- जीएसटी की विसंगतियों को लेकर व्यापारियों ने साझा किया अपना दर्द, सुधारों के लिए की पहल

- नए नियमों से इंस्पेक्टर राज की वापसी का दावा, सर्च, सीजर और अपील में मनमानी का आरोप

KANPUR: यूपी के सबसे बड़े औद्योगिक शहर के व्यापारी और उद्यमी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) से जुड़े नए प्रावधानों के विरोध में आ गए हैं। नए प्रावधानों की वजह से पैदा हुई परेशानियों के बारे में बता कर सरकार से इस पर बदलाव लाने की भी मांग कर रहे हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शहर के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों से वेबिनार में चर्चा की। इस दौरान इन संगठनों के पदाधिकारियों ने जीएसटी से जुड़ी तमाम विसंगतियों के बारे में जानकारी दी साथ ही इसे दूर करने के सुझाव भी दिए।

व्यापारी हित में नहीं

वेबिनार में कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के पदाधिकारी भी जुड़े। राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोरा ने कहा कि जीएसटी जब से लागू हुआ है इसमें लगातार संशोधन और बदलाव किए जा रहे हैं। इस वजह से व्यापारी इन बदलावों को समझने में ही उलझा हुआ है। बजट के दौरान भी कुछ नए प्रावधान किए गए। इसे लेकर कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल की ओर से इससे जुड़ी विसंगतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। साथ ही इसकी राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारियों की आवाज सरकार तक पहुंचा रहे हैं। नए प्रावधानों को लेकर बिंदुवार कई परेशानियां है। जिसे जीएसटी विभाग के कमिश्नर से भी बीते दिनों एक डेलीगेशन ि1मला था।

व्यापारियों ने रखी जीएसटी से जुड़ी समस्याएं-

- अगर विभाग की ओर से माल जब्त किया जाता है और वह टैक्सेबल माल है तो 100 फीसदी की जगह 200 परसेंट जुर्माना देना होगा।

- 2 महीने का जीएसटीआर-3बी फाइल नहीं किया तो ई वे बिल जेनरेट नहीं कर सकेंगे।

-इलेक्ट्रानिक कैश लेजर से पेमेंट करना पड़ेगा।

- अगर जब्ती के खिलाफ अपील करनी है तो 25 परसेंट पैनाल्टी पहले भरे फिर अपील करें।

- 100 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को ई इनवाइस अनिवार्य । ऐसा नहीं करने पर क्रेडिट नहीं।

- ई वे बिल की एक दिन की लिमिट 200 किमी कर दी गई जो संभव नहीं है।

- रिटर्न मिस - मैच टैक्स वसूला जाना, जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर कैंसिल करने का प्रावधान

बजट के बाद से जीएसटी में किए गए कुछ प्रावधानों से छोटे व्यापारियों की परेशानी बढ़ गई है। इन प्रावधानों से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। व्यापारियों का उत्पीड़न होगा।

- पंकज अरोरा, राष्ट्रीय सचिव कैट

इस साल जीएसटी में जो नए प्रावधान किए गए हैं। उनके तहत कार्रवाई शुरू हो गई है। व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर भी हो रही हैं। टैक्स पेमेंट में देरी की वजह से व्यापारियों के खाते भी सीज किए जा रहे हैं। जो सही नहीं है।

- ज्ञानेश मिश्रा, महामंत्री अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल

जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक सैकड़ों बार नियमों में अमेंडमेंट हो चुका है। यह सरल की बजाय अब कठिन टैक्स प्रणाली बन गई है। व्यापारी और उद्यमी व्यापार कम टैक्स का हिसाब किताब ज्यादा रख रहा है।

- उमंग अग्रवाल, महामंत्री, फीटा

जीएसटी रूल्स में लगातार बदलावों की वजह से परेशानी बढ़ी है। नए प्रावधानों से अधिकारियों की मनमानी और व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा। सरकार को इन नियमों को लेकर बदलाव करने की जरूरत है।

- शेष नारायण त्रिवेदी, अध्यक्ष, नौघड़ा कपड़ा कमेटी

जीएसटी में ई वे बिल को लेकर जो नए प्रावधान किए गए हैं उससे ट्रांसपोर्टर्स और व्यापारी दोनों की परेशानी बढ़ गई है। एक दिन में दो सौ किमी तक माल डिलीवरी की लिमिट व्यवहारिक नहीं है।

- कपिल सब्बरवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कानपुर व्यापारी एसोसिएशन