-प्रॉपर्टी विवाद को सुलझाने बड़े भाई के पास गोरखपुर गया था

- बात बिगड़ने पर बड़े भाई ने बरसाई गोलियां, सिटी के ग्वालटोली में रहता है परिवार

GORAKHPUR: कैंट एरिया के मोहद्दीपुर मोहल्ले में अधिवक्ता अरुण कुमार ने कानपुर में रहने वाले अपने छोटे भाई वरुण की गोली मारकर हत्या कर दी। शनिवार दोपहर करीब पौने 12 बजे हुई वारदात से पूरा मोहल्ला थर्रा गया। प्रॉपर्टी के विवाद में सगे भाई के मर्डर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी को लाइसेंसी बंदूक के साथ गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी रामलाल वर्मा सहित अन्य अधिकारी भी घटना की जानकारी लेने पहुंचे। पास पड़ोस के लोगों ने बताया कि दोनों भाइयों के बीच मकान को लेकर विवाद चल रहा था। कानपुर में रहने वाले वरुण ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। पुलिस मामले का निस्तारण नहीं करा सकी जिससे उसे भाई के हाथों अपनी जान गंवानी पड़ी।

गोली मारकर घर में बैठा रहा

मोहद्दीपुर, गरिमा हॉस्पिटल गली में डिप्टी एसपी स्व। रविंद्रनाथ के बेटे, अधिवक्ता अरुण कुमार का मकान वंश विहार है। शनिवार की दोपहर करीब पौने 12 बजे उनके मकान से गोलियां चलने की आवाज सुनाई पड़ी। तीन राउंड फायर होने पर लोग बाहर निकले तो देखा कि गेट के सामने मोड़ पर एक व्यक्ति खून से लथपथ पड़ा है। करीब जाने पर मालूम हुआ कि वह अधिवक्ता का छोटा भाई वरुण है। लोगों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। हत्या की सूचना पर मोहद्दीपुर पुलिस चौकी के प्रभारी सहित पूरा स्टॉफ दौड़ पड़ा। पुलिस पहुंची तो वकील अपनी खूनी बंदूक के साथ घर में बैठा मिला। डेड बॉडी को मर्चरी भेजकर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर खोराबार थाना भेज दिया।

नहीं खोल रही थीं दरवाजा

खबर पाकर एसपी सिटी हेमराज मीणा, सीओ कैंट अभय कुमार मिश्रा और इंस्पेक्टर बृजेश वर्मा भी घटनास्थल पर पहुंचे। अधिवक्ता के घर में उसकी पत्नी और बेटी मौजूद थी। उन लोगों ने दरवाजा बंद कर लिया। काफी प्रयास के बाद दोनों ने दरवाजा खोला। अफसरों ने घटना के बारे में जानकारी लेने की कोशिश की। लेकिन अधिवक्ता की पत्नी और बेटी ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। पत्नी ने कहा कि शुक्रवार की रात वह लखनऊ से ब्रेस्ट कैंसर का ऑपरेशन कराकर लौटी हैं। तबीयत ठीक नहीं होने से बात करने में असमर्थ हैं। पुलिस ने पूरे मकान की तलाशी ली। मकान के बाहर लगे तीन सीसीटीवी कैमरों से जुड़े डीवीआर को कब्जे में ले लिया। हालांकि पुलिस के पहुंचने के पहले डीवीआर के साथ छेड़छाड़ की गई थी। पुलिस ने आशंका जताई कि कुछ फुटेज को डिलीट कर दिया गया है।

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कब आया वरुण?

आरोपी अरुण ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। अधिवक्ता ने कहा कि वरुण अपने साथ कुछ गुंडों को लेकर आया था। उन्हीं गुंडों के गोली चलाने पर वरुण मारा गया। उधर अधिवक्ता की पत्नी और बेटी भी वरुण के आने के संबंध में जानकारी देने से कतराती रहीं। जांच में सामने आया कि लखनऊ जाने के लिए अरुण अपनी कार की साफ-सफाई कर रहा था। तभी कानपुर में रहने वाला वरुण फांदकर घर में पहुंच गया। दोनों के बीच कहासुनी और हाथापाई हुई। तभी अधिवक्ता ने घर में रखी बंदूक लेकर वरुण को दौड़ा लिया। गेट के बाहर निकलते गोली मार दी। पहली गोली चलने पर लोगों ने समझा कि गणेश प्रतिमा विसर्जन में पटाखे फोड़े जा रहे हैं। दूसरी और तीसरी फायरिंग पर लोगों का ध्यान उधर गया।

बॉक्स

यह है विवाद

शुरुआती जांच में सामने आया कि मृत वरुण कानपुर का रहने वाला था। डिप्टी सीओ रहे रविंद्र तिवारी के दो बेटे और तीन बेटियां हैं। रिटायरमेंट के बाद सीओ ने कानपुर के ग्वालटोली में मकान बनवाया। वहां वरुण और उसकी तीन छोटी बहनें रहती थीं। दीवानी कचहरी के अधिवक्ता अरुण और दो बेटियों की शादी पिता ने कर दी। इस बीच उनका निधन हो गया। लेकिन मकान के विवाद का निस्तारण नहीं हो सका। वरुण और उसकी छोटी बहन की शादी बाद में हुई। तभी से दोनों भाइयों में मोहद्दीपुर के मकान के बंटवारे को खटास चल रही थी। अरुण की पत्नी ने पुलिस को बताया कि मकान उनके ससुर ने नहीं बनवाया। बल्कि ससुर के पिता की प्रॉपर्टी थी जिसकी रजिस्टर्ड वसीयत उन्होंने अधिवक्ता के नाम से कर दी थी। बावजूद इसके वरुण उस मकान में हिस्सा मांग रहे थे। अधिवक्ता की दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी की शादी लखनऊ में तैनात दरोगा से हुई है। बेटा बाहर रहकर पढ़ाई करता है। छोटी बेटी मां-बाप के साथ मोहद्दीपुर में रहती है। वहीं वरुण अपने पूरे परिवार के साथ कानपुर में ही रहता था।

दो हिस्सों में बना मकान

पुलिस का कहना है कि मकान दो हिस्सों में पहले से बना है। मकान के एक हिस्से में अधिवक्ता का परिवार रहता है। दूसरे हिस्से में किराएदार रहते हैं। किराएदार चार साल से आठ हजार रुपए प्रतिमाह के किराए पर मकान में रह रहे हैं। मकान का भाड़ा वह लोग अधिवक्ता को ही देते थे। उन लोगों ने पुलिस को बताया कि कभी वरुण को नहीं देखा। गोली चलने के समय अपने कमरे में थे। इसलिए मामले के बारे में जानकारी नहीं हो पाई।

पुलिस नहीं सुलझा पाई विवाद

यह भी सामने आया है कि मकान के विवाद को लेकर वरुण कानपुर से गोरखपुर आता-जाता रहता था। कुछ माह पहले उसने कैंट पुलिस से शिकायत दर्ज कराई थी। बताया था कि घर में उनका सामान कमरे में बंद है। उनके सगे भाई सामान निकालने नहीं दे रहे थे। सामान निकालने जाने पर विवाद कर रहे थे।

रिश्तेदारों से करते रहे बातचीत

हत्या के बाद अधिवक्ता ने अपने दामाद को मामले की जानकारी दी। दामाद से उसकी लगातार बात हो रही थी। इसके बाद डीवीआर से छेड़छाड़ की गई। हत्या के करीब एक घंटे बाद एक महिला घर पहुंची। वह दरवाजा खुलवाकर घर में गई। वहां से थोड़ी देर बाद बाहर निकली तो पुलिस को नजरअंदाज करके जाने लगी। शक होने पर पुलिस ने महिला के पर्स की तलाशी ली। लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। बाद में पता लगा कि वह अधिवक्ता की नजदीकी रिश्तेदार थीं।

वर्जन

अधिवक्ता ने अपने भाई की गोली मारकर हत्या कर दी है। दोनों के बीच मकान का विवाद सामने आया है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। अन्य पहलुओं को पुलिस केंद्रित करके पड़ताल में लगी है। आरोपी को गिरफ्तार करके बंदूक कब्जे में ली गई है।

-रामलाल वर्मा, एसएसपी गोरखपुर