पटना के कंकड़बाग इलाक़े में स्थित इस मॉल के बाहर नगर निगम कर्मचारियों ने तीन ट्रक बदबूदार कूड़ा उड़ेल दिया। अधिकारियों का कहना है कि वो इस क़दम को उठाने के लिए विवश थे क्योंकि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक पिछले 12 सालों से कर नहीं जमा कर रहे थे। हालांकि इलाके के नागरिकों की ओर से विरोध किए जाने के बाद वहां से कूड़ा हटवा दिया गया।

नगर निगम का कहना है कि वो बकाए कर को वसूलने के लिए दोबारा ऐसी 'अजीबोग़रीब तरक़ीबें' इस्तमाल नहीं करेगा।

'रास्ता नहीं बचा'

पटना की गिनती देश के सबसे गंदे शहरों में होती है और नगर निगम अधिकारी अक्सर कर्मचारियों और संसाधनों की कमी कि शिकायत करते है।

कंकड़बाग इलाक़े के एक वरिष्ठ कर अधिकारी हरिशंकर प्रसाद ने बीबीसी को बताया कि मॉल के मालिक अविनाश कुमार को एक लाख 64 हज़ार का कर बकाया चुकाने के लिए बार-बार कहा गया था।

हरिशंकर प्रसाद ने कहा, “कर चुकाने के लिए बार बार याद दिलाने के बाद हमारे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था.” उनके मुताबिक़ ऐसा इसलिए किया गया ताकि मॉल के मालिक पर कर जमा करने के लिए दबाव बनाया जा सके।

लोगों ने किया विरोध

बकाए कर की उगाही के लिए ऐसी “अजीबोग़रीब तरक़ीबों” के इस्तमाल का विरोध करते हुए इलाक़े के लोग सड़कों पर उतर आए। स्थानीय नागरिक राजेश कुमार ने कहा, “जो लोग अपना टैक्स समय पर देते है वो क्यों सड़कों पर फ़ेकी गई गंदगी को झेलें?” उन्होंने कहा, “कूड़े की बदबू बर्दाश्त के बाहर थी जिसकी वजह से हमें पूरे दिन घरों के अंदर ही रहना पड़ा.”

कर अधिकारियों ने इस मामले पर अपनी सफ़ाई देते हुए कहा है कि वो इस तरह की तरक़ीबें दोबारा प्रयोग में नही लाएंगे। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब पटना के निकाय अधिकारियों ने कर चोरों को शर्मिंदा करने के उद्देश्य से अजीबोगरीब तरकीबों का इस्तमाल किया हो।

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