कानपुर(ब्यूरो)। अकबरपुर में रात्रि गश्त के दौरान पिकअप की टक्कर से पुल पर पहले से बेहोश पड़े युवक व उसे उठा रहे सिपाही विवेक कुमार की मौत हो गई। वहीं एक दारोगा व सिपाही घायल हो गए। टक्कर इतनी जोरदार थी की सिपाही विवेक पुल से करीब 10 मीटर नीचे गिरे थे और सिर ही फट गया था.एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति व एएसपी राजेश पांडेय पहुंचे और घायलों का हाल जाना। आरोपित चालक को पकड़ लिया गया है। वहीं शाम को पुलिस लाइंस में दिवंगत सिपाही को सलामी दी गई और एसपी व अन्य ने कंधा दिया। दुर्घटना अकबरपुर के तिवारीपुर पुल पर हुई।

पीछे से आए तेज रफ्तार पिकअप ने
मंगलवार देर रात करीब तीन बजे अकबरपुर थाने की जीप से दारोगा मथुरा प्रसाद, सहारनपुर के दुधेला गंगोह 23 वर्षीय सिपाही विवेक कुमार व सिपाही सौरभ रात्रि गश्त पर थे। पुल पर पहुंचे तो देखा की करीब 35 वर्षीय युवक बेहोशी की हालत में पड़ा था। इस पर जीप किनारे कर तीनों पुलिसकर्मी युवक के पास गए। विवेक उसे उठाने की कोशिश कर रहे थे कि पीछे से आए तेज रफ्तार पिकअप ने युवक को रौंदते हुए पुलिसकर्मियों को टक्कर मार दी। विवेक को सीधी टक्कर इतनी तेज लगी कि वह पुल से नीचे सर्विस रोड पर जा गिरे।
ड्राइवर बोला, झपकी आ गई
घायल हुए दारोगा व सिपाही ने किसी तरह से राहगीरों की मदद से अधिकारियों को जानकारी दी। एंबुलेंस पहुंची लेकिन विवेक व युवक की पहले ही जान जा चुकी थी। एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति पहुंचे और घायल दारोगा व सिपाही का हालचाल लिया व उनको जिला अस्पताल भिजवाया। वहीं पकड़े गए पिकप चालक सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उसे झपकी आ गई थी इसके चलते वाहन अनियंत्रित हो गया। घायल सिपाही के पैर की हड्डी टूट गई है जबकि दूसरे के कमर पर चोट है। उनका बेहतर उपचार कराया जा रहा। मुकदमा दर्ज किया गया है।

भाइयों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल
विवेक का बड़ा भाई रिंकू व पंकज अपने चाचा बनीराम के साथ आए व भाई का शव देख रो पड़े। मेरठ पुलिस में तैनात भाई रिंकू ने बताया कि 24 मई 2019 को विवेक की नौकरी लगी थी और पुलिस लाइंस से वह अकबरपुर कोतवाली में 11 अप्रैल 2023 को नियुक्त हुआ था। इसके बाद से हमराही में चल रहा था। वहीं घायल दारोगा मथुरा प्रसाद जेल चौकी में तैनात हैं व सिपाही सौरभ थाने में है। घटना के समय एक सिपाही जसवंत भी था जो कि थोड़ा बगल होने से बाल बाल बच गया।

छह माह में लगा दूसरा आघात
विवेक के परिवार का हाल बुरा हो गया है। पांच माह पहले पिता सुरेंद्र ङ्क्षसह का निधन हो गया था। इससे किसी तरह से परिवार उबरा था कि अचानक से यह हो गया। घर में सबसे छोटा होने से सभी उसे बहुत प्यार करते थे।