कानपुर (दिव्यांश सिंह)। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) में आईआईटी और विदेशी इंस्टीट्यूट्स की तर्ज पर बैचलर आफ साइंस (बीएस) और मास्टर आफ साइंस (एमएस) का कोर्स चलाया जाएगा। एचबीटीयू के मैथ डिपार्टमेंट में मैथमैटिक्स एंड डाटा साइंस विषय मेें बीएस और एमएस के न्यू कोर्स चलेंगे। बीते दिनों हुई एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में कोर्सों के संचालन को सहमति दी गई है। इन कोर्सों में 30-30 सीटें होंगी। साथ ही एनुअल फीस 80 हजार रुपए एनुअल होगी। इसके अलावा फिजिक्स डिपार्टमेंट में बीएस (फिजिक्स आफ एडवांस्ड मैटेरियल्स एंड डिवाइसेज) कोर्स को शुरु किए जाने के प्रपोजल को अगली एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में पेश किए जाने का निर्देश दिया गया।

दो कोर्सों के बदले गए नाम
फिजिक्स डिपार्टमेंट में चल रहे एमएससी (ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स) कोर्स का नाम बदलकर एमएससी फिजिक्स विथ स्पेशलाइजेशन इन ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स किया गया। इसके अलावा केमिकल डिपार्टमेंट में चल रहे एमएससी केमिकल साइंसेज का नाम एमएससी केमिस्ट्री (केमिकल साइंसेज) करने पर एकेडमिक काउंसिल में सहमति जाहिर की गई।

एकेडमिक कैलेंडर के एकार्डिंग प्रोसेस नहीं किया तो लगेगी पेनाल्टी
एकेडमिक काउंसिल की बैठक मेें तय किया गया कि एचबीटीयू में स्टडी कर रहे स्टूडेंट्स को एकेडमिक कैलेंडर में बताई गई डेट्स के एकार्डिंग ही एनरोलमेंट, एग्जाम फार्म फिलिंग और एकेडमिक एक्टिविटीज को करना होगा। ऐसा न करने पर स्टूडेंट्स पर लगने वाली पेनाल्टी को बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा एकेडमिक काउंसिल के मेंबर्स को एकेडमिक कैलेंडर के अनुसार कोर्स कराने के लिए निर्देशित किया गया।

एमटेक कोर्स के सेटअप के लिए कमेटी बनी
न्यू एजूकेशन पॉलिसी (एनईपी) के तहत एमटेक के कोर्सों का सेटअप और इवैलुएशन सिस्टम बनेगा। इस काम के लिए प्रोवीसी, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट और डीन एकेडमिक अफेयर्स की कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी डिपार्टमेंट्स के साथ डिस्कशन करके कोर्स सेटअप को अंतिम रुप देगी। इसके अलावा सभी बीटेक कोर्सों के कोर्स सेटअप, इवैलुएशन सिस्टम और कोर्स सिलेबस पर अनुमोदन दिया गया।


नार्मल बैचलर और मास्टर से क्या अलग है बीएस और एमएस
बीएस और एमएस कोर्स को सामान्य बीएससी और एमएससी से अलग माना जाता है। बीएस और एमएस में किसी सब्जेक्ट के टॉपिक पर स्पेशलाइजेशन कराया जाता है। जबकि सामान्य बीएससी और एमएससी में सब्जेक्ट्स पर स्टडी होती है। एक टॉपिक में स्पेशलिस्ट होने के चलते कंपनीज बीएस और एमएस जॉब वालों को वरीयता देती हैैं।

एकेडमिक काउंसिल में बीएस और एमएस कोर्स चलने समेत कई प्रस्ताव पास हुए हैैं। अब आगे का प्रोसेस फॉलो किया जाएगा।
डॉ। आनंद कुमार, डीन एकेडमिक अफेयर्स, एचबीटीयू