- दादा नगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित पनकी ऑक्सीजन प्लांट में सुबह 4 बजे सिलेंडर रीफिलिंग के दौरान हुआ हादसा

- धमाके से टिनशेड और सिलेंडरों के उड़े परखच्चे, प्लांट के कर्मचारी समेत तीन घायल, जान बचाने को भागे कर्मचारी

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KANPUR : दादा नगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित पनकी ऑक्सीजन प्लांट में फ्राइडे तड़के रीफिलिंग के दौरान धमाके के साथ सिलेंडर फट गया। जिसकी चपेट में आने से एक कर्मचारी की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सुपरवाइजर समेत तीन अन्य लोग घायल हो गए। धमाके से प्लांट में लगे टिनशेड और सिलेंडर के परखच्चे उड़ गए। धमाके की आवाज सुनकर वहां मौजूद कर्मचारियों में भी दहशत फैल गई। सभी जान बचाने के लिए बाहर की ओर भागे। कर्मचारियों ने घटना की सूचना फैक्ट्री मालिक को दी। मालिक ने जिला प्रशासन और पुलिस को सूचना दी।

अस्पतालों की सप्लाई के लिए

रतनलाल नगर निवासी धीरज कुमार का पनकी सी-13 में पनकी आक्सीजन के नाम से प्लांट है। यहां से अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई के साथ फुटकर बिक्री भी की जाती है। फ्राइडे तड़के नारायणा समेत अन्य कई अस्पतालों से गैस सिलेंडर रीफि¨लग के लिए आए थे। लगातार प्लांट में सिलेंडर रीफिल करने का काम चल रहा था। 56 सिलेंडर वाले प्लांट में रीफि¨लग की जा रही थी। सुबह करीब पौने चार बजे मर्दनपुर निवासी कर्मचारी मुराद अली ने सिलेंडर लगाए गए थे। चार बजे अचानक धमाके के साथ एक सिलेंडर फट गया। धमाके से बुरी तरह से घायल मुराद अली पर कई सिलेंडर भी भरभराकर गिर गये, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

तेज धमाके से मच गई भगदड़

हादसे में नौरैयाखेड़ा निवासी सुपरवाइजर अजय कुमार व बांदा निवासी प्लांट कर्मी देवदत्त सहित सिलेंडर लेने आए नौबस्ता के चिल्ड्रेन हास्पिटल के ओपीडी काउंसलर रमईपुर निवासी हरिओम घायल हो गए। तेज धमाका होने से आसपास की फैक्ट्रियों के कर्मचारियों की भीड़ प्लांट के बाहर जमा हो गई। सूचना मिलने पर एसीपी गो¨वद नगर विकास कुमार पांडेय फोर्स के साथ पहुंचे। स्टैटिक मजिस्ट्रेट अतुल कुमार, डीपीआरओ कमल किशोर आदि के पहुंचने के बाद पुलिस और मालिक प्लांट के अंदर गए।

6 घंटे बंद रही सप्लाई

प्लांट से अस्पतालों में सिलेंडर्स की आपूर्ति की जाती है। सुबह चार बजे धमाके के बाद सिलेंडर के फटने से अफरातफरी का माहौल हो गया। कई अस्पतालों की आपूर्ति गड़बड़ा गई। सूचना पर पहुंचे स्टैटिक मजिस्ट्रेट ने दूसरे प्लांट में गाडि़यां भेजकर आपूर्ति बहाल कराई। स्टैटिक मजिस्ट्रेट ने बताया कि हादसे के बाद छह घंटे तक प्लांट ठप रहा। सुबह 10.10 बजे 48 सिलेंडर की क्षमता वाले प्लांट को चालू कराकर कोविड और सामान्य अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की गई। फुटकर बिक्री फिलहाल बंद की गई है।

प्रेशरगेज में गड़बड़ी से हादसा !

ऑक्सीजन सिलेंडर अन्य गैस सिलेंडरों से बहुत अलग होता है। लोहे की जिस चद्दर से इसे बनाया जाता है। उसका गेज सबसे अधिक होता है। आक्सीजन सिलेंडर ही एक मात्र सिलेंडर होता है जिसमें कहीं भी कोई जोड़ नहीं होता। पूरे सिलेंडर में सबसे कमजोर हिस्सा इसकी गर्दन का होता है। पनकी फायर स्टेशन के अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि आक्सीजन सिलेंडर की गर्दन में ही पूरा वॉल्व मैकेनिज्म सिस्टम लगा होता है। जिसमें प्रेशर गेज, लो प्रेशर, हाईप्रेशर ट्यूब के साथ ही नॉन रिटर्निंग वॉल्व भी लगा होता है। गैस भरने और रिलीज करने में प्रेशर गेज महत्वपूर्ण होता है। जिस प्रेशर से गैस भरी जाती और जितने प्रेशर से गैस निकलती है उसे प्रेशर गेज ही संतुलित करता है। फ्राइडे को जो हादसा हुआ, उसकी वजह प्रेशर गेज में गड़बड़ी मानी जा रही है। क्यो¨क इसमें लगा नॉन रिर्ट¨नग वॉल्व सिलेंडर भर जाने पर सप्लाई को रोक देता है।

हाइड्रो टे¨स्टग जरूरी

पनकी फायर स्टेशन के अग्निशमन अधिकारी विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि हाइड्रो टे¨स्टग बॉट¨लग प्लांट में होती है। इस टे¨स्टग में चादर की गेज के आधार पर गैस भरकर यह देखा जाता है कि चादर हवा के दबाव को सहन कर पाएगी या नहीं। ये टे¨स्टग सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए नहीं, बल्कि एलपीजी घरेलू और कॉर्मशियल सिलेंडर, वाहनों में लगने वाले सीएनजी टैंक आदि की भी कराई जाती है। उसका फिटनेस प्रमाणपत्र भी दिया जाता है। इसलिए सिलेंडर को रीफिल करने से पहले हाइड्रो टे¨स्टग प्रमाणपत्र जरूर देखना चाहिए। प्रमाणपत्र होने पर हीं सिलेंडर रीफिल किया जाना चाहिए। इसमें लापरवाही करने पर आगे भी हादसे हो सकते हैं।

ग्रीस और आयल हादसे की वजह

पनकी गैस प्लांट के कर्मचारियों का कहना था कि अक्सर लीकेज को रोकने के लिए उपभोक्ता नोजल पर ग्रीस या आयल लगा देते हैं। रीफिल करने के लिए चाबी से नोजल टाइट करते वक्त कई बार ¨चगारी छूटती है। आक्सीजन गैस जलने में सहायक होती है। इसी वजह से धमाके के साथ सिलेंडर फटा था। हालांकि अग्निशमन अधिकारी ने इस तर्क को सिरे से नकार दिया।