--IDS स्कीम के बाद इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई की तैयारी

-कई बड़े कारोबारियों पर विभाग की नजरें टेढ़ी, जल्द पड़ सकती है रेड

KANPUR@inext.co.in

KANPUR : केंद्र सरकार ने ब्लैक मनी को बाहर निकालने के लिए आईडीएस स्कीम शुरू की थी, जिसकी मियाद सितंबर में खत्म हो गई। इस स्कीम से 1800 करोड़ की अघोषित संपत्ति तो बाहर आ गई है, लेकिन बावजूद इसके सिटी में अब भी करोड़ों की अघोषित संपत्ति घोषित नहीं की गई है। छिपी हुई है, जिसकी घोषणा नहीं की गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब ऐसे लोगों को चिन्हित कर रहा है और लिस्ट बना रहा है। उन पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी।

50 कारोबारियों की मॉनिटरिंग

आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स डिस्क्लोजर स्कीम (आईडीएसस) के बाद अगले चरण में छापों का दौर शुरू होगा। विभाग ने ऐसे लोगों का पूरा डाटा बैंक तैयार कर लिया है। जिन्होंने योजना के तहत काली कमाई का खुलासा नहीं किया है या फिर बहुत कम रकम इस योजना के तहत घोषित की है। ऐसे लोगों में सिटी के कई बड़े उद्योगपति व व्यापारी हैं। डॉक्टर्स व खाद्य सामग्री के कारोबार से जुड़े करीब 50 कारोबारियों की मॉनिटरिंग की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक सिर्फ कागजों के ऊपरी पड़ताल पर ही 15 सौ करोड़ की अघोषित काली कमाई का अंदाजा लगाया गया है। बताते चलें कि 30 सितंबर तक इस स्कीम के तहत अपनी छिपी हुई संपत्ति व इनकम नहीं दिखाई थी, उन्हें स्वेच्छा से घोषित करने का मौका दिया गया था। सरकार ने इस स्कीम के तहत लोगों को एक मौका अपनी भूल सुधार किया दिया था।

सबसे ज्यादा सामने आए डॉक्टर्स

इस स्कीम के तहत सबसे ज्यादा डॉक्टर्स व छोटे व्यापारियों के बड़े कारनामे सामने आए हैं। जून में स्कीम शुरू होने के बाद शुरुआत में इस स्कीम पर बहुत ही धीमा काम चल रहा था। लोग इंतजार कर रहे थे कि स्कीम से किसी तरह से बच सकें, लेकिन फिर जब इनकम टैक्स विभाग की टीमों की सख्ती शुरू हुई तब लोग धीरे-धीरे सामने आने लगे। सूत्रों के मुताबिक सबसे खास बात ये रही है कि आखिरी 20 दिनों में बड़ी संख्या में डॉक्टर्स सामने आए। बताया जा रहा है कि संपत्ति घोषणा करने वालों में डॉक्टर्स दूसरे स्थान पर रहे हैं।

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छोटे कारोबारियों की भी बड़ी संपत्ति

शहर में छोटे-छोटे कारोबारियों ने भी करोड़ों रुपए की संपत्ति घोषित की है। खासकर ज्वैलर्स ने मोटा खुलासा किया है। वहीं 90 प्रतिशत रकम आईडीएस योजना में व्यक्तिगत नामों से घोषित की गई है। स्कीम को सफल बनाने के लिए 60 से ज्यादा अवेयरनेस कार्यक्रम सिटी में आयोजित किए गए थे।