ये क्लीनिक शाहीन दाढा के चाचा का है, वही शाहीन जिन्हें पुलिस ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे की मृत्यु के बाद फ़ेसबुक पर टिप्पणी करने के लिए गिरफ़्तार कर लिया था। इस मामले में सोमवार देर रात महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक संजीव दयाल ने पूरे मामले के जांच के आदेश दिए थे।

मीडिया में हल्ला मचने के बाद पुलिस ने इस मामले की भी जांच के आदेश दिए हैं कि आख़िर उन लड़कियों को किन हालात में गिरफ़्तार किया गया था। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और अब तक नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।

पुलिस ने जिन नौ लोगों को गिरफ़्तार किया है उनके नाम इस प्रकार है, ज़फ़र शेख़, हेमंत भोसले, गणेश हरिजन, मुटकर शेख़, इमरान ख़ान, मोहनकुमार, उस्मान ख़ान, संतोष पुजारी, रमेश गोवड़ी है।

फ़ेसबुक कमेंट

शनिवार को बाल ठाकरे की मृत्यु और फिर रविवार को उनके अंतिम संस्कार के दिन मुंबई की स्थिति के बारे में शाहीन ने फ़ेसबुक पर लिखा था, ''बहुत से लोग इस देश में पैदा होते हैं। उनकी मौत होती है। ऐसे लोगों के लिए बंद रखना कहां तक उचित है.'' शाहीन के इस कमेंट को उसकी एक दोस्त रेणु ने लाइक किया था।

इसके बाद शाहीन के पालघर स्थित चाचा के क्लीनिक पर शिवसैनिकों ने हमला कर दिया और तोड़फोड़ की और मरीज़ों को पीटा। शाहीन ने फ़ौरन ही फ़ेसबुक से उस कमेंट को हटा दिया था और माफ़ी भी मांग ली थी लेकिन एक स्थानीय शिवसैनिक की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और रविवार की रात दोनों लड़कियों को गिरफ़्तार कर लिया था।

अदालत ने पहले तो उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए लेकिन बाद में 15 हज़ार रूपए के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। रिहा होने के बाद लड़कियों ने माफ़ी मांगी और कहा कि उनका मक़सद किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था।

शाहीन और उनके परिवार से संपर्क कर उनकी राय लेने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया और सिर्फ़ इतना कहा कि वो लोग बहुत डरे हुए हैं और इस बारे में कुछ भी बात नहीं करना चाहते।

एक भारतीय चैनल से बातचीत के दौरान शाहीन ने कहा कि उन्होंने अपना फ़ेसबुक अकाउंट निष्क्रिय कर दिया है। शिवसेना के ठाणे ज़िला प्रमुख प्रभाकर राउल ने उन दोनों लड़कियों की गिरफ़्तारी को सही ठहराते हुए धमकी दी कि बाल ठाकरे के बारे में किसी तरह की टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

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