KANPUR : क्0 जुलाई को आम बजट पेश करते फाइनेंस मिनिस्टर की एक-एक लाइन पर कानपुराइट्स की भी निगाहें लगी रहीं, क्योंकि इस बार भी कई चीजें महंगी और कई सस्ती हुई हैं। लेकिन जिन चीजों के दाम बढ़े उनको तो दुकानदारों ने तुरंत महंगा कर दिया लेकिन सस्ती हुई चीजों का नाम लेने पर कहते हैं अभी कुछ पता नहीं है। अभी तो बजट आया हैथोड़े दिन रुको तब कुछ बता सकते हैं। ऐसे में आई नेक्स्ट ने किया मार्केट का रियलिटी चेक।

ये सबकुछ नहीं हुआ सस्ता

जगह-बिरहाना रोड, इलेक्ट्रानिक्स स्टोर

शॉप में हर रोज की तरह लोग इलेक्ट्रानिक्स सामान पसंद कर रहे थे। वहां आई नेक्स्ट ने सामान खरीद रहे एक कस्टमर से बात की तो मालूम चला कि वो बजट में एलईडी, एलसीडी और वॉटर प्यूरीफायर के सस्ते होने की वजह से उसको खरीदने आए हैं। बजट में ये सुनकर कि फलां सामान सस्ता हो गया है वो बड़ी उम्मीद से पहुंचे थे। पर क्9 इंच से कम के रेट कम हुए हैं। वो भी अभी नहीं। फिलहाल उसी रेट पर मिलेंगे। जब कोई फॉर्मेट आएगा तभी कुछ कहा जा सकता है। उनको लगा कि क्9 इंच से कम ब्रांडेड एलईडी क्0,000 से कम और लोकल 7,भ्00 रुपए से कम में मिल जाएंगे। पर ऐसा नहीं हुआ। अगर बात टीवी की करें तो क्9 इंच से कम की टीवी की कीमत फिलहाल मार्केट में ब्,भ्00 रुपए से लेकर भ्भ्00 रुपए तक है। अगर वॉटर प्यूरीफायर की बात करें तो इसके रेट में भी फिलहाल कोई कमी नहीं की गई। वॉटर प्यूरीफायर की रेंज क्0,000 से लेकर ख्क्,000 हजार तक की है। इनके रेट में भी तुरंत कोई कटौती नहीं की गई है।

जगह-सोमदत्त प्लाजा

जूतों की शॉप पर यंगस्टर्स शू पसंद कर रहे थे। रिपोर्टर ने शॉप कीपर से पूछा कि क्या क्000 रुपए से कम के शू के रेट कम हुए हैं। शॉप कीपर सोहेल ने बताया कि अभी कम करने का सवाल ही नहीं उठता है। शू खरीद रहे विशाल गुप्ता ने बताया कि उन्होंने तीन दिन पहले जो शू 7म्भ् रुपए का देखा तो आज लेने आए तो उतने का ही मिला है। रेट में कुछ कमी नहीं हुई। कुछ ऐसा ही हाल ब्रांडेड कपड़े का है। गुमटी नंबर पांच स्थित एक फैशन शॉप के ओनर राजेश बजाज ने बताया कि फिलहाल ख्भ्00 की जींस उतने में ही बिक रही है। जींस हो या शर्ट, ब्रांडेड कपड़ों की दरों में अभी कोई कमी नहीं आई है।

जगह-नवीन मार्केट

मोबाइल शॉप पर काफी संख्या कस्टमर्स मौजूद थे। रिर्पोटर ने जब लोगों से बात की तो मालूम चला कि यहां भी फिलहाल रेट में कोई कमी नहीं आई है। मोबाइल शॉपकीपर ने बताया कि फिलहाल अभी ये ही समझ में नहीं आ रहा है कि कितना रेट कम करना है। इस वजह से अभी उसी रेट पर माल बिक रहा है जिस पर बिक रहा था।

यहां भी यही हाल

बजट में कॉस्मेटिक आइटम्स को भी सस्ता किया गया है। लेकिन नवीन मार्केट स्थित शॉप में जब रिपोर्टर ने पता किया तो मालूम चला कि क्भ् ग्राम वाले शैंपू का पाउच एक रुपए से भ् रुपए तक का पहले भी बिक रहा है और उसके रेट में कोई कमी नहीं आई है। अगर बात मीडियम क्लास के डियोडरेंट की करें तो ये भी क्80 रुपए का ही बिक रहा है। वही हाल नेल पॉलिश और दूसरे आइटम्स का भी है। जबकि इनको सस्ता होना चाहिए था।

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पर ये सब तो महंगा तुरंत कर दिया।

जगह-सिविल लाइंस

गर्मी में परेशान रिपोर्टर ने जब एक शॉप पर कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए खरीदी तो ख्00 मिली की एक बोतल जिस पर क्0 रुपए एमआरपी पड़ी थी लेकिन वो क्ख् रुपए की दी। जब रिपोर्टर ने कहा कि महंगी क्यों है तो वो बोला कि बजट में कोल्ड ड्रिंक्स महंगी हो गई है। अब तो महंगी ही बिकेगी। भ्00 मिली की कोल्ड ड्रिंक फ्0 रुपए की बजाए फ्भ् रुपए मिल रही थी। अगर एक लीटर कोल्ड ड्रिंक ब्भ् की जगह भ्भ् रुपए तक में खुलेआम बेची जा रही है। सोडा भी भ् रुपए तक महंगा कर दिया गया है।

जमकर कर रहे हैं कमाई

फाइनेंस मिनिस्टर को बस कहने भर की देर थी तुरंत दुकानदारों में महंगे शब्द का फायदा उठाया। कुछ ऐसा ही हाल गुटखे का है। जिस ब्रांड के तीन पाउच 9 रुपए थे वो फ्राइडे को क्0 रुपए में बेंचे जा रहे थे। कुछ यही हाल बाकी जयादा बिकने वाले ब्रांड्स का भी है। बड़े पाउच की कीमत दुकानदारों ने एकदम से ब् रुपए के बजाए भ् रुपए कर दी। अब सवाल ये है कि जब तुरंत कम नहीं कर सकते हैं सामान के दाम तो तुरंत बढ़ा कैसे सकते हैं? कुछ यही हाल ब्रांडेड पेट्रोल के रेट में भी है। वित्तमंत्री ने उसके रेट में भ् रुपए तक की कमी की घोषणा की है लेकिन शहर में वो उतने ही रेट में मिल रहा है।

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मैं जूते खरीदने मार्केट गया था क्योंकि ये मालूम चल गया था कि क्000 रुपए तक के शू सस्ते हुए हैं। पर दुकान जाने पर मालूम चला कि अभी सस्ते की कोई बात ही नहीं है।

-दीपक, कस्टमर

मैंने कोल्ड ड्रिंक की ख्00 मिली की बोतल खरीदी। पहले वो दस रुपए की थी। उस पर एमआरपी भी क्0 ही है लेकिन दुकानदार ने क्फ् रुपए की दी। जब पूछा तो बोला, बजट में सुना नहीं कोल्ड ड्रिंक महंगी हो गई है।

-रोहित, कस्टमर

देखिए। पहली बात तो ये की क्9 इंच से कम की एलईडी और टीवी बिल्कुल न के बराबर बिकती है। और रही बात रेट कम करने की तो अभी कोई ऑर्डर कंपनियों की तरफ से नहीं आया है। फिर भी लोग बहुत कहते हैं तो कुछ देख लेते हैं।

-राम भाटिया, शॉप ओनर

जब तक कंपनी की तरफ से ये पता नहीं चलेगा कि रेट कितने कम करने हैं तब तक हम लोग उसी रेट पर सामान बेचेंगे जिस पर बेच रहे थे। बजट से क्या होता है। ये थोड़ी होता है कि बजट आया और पैसे कम कर देंगे।

-राजेश सेठ, शॉप ओनर

मुझको ये समझ में नहीं आता है कि जब दो दिन पहले पहले एक ब्रांडेड कंपनी की जींस के रेट पूछे थे तो शॉप कीपर ने ख्भ्00 रुपए बताए थे। फ्राइडे को उसके रेट उसने ख्899 बताए। मैंने पूछा दो दिन में रेट कैसे बढ़ गए तो वो बोला बजट में ब्रांडेड कपड़े महंगे हो गए हैं।

-तौफीक

अभी फिलहाल एक हजार रुपए तक के शू जितने में हम लोग बेच रहे थे उतने में ही बेच रहे हैं। बजट में रेट कम जरूर कर दिए गए हैं लेकिन कुछ पता तो चले कितने कम करने हैं। ये थोड़ी होता है कि एक हजार का शू भ्00 में बेचने लगेंगे।

सोहेल, ओनर

देखिए मोबाइल तो वैसे ही रोज सस्ते हो रहे हैं। रही बात बजट में मोबाइल सस्ते होने की तो ये ध्यान देने वाली बात है कि विदेशी मोबाइल पर एक्साइज ड्यूटी कम की गई है। अब इंडिया में ही ज्यादातर कंपनीज मोबाइल बनाती हैं तो सस्ते की बात ज्यादा मायने नहीं रखती है।

-सुरेश सिंघवानी, मोबाइल शॉप ओनर

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क्या हुआ सस्ता?

मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप, टैबलेट, कम्प्यूटर पार्ट, क्9 इंच से कम के एलईडी और टीवी, क्000 रुपए तक के जूते, एचआईवी एड्स से संबंधित मेडिसिंस, ब्रांडेड पेट्रोल, माचिस, वॉटर प्यूरीफायर आदि

क्या हुआ महंगा?

कोल्डड्रिंक्स, बोतल बंद जूस, रेडियो टैक्सी का किराया, सिगरेट, मसाला, तंबाकू से जुड़े उत्पाद, रेडीमेड ब्रांडेड कपड़े, कॉस्मैटिक आदि।

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बजट में घोषणा होते ही अगर चीजों के रेट बढ़ा दिए गए हैं तो ये गलत है। इनको इंस्पेक्टर्स से चेक करवाकर कार्रवाई की जाएगी। कस्टमर्स को किसी भी सूरत में एमआरपी से ज्यादा पैसे नहीं देने चाहिए।

-आरपी सिंह, सहायक नियंत्रक, बांट-माप विभाग कानपुर