- कोर्ट में पुलिस ने रख सकी सट्टा कारोबार चलाने के ठोस साक्ष्य

>kanpur@inext.co.in

KANPUR : सट्टा किंग सोनू सरदार को एक बार फिर पुलिस की मेहरबानी से बेल मिल गई। कोर्ट ने पुलिस की विवेचना में तमाम लापरवाही बताते हुए सोनू को जमानत दे दी। अपनी जांच में पुलिस ने ऐसा कुछ भी नहीं किया था, जिससे कोर्ट में ये साबित हो सके कि वह सट्टे का कारोबार चला रहा था।

गैंगस्टर की कार्रवाई

नजीराबाद पुलिस ने सोनू सरदार को सट्टा माफिया बताते हुए गैंगस्टर की कार्यवाही की थी। उसके ठिकानों से पुलिस ने करीब 94 लाख रुपये बरामद करने का दावा करते हुए गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था। हालांकि मौके पर पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी थी। मामले में पुलिस ने सोनू के साथ छह अन्य आरोपियों पर भी गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। सभी सरेंडर कर जेल गए। इसमें विक्की छाबड़ा समेत तीन आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। तीन दिन पहले सोनू ने भी गैंगस्टर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। फ्राइडे को उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बेल मंजूर कर ली।

कोर्ट ने माना सोनू का अपराध

कोर्ट ने माना कि सबूत सकारात्मक निष्कर्ष नहीं दे रहे कि सोनू ने कोई अपराध नहीं किया है। गैंगस्टर एक्ट में जमानत के प्रावधान बेहद कठिन हैं, लेकिन ये व्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित नहीं करते। पुलिस ने अभियुक्त के खिलाफ गिरोहबंद होकर आर्थिक अपराध करते हुए धनोपार्जन व चल-अचल संपत्ति के बनाने के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं दिया। अभियुक्त पर कोई अन्य मुकदमा दर्ज नहीं है। ऐसी परिस्थिति में अभियुक्त को जमानत दी जाती है।

इसलिए मिल गई बेल

- पुलिस ने सोनू के पास से कुछ भी बरामद नहीं दिखाया

- मोबाइल या लैपटॉप की फर्द तक नहीं बनाई

- किस एप का यूज हुआ? कौन सी आईडी यूज की गई

- सोनू के खिलाफ आइटी एक्ट में कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं

- सोनू का किसी बैंक में खाता नहीं दिखाया गया।

- लेन देन के 42 अकाउंट कनेक्ट थे, लेकिन वे सोनू के नहीं थे