एक अनुमान के मुताबिक इंग्लैंड में जबरन शादियों के पीड़ितों की संख्या पांच से आठ हजार के बीच है। इनमें से बहुत सी लड़कियों की उम्र 21 वर्ष तो कुछ की उम्र 16 वर्ष से भी कम है। जिन परिवारों में जबरन शादियों के मामले देखने को मिलते हैं, उनमें भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मूल के परिवारों की संख्या सबसे ज्यादा है। लेकिन अफ्रीका, दक्षिण अमरीका और पूर्वी यूरोप से आकर ब्रिटेन में बसे परिवारों में भी जबरन शादियां हो रही हैं।

ब्रितानी अधिकारियों को पता चला कि परिवारों के साथ ब्रिटेन से बाहर जाने वाली लड़कियां अचानक स्कूलों से गायब हो रही हैं। इसके बाद ब्रितानी विदेश मंत्रालय ने एक विशेष जबरन शादी ईकाई बनाई।

अपराध होगी जबरन शादी

फिलहाल अपने बच्चों की जबरन शादी करने वाले माता-पिता को तभी जेल की सजा हो सकती है जब उन्हें मुकदमे के दौरान बच्चों को गलत तरीके से कैद रखने, हमला करने और उत्पीड़न का दोषी ठहराया जाए। लेकिन कई चर्चित मामले सामने आने के बाद अब सरकार जबरन शादी को अपराध की श्रेणी में लाना चाहती है।

ब्रिटेन में लेबर पार्टी की पिछली सरकार ने भी जबरन शादी को अपराध बनाने के बारे में सोचा था लेकिन बाद में इस योजना को छोड़ दिया गया। नई सरकार इस दिशा में कदम उठाने से पहले ये भी जांच पड़ताल कर रही है कि क्या जबरन शादी को अपराध घोषित किए जाने के बाद ऐसे मामलों में पीड़ित सामने आने की हिम्मत जुटा पाएंगे।

न्याय मंत्रालय के एक सर्वेक्षण में पता चला है कि अगर अपने परिवार पर मुकदमा चलाए जाने की नौबत आएगी तो कम ही लोग अधिकारियों के सामने जबरन शादी की शिकायत लेकर जाएंगे। वहीं ब्रितानी सरकार मानती है कि नए कानून से जबरन शादियों के मामलों में कमी आएगी।

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