कानपुर(ब्यूरो)। दीपावली मनाने अपने घरों को जा रहे लाखों लोगों को रेलवे ने मुश्किल में डाल दिया। ट्रेनों में जैसे-तैसे खड़े होकर पैसेंजर्स अपने शहरों की ओर जा रहे थे कि तभी संडे की सुबह 10.26 बजे दिल्ली-हावड़ा रूट पर कानपुर-प्रयागराज के बीच फतेहपुर स्थित रमवा स्टेशन में एक गुड्स ट्रेन डिरेल हो गई। 29 डिब्बे पटरी से उतर गए पूरे ट्रैक पर फैल गए। वहीं हादसे में ओएचई लाइन भी टूट गई जिससे दिल्ली हावड़ा ट्रैक पूरी तरह ठप हो गया। ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं। लाखों पैसेंजर्स अधर में फंस गए।

कोयला अनलोड कर वापस लौट रही थी

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक गुड्स ट्रेन उत्तर रेलवे रीजन में कोयला अनलोड कर वापस मुगलसराय वापस लौट रही थी। कानपुर-प्रयागराज के बीच रमवा स्टेशन पर अचानक एक झटके के साथ ट्रेन डिरेल हो गई। 29 कोच पटरी से उतर कर अप व डाउन लाइन में बिखर गए। घटना की वजह से 100 मीटर तक ओएचई लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद 10.54 पर कानपुर से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन व क्रेन मौके के लिए रवाना हो गई थी। जिससे जल्द से जल्द ट्रैक को बहाल किया जा सके।

डेढ़ घंटे बिंदकी में खड़ी रही वंदेभारत

फतेहपुर के रमवा स्टेशन के पास गुड्स ट्रेन के डिरेलमेंट की वजह से दिल्ली-हावड़ा रूट पूरी तरह से बाधित हो गया। इसकी वजह से कानपुर से प्रयागराज की तरफ जा रही वंदेभारत एक्सप्रेस बिंदकी रोड स्टेशन पर लगभग डेढ़ घंटे तक खड़ी रही। घटना की वजह से वंदेभारत एक्सप्रेस के फंसने की वजह से रेलवे अधिकारी वंदेभारत एक्सप्रेस को वापस रूमा तक लाए, जहां से उसको डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर रेल ट्रैक से न्यू सुजातपुर तक लाया गया।

डीएफसी लाइन बना ऑप्शन

रमवा स्टेशन के पास ट्रेन एक्सीडेंट होने की वजह से दिल्ली-हावड़ा रूट के पूरी तरह से बाधित होने की वजह से रेलवे ने डीएफसी लाइन को पैसेंजर ट्रेनों के संचालन के लिए चुना। अधिकारियों ने फतेहपुर स्थित न्यू सुजातपुर से रूमा तक डीएफसी ट्रैक में पैसेंजर्स ट्रेनों को पास कराया। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक वंदेभारत एक्सप्रेस के साथ अमृतसर-पटना व नंदनकानन एक्सप्रेस को भी डीएफसी ट्रैक से पास कराया गया।

चौरी-चौरा खागा में शार्ट टर्मिनेट

दिल्ली-हावड़ा रूट पर घटना की वजह से चौरी-चौरा से कानपुर अनवरगंज आ रही चौरी-चौरा एक्सप्रेस को खागा में ही शॉर्ट टर्मिनेट कर दिया गया। संडे की शाम 4.40 पर अनवरगंज से चौरी-चौरा के लिए संचालित होने वाली चौरी-चौरा एक्सप्रेस को अनवरगंज की बजाए प्रयागराज से चौरी-चौरा के बीच संचालित करने का निर्णय लिया गया। जिसकी वजह से अनवरगंज से रिजर्वेशन करा चुके 683 पैसेंजर्स को बाई रोड प्रयागराज तक का रास्ता सफर करना पड़ा। इसमें से 200 से अधिक पैसेंजर्स ने टिकट कैंसिल करा दूसरे साधनों से अपने गंतव्य तक पहुंचने का निर्णय लिया।

2700 से अधिक टिकट कैंसिल

घटना की वजह से रेलवे को डबल नुकसान उठाना पड़ा। रमवा स्टेशन पर हुए गुड्स ट्रेन एक्सीडेंट के कारण जहां रेल कोच, ओएचई व ट्रैक क्षतिग्रस्त होने से रेलवे को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं दूसरी ओर एक्सीडेंट की वजह से ट्रेनों के शॉर्ट टर्मिनेट, रूट डायवर्जन व घंटों लेटलतीफी की वजह से कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर लगभग 27 सौ से अधिक पैसेंजर्स ने अपनी रिजर्वेशन टिकट कैंसिल करा दी।

पैसेंजर्स के फोन पर भेजा अलर्ट मैसेज

एनसीआर सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि एक्सीडेंट की वजह से ट्रेनों के डायवर्जन, शॉर्ट टर्मिनेट होने की जानकारी घटना के एक घंटे बाद से ही पैसेंजर्स के मोबाइल पर भेजी जाने लगी थी। जिससे उनको ट्रेनों के डायवर्जन की जानकारी हो सके। इसके अलावा सेंट्रल स्टेशन पर हर 10 मिनट में इंक्वायरी सिस्टम के माध्यम से पैसेंजर्स को ट्रेनों के शार्ट टर्मिनेट व रूट डायवर्जन की जानकारी दी जा रही थी।

तीन ट्रेनें आसपास ही फंसीं

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक घटना की वजह से घटनास्थल के आसपास दिल्ली-हावड़ा रूट की अप व डाउन ट्रैक में तीन ट्रेनें डेढ़ घंटे तक फंसी रही थीं। जिसमें वंदेभारत एक्सप्रेस बिंदकी रोड पर, नंदनकानन फतेहपुर में व अमृतसर-पटना बिंदकी के आसपास खड़ी रही थी। ट्रैक मेंटीनेंस में काफी समय लगने की वजह से इन तीनों ट्रेनों को डीएफसी रेल ट्रैक से पास करा दिया गया था।