-लोगों के दिलों में बैठा कोरोना का खौफ, वायरल फीवर और निमोनिया को भी समझ रहे कोविड का संक्रमण

- जांच कराए बिन ही लोग शुरू कर देते हैं कोराना ट्रीटमेंट, रिपोर्ट निगेटिव आने तक दहशत में रहता है पूरा परिवार

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KANPUR : कोरोना का खौफ लोगों के दिलो दिमाग में कुछ इस तरह छाया है कि लोग वायरल फीवर और निमोनिया को भी कोविड का संक्रमण समझ बैठे हैं। जिससे उनके साथ परिवार की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। रिपोर्ट निगेटिव आने तक वे कोविड की दहशत में रहते हैं। रिपोर्ट आने के बाद भी शंकाओं से घिरे रहते हैं। लेकिन ट्रीटमेंट और रोकथाम उन्हें दोबारा खड़ा कर देती हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास ऐसे कई मामले आए, जिसमें कोविड के डर से जांच कराई गई लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आने से पीडि़त के साथ परिवार वालों ने भी राहत की सांस ली।

1- रिपोर्ट आने तक रही दहशत

किदवई नगर निवासी सनी खन्ना कारोबारी हैं। सनी ने बताया कि उन्हें 10 मार्च को फीवर आया। कोविड के डर से खुद को परिवार से अलग कर लिया। सेकेंड वेव खतरनाक है, लिहाजा दहशत भी थी। इसके बाद जांच कराई। जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आई। परिवार समेत सभी लोग दहशत में थे। रिपोर्ट में फेफड़ों में संक्रमण तो आया लेकिन कोविड न होने से परिवार सहित उन्होंने राहत की सांस ली।

2- दस दिन के बुखार ने दिया तोड़

पनकी के सुंदर नगर निवासी मंजू दीक्षित ने बताया कि 5 अप्रैल से उन्हें फीवर आ रहा था। परिवार वाले कोविड की जांच कराने के लिए कह रहे थे लेकिन हिम्मत नहीं पड़ रही थी। बेटे ने जांच कराई जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि वायरल चल रहा है। 15 दिन का दवा का कोर्स करने के बाद ही आराम मिलेगा। बीते दो दिन पहले ही दवा बंद हुई है। पूरी तरह स्वस्थ हूं।

3- कोविड का ट्रीटमेंट, रिपोर्ट निगेटिव

पनकी निवासी महेश मिश्र ने बताया कि उनकी पत्नी माधुरी को बुखार और खांसी आ रही थी। कोविड समझकर इलाज करना शुरू कर दिया। लेकिन बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा था, कोई डॉक्टर देखने को तैयार नहीं था। डरते डरते कोविड की जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई, जिसके बाद परिवार ने राहत की सांस ली। रिश्तेदार डॉक्टर हैं, रिपोर्ट दिखाने पर पता चला कि वायरल की चपेट में हैं।