गोरखपुर (ब्यूरो).घटना खजनी इलाके के कंदराइ गांव की है। बताया जा रहा है कि बच्चे के दाहिने अंगूठे में नाखून धंस गया था। इलाज के लिए उसकी मां उसी गांव में किराये का कमरा लेकर फर्जी क्लिनिक चला रहे झोलाछाप डॉक्टर विजय पासवान के पास लेकर गई थीं। डॉक्टर विजय 8 दिनों से बच्चे का इलाज कर रहा था। सोमवार को बच्चे की मां बेटे को लेकर डॉक्टर विजय के पास बैंडेज कराने पहुंची थीं। आरोप है कि डॉक्टर ने उसे दो इंजेक्शन लगाए, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई।

मुंह से निकलने लगा झाग

आरोप है कि तबीयत बिगडऩे पर डॉक्टर ने कहा घर जाकर और पैसे लेकर आओ, इसकी तबीयत ठीक नहीं है। इसे और दवाई और इंजेक्शन देना पड़ेगा। लेकिन घरवाले बच्चे के मुंह से झाग निकलते देख उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

महाराजगंज रहता है डॉक्टर

महाराजगंज के सिसवा बाजार का रहने वाला झोलाछाप डॉक्टर विजय पासवान इसी गांव में किराये का कमरा लेकर फर्जी क्लिनिक चलाता है और गांव के लोगों का इलाज करता है।

बड़ा बेटा था प्रिंस

मृतक प्रिंस के पिता लालचंद यादव एक हफ्ते पहले बेंगलुरू गए हैं। वे वहीं पर काम करते हैं। प्रिंस लालचंद के दो बेटों में बड़ा था। प्रिंस के बड़े पिता हरिश्चंद्र यादव ने पुलिस को तहरीर दे दी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की पड़ताल में जुट गई।

सोमवार को खोराबार में हुई थी मौत

सोमवार को खोराबार इलाके के कुस्मही बाजार में झोला छाप डॉक्टर ने पाइल्स से पीडि़त आशीष गुप्ता (28) का ऑपरेशन किया था, जिसके बाद युवक की तबीयत बिगड़ी तो उसे दूसरे अस्पताल भेजने की सलाह दे दी। परिवार वाले युवक को दूसरे अस्पताल लेकर पहुंंचे तो वहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इधर अपनी गलती भांप झोलाछाप डॉक्टर क्लिनिक पर ताला लगाकर फरार हो गया।

डॉक्टर की जांच पड़ताल में पता चला कि वो अनक्वालिफाइड है। यहां पर फर्जी क्लिनिक चला रहा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

अरुण कुमार सिंह, एसपी साउथ