-ट्रेनों में सक्रिय है 'फर्जी टीटीई' का गैंग, रेलवे विजिलेंस की रिपोर्ट में खुलासा, जीआरपी और आरपीएफ अलर्ट

-कानपुर सेंट्रल में पकड़ा गया 'ट्रेन का नटवरलाल', टिकट चेकिंग स्टाफ की कमी का भी उठा रहे फायदा

-पिछले 6 महीने में पकड़े जा चुके हैं ट्रेनों के 6 'नटवरलाल', स्टेशनों में भी ये कर रहे बड़ा फर्जीवाड़ा

KANPUR: यात्रिगण कृपया ध्यान देंट्रेन में सफर के दौरान आपका सामना 'फर्जी टीटीई' से हो सकता है। ऐसे में आपको यात्रा के दौरान अलर्ट रहने की जरूरत है। क्योंकि रेलवे विजिलेंस की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि एनसीआर यानि नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, एनआर यानि नॉर्थ रेलवे के अलावा नॉर्थ ईस्ट रेलवे के स्टेशनों और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में 'नटवरलालों' का बड़ा गिरोह सक्रिय है। यात्रियों को ठगने के साथ ही ये गैंग चोरी की घटनाओं को भी अंजाम देता है। लेकिन आप थोड़ी सी सावधानी से इनसे बच सकते हैं।

रेलवे में अच्छी पकड़

कानपुर के पूर्व जीआरपी इंस्पेक्टर त्रिपुरारी पांडेय ने कानपुर सेंट्रल पर पिछले छह महीने में चार बार सेंट्रल स्टेशन में 'फर्जी टीसी' अरेस्ट किए। ये 'नटवरलाल' सेंट्रल पर टिकट चेकिंग के नाम पर पैसेंजर्स से वसूली कर रहे थे। उनके पास से जीआरपी को फर्जी एक्सेज फेयर टिकट 'ईएफटी' बुक भी बरामद हुई थी। आरोपी ने पूछताछ के दौरान बताया था कि सिर्फ स्टेशनों में ही नहीं बल्कि ट्रेनों में फर्जी टीटीई का पूरा गैंग चल रहा है। इस गैंग के मेंबर्स की रेलवे में भी अच्छी पकड़ है जिसके माध्यम से उनको ट्रेन के बारे में पूरी जानकारी रहती है।

टीटीई और टीसी की कमी

कानपुर सेंट्रल की बात करें तो यहां टीसी व टीटीई स्टाफ की काफी कमी है। रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड यानि आरआरबी की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक स्टेशन में टीसी स्टाफ 112 की जगह मात्र 80 है। जबकि टीटीई स्टाफ 550 की जगह मात्र 280 ही है। जिसकी वजह से ट्रेनों में मानक से कम टीटीई की तैनाती हो पाती है। लिहाजा ट्रेनों के कई कोचों में टीटीई की तैनाती होती ही नहीं है। रेलवे के पूर्व डीआरएम विक्रम मोहन मिश्र बताते हैं कि एक 23 बोगी की ट्रेन में करीब 8 से 9 टीटीई की ड्यूटी सामान्यता लगनी चाहिए। एक टीटीई के पास 2 से 3 कोचेज में टिकट चेकिंग की जिम्मेदारी होती है। लेकिन वर्तमान में स्टाफ की कमी के चलते सिर्फ 4 से 5 टीटीई की ही तैनाती ट्रेनों में की जा रही है। ऐसे में कई कोचेज में टीटीई जाते ही नहीं है।

रेलवे में पैठ से हर जानकारी

रेलवे विजिलेंस की रिपोर्ट के मुताबिक फर्जी टीटीई और टीसी के गैंग के मेंबर्स रेलवे में अच्छी पैठ होने की वजह से पता लगा लेते हैं कि किस ट्रेन में कितने टीटीई जा रहे हैं। किस टीटीई की चेकिंग के लिए किस कोच में ड्यूटी लगी है। इसके बाद इस गैंग के मेंबर नटवरलाल बनकर अपना काम शुरू कर देते हैं। रिपोर्ट में साफ लिखा है कि बिल्कुल टीटीई का हुलिया बनाकर गैंग के मेंबर्स पैसेंजर्स से जुर्माना वसूलते हैं। इनके पास ईएफटी बुक भी रहती है। पैसेंजर्स को सीट एलॉट करने के भी पैसे ऐंठते हैं। ये सब करने के बाद स्टेशन आने से पहले आउटर पर ही ट्रेन से उतर जाते हैं। ऐसे में इनके लिए रेलवे विजिलेंस की स्पेशल टीम ने एक स्पेशल प्लान बनाया है, जिसके तहत इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

ईएफटी बुक क्या है?

रेलवे के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी वी। कुमार ने बताया कि ईएफटी बुक एक तरह की चालान बुक होती है। जोकि ट्रेनों में टीटीई और रेलवे स्टेशनों में टीसी के पास मौजूद रहती है। इससे ही चालान काटकर पैसेंजर को एक पेपर मिलता है जबकि बाकी की कॉर्बन कॉपी इसमें लगी रहती है। इस बुक के शुरुआत और अंत में स्टील की बाइनडिंग होती है।

कहां छपती है ये बुक?

दो सप्ताह पूर्व रेलवे की विजलेंस टीम ने लखनऊ में एक प्रिंटिंग प्रेस में छापेमारी की। दो लोगों को टीटीई के पास होने वाली नकली जुर्माना 'ईएफटी' बुक के साथ पकड़ा। दोनों आरोपियों को आरपीएफ ने कार्रवाई कर जेल भेज दिया है। विजिलेंस की रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद, मुगलसराय, दिल्ली में ये नकली ईएफटी बुक छापी जाती है। इसके खुलासे के लिए कई टीमें एि1क्टव हैं।

ऐसे पहचान सकते हैं नकली टीटीई को

- जुर्माना रसीद यानि 'ईएफटी' में एक ओरिजनल प्रति की तीन कॉर्बन प्रतियां होती है।

- रसीद बुक के पेज पर जारी किए गए स्टेशन की मोहर होती है जोकि रंग बदलती हैं।

- रसीद में बना रेलवे का लोगो वाटर प्रूफ होता है। इसमें दो कलर दिखते हैं।

- जुर्माना रसीद की तीनों प्रतियों में एक ही कोड नंबर होता है और मोटे कलर में।

- रसीद के कोनों पर बड़े अक्षरों से स्पेशल कोड नंबर लिखा होता है।

- टीटीई को सीआईटी लाइन की तरफ से एक साल का चेकिंग अथॉरिटी पास दिया जाता है। जो कि गुलाबी रंग का होता है। पैसेंजर्स के मांगने पर उसको टीटीई को दिखाना होता है।

- यात्री संदेह होने पर टीटीई से चेकिंग अथॉरिटी पास देख सकता है।

- टीटीई को रेलवे आईडी कार्ड व नेम प्लेट जारी करता है। जोकि चेकिंग के दौरान टीटीई को पहनना जरूरी होता है।

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'ट्रेन में सफर के दौरान यात्रीगण अलर्ट रहें। कई नकली टीटीई और टीसी पकड़े जा चुके हैं। अगर पैसेंजर को शक हो तो वो टीटीई से उनका आईकार्ड और अथॉरिटी पास जरूर देखे। बिना टिकट यात्रा न करें। अगर कोई जबरन धमकाए तो तुरंत रेलवे के टोल फ्री नंबर पर सूचित करें.'

- विजय कुमार, सीपीआरओ, एनसीआर