विधानसभा: गोरखपुर ग्रामीण

समय: दोपहर दो बजे

स्थान: घासीकटरा मोहल्ला

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नुक्कड़ और मोहल्लों में मौजूद टी स्टॉल्स पर चुनावी सरगर्मी काफी तेज हो चुकी हैं। इलेक्शन से जुड़े पहलुओं की बात हो या फिर पांच साल में जनप्रतिनिधि की ओर से किया गया विकास, सरकारों में चल रही हलचल हो या फिर बड़ी पार्टीज के बीच हो रहा गठबंधन, सभी मामलों में लोग चर्चाओं में जुटे हैं। जनप्रतिनिधि ने पांच सालों में क्या किया और वह किस आधार पर अपना जनप्रतिनिधि चुनेंगे, इसके लिए आई नेक्स्ट की चाय पर चर्चा की चौपाल ग्रामीण विधानसभा के घासीकटरा मोहल्ले में पहुंची। यहां लोगों ने दिल खोल कर अपने विचार रखे।

(आई नेक्स्ट रिपोर्टर जब टी-स्टॉल पर पहुंचा तो वहां पहले से ही इंटरनेशनल चुनावी चर्चा यानी कि डोनाल्ड ट्रंप को लेकर बातचीत चल रही थी। इस दौरान रिपोर्टर ने लोकल मुद्दे को छेड़ते हुए चर्चा का रुख बदलने की कोशिश की। )

आई नेक्स्ट रिपोर्टर: अरे ट्रंप की बात छोडि़ए साहब, यह बताइए कि इस बार आप अपना विधायक किसे चुनने के लिए जा रहे हैं।

(तभी बगल में बैठे फरहान बोल पड़े)

फरहान: अरे साहब, पहले कैंडिडेट्स तो फाइनल होने दीजिए। फिर देखा जाएगा किसे वोट करना है।

(ये सुनकर थोड़ी दूर पर बैठे गुलाम सरवर बोल उठे)

सरवर: भाई, जो इलाके का विकास करेगा, उसी को वोट दिया जाएगा। क्यों गोलू?

गोलू गुप्ता: (सरवर की हां में हां मिलाते हुए) जी भइया, अरे विधायक जी ने विकास किया है, अगर वह उठते हैं, तो उन्हीं को वोट किया जाएगा।

(तभी वहां बैठे रफी बोल पड़े)

रफी: अरे कहां विकास किया है भाई, आज भी कई इलाकों को सड़कें ज्यों की त्यों हैं। अभी दूर जाने की जरूरत नहीं है, बगल में बख्तियार मोहल्ले की हालत देख लीजिए, चलने लायक नहीं है, किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं गया है।

(वहीं बगल में बैठे बुजुर्ग शोहरत अली बोल पड़े)

शोहरत अली: विधायक जी ने पहले कहां काम करवाया है। इधर चुनाव करीब आने के बाद वह एक्टिव हुए हैं। इससे पहले तो वह झांकने भी नहीं आते थे।

(इस बीच एक नया मेंबर रिजवान मारुफी एंट्री करता है)

रिजवान: क्या चल रहा है भाई। किस बात पर बहस छिड़ी है?

मोहम्मद आजम: अरे इलेक्शन को लेकर चर्चा चल रही है कि इस बार किसको वोट करना है और किस मुद्दे पर वोट करना है।

रिजवान: मुद्दा क्या सोचना है। विकास जो करेगा, उसे ही वोट मिलेगा। सूबे की सरकार ने विकास किया है, इसलिए उसको वोट करना चाहिए।

आसिफ: विकास किया है तो प्रदेश में किया है, शहर को क्या मिला है। जहां देखो आधे-अधूरे काम पड़े हुए हैं। चुनाव करीब आने के बाद काम में कुछ तेजी आई है, वरना चार साल तक तो मुकामी जनप्रतिनिधियों ने विकास के बारे में सोचा भी नहीं था। न ही वह मोहल्ले में ही नजर आते थे।

अजय कुमार: विकास तो हुआ है। चाहे देर में ही सही। अबकी सरकार आए तो और ज्यादा विकास होगा। कांग्रेस के साथ गठबंधन भी हो चुका है, जो वोटर्स कटने वाले थे, वह भी कहीं नहीं भागेंगे।

फरहान: अरे क्या बात करते हैं? सपा और कांग्रेस में गठबंधन तो हो गया है, लेकिन जो पिछले कई सालों से चुनाव की तैयारी कर रहे थे, अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो क्या वह बागी नहीं होंगे?

रिजवान मारुफी: नहीं क्यों बागी होंगे? आखिर पिछली बार मेयर के इलेक्शन में कांग्रेस ने जब उम्मीदवार उतार दिया था, तो सपा ने अपना कोई कैंडिडेट नहीं डिक्लेयर किया था। इससे तब कांग्रेस कैंडिडेट सुरहिता करीम ने कड़ी फाइट भी दी थी। थोड़ा चूक हो गई, वरना वह जीत ही जातीं।

मो। आजम: कांग्रेस का गोरखपुर में कोई खास अस्तित्व नहीं है। लेकिन वह 2019 की तैयारी कर रहे हैं। इस गठबंधन के बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में यूपी के बारे में ज्यादा नहीं सोचना पड़ेगा।

फरहान: सही कहा भाई। अब देखना यह है कि गोरखपुर में कांग्रेस को लड़ने के लिए कितनी सीट मिलती है। सपा ने चार सीटें तो करीब फाइनल कर दी हैं। बाकी बची हुई पांच सीटों में वह कांग्रेस के लिए कौन सी सीट छोड़ेंगे, इसका लोगों को बेसब्री के साथ इंतजार है।

गोलू गुप्ता: कोई भी गठबंधन हो, कोई भी सरकार बने, बस लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए। सड़क, बिजली, पानी और दूसरी जरूरी सुविधाएं सस्ती दरों में आसानी से मिलती रहें, बस यही चाहत है।

टी प्वॉइंट

मेरी यह दुकान काफी पुरानी है। मेरे अब्बू और चाचा इसे चलाते हैं। छुट्टियों में मैं भी यहां बैठकर टाइम पास कर रहा हूं। 30 साल से लोग यहां चाय की चुस्की लेने के लिए पहुंचते हैं। सभी मुद्दों पर चर्चाएं भी होती हैं। लोगों की बात सुन लेता हूं और अपना धंधा भी चल जाता है।

-बेलाल अहमद