- एचबीटीआई के फाइनल इयर के स्टूडेंट्स की कापी जलाने की साजिश

- फाइनल इयर फूड टेक्नोलॉजी के एक कापी जलकर खाक मैकेनिकल ब्रांच की भी कापी जली

- आखिरकार इस साजिश के पीछे किन लोगों का लग रहा है दिमाग

- स्टूडेंट्स का रिजल्ट लेट होना तय कल से कॉपियों की गिनती की जाएगी

KANPUR:

एचबीटीआई में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। गुरुवार की सुबह जब इंस्टीट्यूट का ताला खुला तो इवेलुएशन सेंटर के अंदर डबल लॉक में रखी करीब 2 हजार स्टूडेंट्स की आंसर शीट्स कापियों जलाने की साजिश को अंजाम दिया गया। हालांकि इसमें फूड टेक्नोलॉजी के एक छात्र की कापी जलकर खाक हो गई। अन्य छात्रों की कापियां धू धू कर जलती कि उससे पहले ही संस्थान के कर्मचारियों ने अग्निशमन यंत्र का प्रयोग करके कापियों को जलने से बचा लिया। संस्थान का मेन गेट खुलने के 30 मिनट के अंदर अराजक तत्वों ने इस घटना को अंजाम दे दिया। हालांकि वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके। अगर संस्थान के दो स्टूडेंड्स की कापी जल जाती तो एक बड़ी समस्या खड़ी हो जाती। हालांकि यह तो तय है कि इस साजिश को रचकर शासन का माइंड डायवर्ट करने की कोशिश की गई है।

तालों को डुप्लीकेट चाभी से खोला

सुबह 9.30 बजे इंस्टीट्यूट के गेट खुलता है। सभी डिपार्टमेंट के कर्मचारी अपने आफिस जाते हैं। इवेलुएशन सेंटर का अटेंडेंट सूर्य नारायण अपने डिपार्टमेंट की चाभी लेने जाता है। वह चाभी लेकर 9.45 पर पहुंचा, तो वहां चैनल गेट का ताला टूटा देखकर अवाक रह गया। इसी बीच उसे कुछ जलने की बू आती है। वह एसी के फुंकने की जांच करने लगता है तभी उसे आंसर शीट्स वाले कमरे से धुआं निकलता दिखाई देता है। जहां का सील लगा ताला भी टूटा दिखा। हालांकि कोई भी ताला मौके पर नहीं मिला.जिसकी सूचना वह तत्काल क्लर्क सुशील को फोन से दी। सभी तालों को डुप्लीकेट चाभी से खोला गया।

आंसरशीट्स के बंडलों ने आग नहीं पकड़ी

इसी बीच संस्थान के सीनियर प्रोफेसर व मूल्यांकन प्रभारी प्रो। नागर वहां पहुंचे। मामले को देखा तो सभी लोग आग को बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र का प्रयोग करने लगे। कुछ लोगों पानी डालकर आग को बुझाने का प्रयास किया। आग पर जब तक काबू पाया जाता तब तक फूड टेक्नोलॉजी फाइनल इयर के एक स्टूडेंट्स की आंसर शीट जलकर खाक हो गई। इसके अलावा मैकेनिकल ब्रांच की एक आंसर शीट का पहला पेज जल गया। हालांकि पूर्व सेमेस्टर की भी कुछ आंसर शीट्स के बंडल भी जले हैं। अगर कही कापी खुली और फैली रखी होती तो फिर स्टूडेंट्स का जबरद्स्त नुकसान होता।

पांच प्रोफेसर अग्निकांड की जांच करेंगे

एचबीटीआई रजिस्ट्रार नरेश कुमार ने बताया कि मूल्यांकन सेंटर में आग प्रकरण की जांच गंभीर मामला है। इसकी जांच सीनियर प्रोफेसर्स की टीम से कराई जा रही है। जांच कमेटी दो दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कमेटी में प्रो। करुणाकर सिंह, डॉ वीके त्यागी, डॉ। राजीव गुप्ता, डॉ। एसयू सिद्दीकी और डॉ। डीएल परमार को रखा गया है। कमेटी को जांच के हर पहलू पर बारीकी से नजर रखनी होगी।

तो अब गुरू जी कापी गिनेंगे

फाइनल इयर का रिजल्ट 6 जून को डिक्लेयर होना था। लेकिन अग्निकांड के बाद अब यह रिजल्ट लेट होना तय है। इसका असर स्टूडेंट्स के प्लेसमेंट पर भी पड़ना तय है। जब तक छात्रों को उनका रिजल्ट नहीं मिल जाएगा तब तक उन्हें ज्वाइनिंग नहीं मिलेगी। सबसे ज्यादा दिक्कत तो फूड टेक्नोलॉजी के उस छात्र को होगी जिसकी कॉपी जलकर खाक हो गई है। अब इवेलुएशन करने वाले टीचर्स कॉपी की गिनती करेंगें जिनकी सील खुली हुई है। इसकी जानकारी डायरेक्टर को एक दिन में देनी होगी।

पहले भी बन चुकी हैं डुप्लीकेट चाभी

बीती 25 अप्रैल को इंस्टीट्यूट के गार्डेनिंग डिपार्टमेंट के स्टोर रूम से हजारों रुपए का सामान चोरी हो गया था। कैंपस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में पुलिस ने चौकीदार शत्रुघ्न तिवारी को उठाया और उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने जो पुलिस को बताया वह चौंकाने वाला था। चौकीदार के इंचार्ज रज्जन का नाम पुलिस को बाताया कि इन्होने डुप्लकेट चाभी बनवाई थी। इसमें चौकीदार वीरेन्द्र व अजय के नाम भी सामने आए हैं। गार्डन के प्रभारी विकास यादव ने नवाबगंज पुलिस को तहरीर दी थी। पुलिस ने संस्थान के अधिकारियों को इस मामले से अवगत करा दिया था। इसके बाद इन कर्मचारियों को क्यों बचाया गया। एक माह से यह चारो फरार चल रहे हैं।

कहीं ध्यान बंटाने की साजिश तो नहीं

कैंपस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस अग्निकांड को अंजाम देकर दूसरे मामलों से ध्यान बंटाने की साजिश है। संस्थान में एक दूसरे के साथ जबरदस्त साजिश खेमाबंदी चल रही है। शासन में भी बहुत से मामलों पर हीलाहवाली वाला रवैया चल रहा है। अगर गैरकानूनी काम करने वालों को किनारे लगा दिया जाए तो संस्थान का भला हो जाएगा। चंद लोग ही संस्थान की साख पर बट्टा लगा रहे हैं। संस्थान के दो अधिकारियों का मामला बहुत ही ज्यादा पेचीदा है। जिनके खिलाफ सबूत हैं बस कार्रवाई होना बाकी है।

एचबीटीआई के इवेलुएशन सेंटर में जिस तरह से आग लगाई गई है वह घृणित कार्य है। मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है जो कि दो दिन में रिपोर्ट देगी। शुक्रवार से कापी जांचने वाले टीचर्स कापी की गिनती करेंगे अगर कापी गायब होंगी तो मामला सामने आ जाएगा। डुप्लीकेट चाभी से ताला खोला गया और आग लगाने वाला ताला चाभी साथ लेकर चला गया।

प्रो। एके नागपाल, एचबीटीआई डायरेक्टर