी और बीट पुलिस आफिसर जिम्मेदार होंगे।

10 माह पूर्व चला था पुलिस का ड्रोन

राजघाट एरिया में राप्ती नदी के किनारे अमुरतानी में अवैध ढंग से कच्ची शराब बनाने का कारोबार खूब होता है। हर माह होने वाली पुलिस की कार्रवाई का कोई असर कारोबारियों पर नहीं पड़ता है। करीब 10 माह पूर्व इस एरिया में ड्रोन कैमरों की मदद से तत्कालीन एसपी सिटी सोनम कुमार ने कार्रवाई का अंजाम दिया। जेसीबी की मदद से आठ घंटे तक चले सर्च आपरेशन में आठ सौ लीटर बनी हुई अवैध शराब, दो सै कुंतल महुआ-लहन भी टीम ने नष्ट किया। लेकिन इस अभियान के बाद भी कारोबार ठप नहीं हुआ। करीब-करीब हर हफ्ते इस जगह पर अवैध शराब बनाने का मामला सामने आता है। लोगों का कहना है कि अमरुतानी में बनने वाली शराब की सप्लाई पूरे जिले में होती है।

इन जगहों पर कच्ची का कारोबार

कैंट एरिया के मोहद्दीपुर, नंदानगर और रजही नर्सरी

खोराबार के रामपुर फुलवरिया, जंगल सिकरी विनटोलिया, रामगढ़ नर्सरी, तुर्रा नाला

गुलरिहा के सरैया, नरायनपुर, मोगलहा, जंगल डुमरी सहित अन्य जगहें

शाहपुर के बधिक टोला, मोहनापुर, सैनिक बिहार, दरगहिया

चिलुआताल के मोहरीपुर, केवटहिया, नकहा नंबर एक, तेनुही और चिलुआताल में नाव पर कच्ची बनती है।

पिपराइच के तिनकोनिया नर्सरी, नैयापार, बिचऊपुर सहित कई जगहें हैं।

गोरखनाथ एरिया लच्छीपुर सहित कई जगहों पर शराब बनाने का काम होता है।

झंगहा, चौरीचौरा, बड़हलगंज, बेलीपार, गीडा सहित अन्य क्षेत्रों में भी कच्ची शराब बिकती है।

आबकारी और पुलिस विभाग जिम्मेदार

अवैध कच्ची शराब की रोकथाम के लिए आबकारी विभाग और पुलिस महकमा कार्रवाई करता है। हर माह दोनों विभाग अपनी रिपोर्ट भी भेजते हैं। फिर भी कारोबार बेलगाम चल रहा है। वर्ष 2015 में पिपराइच एरिया में जहरीली शराब से मौतें होने पर ज्यादा सख्ती दिखाई गई। बाद में धीरे-धीरे कार्रवाई रूटीन में जारी रही। अवैध कच्ची शराब के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पुलिस और आबकारी विभाग एक-दूसरे पर मामला टालते हैं।

जिले में अवैध कच्ची शराब के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। अवैध शराब बनाने वालों की धरपकड़ की जा रही है। अभियान चलाकर कारोबार को नष्ट कराया जाएगा। अवैध कच्ची शराब का कारोबार मिलने पर संबंधित थानेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

- डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी