कानपुर(ब्यूरो)। अंडरग्र्राउंड सप्लाई के लिए हटाए गए पुराने मीटर ही फर्जीवाड़ा का कारण साबित हो रहे हैं। ये पुराने मीटर नए कनेक्शन के अलावा खराब मीटर बदलने में भी इस्तेमाल किए गए। केस्को में सक्रिय स्टोर रीडिंग के रैकेट को मौका मिल गया। इस रैकेट ने डिस्ट्रीब्यूशन व टेस्ट डिवीजन के इम्प्लाइज से मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर स्टोर रीडिंग का खेल करना शुरू कर दिया। मिलीभगत के चलते हजारों की स्टोर रीडिंग वाले मीटर भी आसानी से बदल दिए गए। इनकी जगह फर्जी मीटर (हटाए गए) लगा दिए गए। उन्होंने इस खेल से केस्को के खजाने में लग रही लाखों की चोट की परवाह नहीं की। रैकेट, कन्ज्यूमर्स से सेटिंग-गेटिंग कर रैकेट अपनी जेबें भरता रहा।

1.79 लाख यूनिट स्टोर रीडिंग
गौरतलब है कि एक सप्ताह पूर्व पराग डेयरी, नौबस्ता व किदवई नगर डिवीजन में 19 लाख की स्टोर रीडिंग वाले 34 कन्ज्यूमर पकड़े गए। 1.79 लाख स्टोर रीडिंग के अलावा 20 मीटर मिस मैच भी मिले। इनमें से ज्यादातर फर्जी मीटर बताए जा रहे हैं। केस्को इम्प्लाइज के मुताबिक हजारों यूनिट अधिक रीडिंग वाले मीटर हटाकर इनकी जगह कम रीडिंग वाले मीटर (फर्जी)लगा दिए। इस खेल में मीटर रीडर से लेकर मीटर जांच करने वाले टेस्ट डिवीजन के इम्प्लाइज के शामिल होने से केस्को के ऑफिसर्स को भनक तक नहीं लगी ।

काफी समय से चल रहा खेल
बिजली चोरी वाले इलाकों में लगे फर्जी मीटरों का खेल केस्को में काफी समय से चल रहा है। दरअसल बिजलीचोरी वाले इलाकों में पुराने इलेक्ट्रिसिटी मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जाने का काम अक्टूबर 2018 में शुरू हुआ था। अब तक साइकिल मार्केट, बिजलीघर परेड, चमनगंज, चीना पार्क, कोपरगंज आलू मंडी, बाबूपुरवा, जरीबचौकी, बीएस पार्क आदि सबस्टेशन एरिया में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। सिटी में अब तक 1.07 लाख के करीब स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। स्मार्ट मीटर में गड़बडिय़ों की वजह से वर्ष 2020 में पूरे प्रदेश में रोक लगा दी गई थी, जिससे केस्को में इलेक्ट्रिसिटी मीटर की शार्टेज हो गई।

जांच में हुई खानापूर्ति
केस्को ने नए कनेक्शन में पुराने (स्मार्ट मीटर लगाने पर हटाए गए) मीटर लगाने शुरू कर दिए। इसी तरह आईडीएफ (मीटर खराब) होने पर भी बदलकर पुराने मीटर ही लगाए गए। इससे केस्को में सक्रिय स्टोर रीडिंग और फिर मीटर बदलने वाले रैकेट को मौका मिल गया। फर्जी मीटर का खेल सबसे पहले वर्ष 2020 में केस्को सर्वोदय नगर डिवीजन में सामने आया।

पकड़े गए फर्जी मीटर
रावतपुर गांव में रहने वाले उपभोक्ता दो कन्ज्यूमर के घर पर छापेमारी के दौरान फर्जी मीटर पकड़े गए। इसके बाद ही जाजमऊ डिवीजन के अंतर्गत मोतीनगर व जेके कालोनी में फर्जी मीटर पकड़े गए। इन सभी मामलों में संविदाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई लेकिन न तो डिस्ट्रिब्यूशन या टेस्ट डिवीजन के इम्प्लाइज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि फर्जीवाड़े के रैकेट का पता लगाने तक की कोशिश नहीं की गई।

पैरलल केस्को चला रहे
इससे फर्जीवाड़े के इस रैकेट के हौसले और भी बुलन्द हो गए। उसने पैरलल केस्को चलाना शुरू कर दिया। कन्ज्यूमर्स से मिलीभगत करके मनमाने तरीके से स्टोर रीडिंग करते हुए (अधिक बिजली खर्च के बावजूद कम रीडिंग के बिल)बिल बनाने शुरू कर दिए। हजारों की रीडिंग मीटर में स्टोर होने पर फर्जी मीटर लगाने शुरू कर दिए। पराग डेयरी, किदवई नगर और नौबस्ता सबस्टेशन एरिया में 19 लाख की स्टोर रीडिंग और 20 मीटर मिसमैच होने पर केस्को ऑफिसर्स की नींद टूटी है।

खुल जाएगा पूरा खेल
अगर स्मार्ट मीटर लगाने पर हटाए गए पुराने मीटर, नए कनेक्शन व खराब मीटर की जगह पुराने मीटर्स का हिसाब-किताब कर लिया जाए तो स्टोर रीडिंग व फर्जी मीटर का पूरा खेल खुलकर सामने आ जाएगा। केस्को ऑफिसर सीएसबी अंबेडकर ने बताया कि पूरे मामले की जांच सुपरिटेंडेंट इंजीनियर की अगुवाई में टीम कर रही है। अब तक गड़बड़ी व लापरवाही पाए जाने 2 एक्सईएन, 2 एई, 2 जेई सहित 8 लाख इम्प्लाइज को सस्पेंड किया जा चुका है। जांच में जो भी दोषी जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।