-बिजली चोरों से मिलीभगत करके केस्को इम्प्लाइज ने दबा दी थी रेवेन्यू असेसमेंट की फाइलें

-तीन साल के मामलों की जांच बिठाई तो 30 करोड़ जमा हुआ रेवेन्यू असेसमेंट

KANPUR: बिजली चोरी पकड़े जाने के बावजूद सैकड़ों मामलों को दफन करने की केस्को इम्प्लाइज की कोशिश कामयाब नहीं हुई। फाइलों में दफन किए जा रहे करोड़ों रुपए के रेवेंयू असेसमेंट का राज आखिरकार खुलकर सामने आ गया है। इससे केस्को को करीब 30 करोड़ का रेवेंयू हासिल हुआ है।

विजिलेंस टीम ने पकड़ा

दरअसल फाइनेंशियल ईयर 2012-13, 13-14 और 14-15 में बिजली चोरी के हजारों मामलों को केस्को और विजिलेंस की टीमों ने पकड़ा। मगर इनमें से सैकड़ों मामलों को संबंधित डिवीजन के इम्प्लाइज ने बिजली चोरों से सेटिंग-गेटिंग कर दबा दिया था, लेकिन आई नेक्स्ट के इस मामले को प्रमुखता से पब्लिश किए जाने से केस्को अफसरों में अफरातफरी मच गई। उन्होंने सभी 18 डिवीजन से उनके यहां विजिलेंस और केस्को की टीमों के द्वारा पकड़े गए मामले और रेवेंयू असेसमेंट की रिपोर्ट तलब कर ली। इसके साथ ही रेवेंयू असेसमेंट जमा होने की जानकारी मांगी।

'डर' से खुलने लगीं फाइलें

इस पूरे प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी एकाउंट सेक्शन को सौंपी गई है। जिससे केस्को इम्प्लाइज को अपनी गर्दन फंसती हुई नजर आने लगी। पहले तो इम्प्लाइज ने काफी बहानेबाजी की। अफसरों ने सस्पेंशन और टर्मिनेशन की चेतावनी दी तो रेवेंयू असेसमेंट न वसूले जाने की दबाई गई फाइलें एक-एक करके खुलने लगीं। ऐसे मामलों में बिजली चोरों को नोटिस जारी की जाने लगी। आनन-फानन में उनसे रेवेंयू असेसमेंट जमा कराया जाने लगा। केस्को के एकाउंट डिपार्टमेंट सोर्सेज के मुताबिक बिजली चोरी के दबे मामलों में अभी तक 30 करोड़ से अधिक रेवेंयू आ चुका है।