कानपुर(ब्यूरो)। मैं ग्रीन पार्क हूं। पूरी दुनिया में कानपुर की पहचान और शान। एक दौर था जब प्रदेश में क्रिकेट के लिए मुझे मक्का कहा जाता था। अपने सीने पर गेंद व बॉल का हुनर दिखाकर देश व दुनिया को कई महान क्रिकेटर मैंने दिए। मैं अकेला ऐसा स्टेडियम हूं जहां स्टूडेंट्स गैलरी हुआ करती थी। रेडियो व टीवी पर स्टेडियम पर लाइव कवरेज देखने व सुनते ही लोग खुशी से उछल पड़ते थे। मैं भी खुश हो जाता था। पूरे प्रदेश से मैच का रोमांच देखने के लिए क्रिकेट के दीवाने यहां आते थे। आज भी मेरे नाम दुनिया के कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। लेकिन आज में अपनी अनदेखी से दुखी हुं। मेरे सपने चकनाचूर हो गए। वल्र्ड कप के होने वाले एक भी मैच मुझे नहीं मिले। मुझसे ज्यादा आहत है कानपुराइट्स जिनके लिए मैं देश व दुनिया के पटल में उनकी शान हूं। क्रिकेट के नौनिहाल आज भी अपना भविष्य संवारने के लिए मेरी गोद में हर दिन प्रैक्टिस करते हैं, पर अब टी-20 मैच और वर्ल्ड कप मैच की सीरिज से मुझे दूर कर दिया गया।

टूट गईं क्रिकेट फैंस की उम्मीदें
36 साल पहले 1987 में भारत में आयोजित वल्र्ड कप क्रिकेट मैच का मुकाबला कानपुर के ग्रीन पार्क में खेला गया था। ग्रीनपार्क स्टेडियम में 21 अक्टूबर 1987 में पहला वल्र्ड कप मुकाबला श्रीलंका व वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला गया था। इस मैच में वेस्टइंडीज ने 25 रनों से जीत दर्ज की थीं। इसके बाद कई टेस्ट व वनडे सीरिज के मैच भी खेले गए, लेकिन वल्र्ड कप का मैच नहीं खेला गया। इस बार वल्र्ड कप के सभी मैच भारत में हो रहे हैं। वल्र्ड कप के मैच ग्रीनपार्क को ना मिलने से कानपुर के क्रिकेट प्रेमी निराश हो गए हैं। क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बनाने वाला ग्रीनपार्क स्टेडियम इस बार भी वनडे मैच के लिए सूखा रह गया। जबकि लखनऊ के इकाना स्टेडियम को पांच मैच मिले हैं और पड़ोसी कानपुर को एक भी नहीं।

एक नहीं कई वजह हैं
ग्रीन पार्क स्टेडियम को वल्र्ड कप मैच न मिलने के पीछे सिस्टम व सुविधाएं अहम वजह बनकर सामने आ रही है। उद्योगों की नगरी कहे जाने वाले कानपुर में कई बड़े कारोबारी हैं, इसके बावजूद बुनियादी सुविधाओं में कहीं न कहीं कई कमियां हैं, जिनकी वजह से वल्र्ड स्तर पर उसकी अनदेखी की गई। फिर चाहे शहर में फाइव स्टोर होटल हो, फ्लाइट सुविधा हो या छलनी हाईवे। ऐसी तमाम वजह सामने आ रही हैं।

दर्शक क्षमता भी इकाना से आधी
क्रिकेट एक्सपर्ट का मानना है कि ग्रीनपार्क की दर्शक क्षमता का कम होना भी वल्र्ड कप का मैच न मिलने की बड़ी वजह है। राजधानी के इकाना स्टेडियम को वल्र्ड कप का मैच मिला। इकाना स्टेडियम में दर्शक क्षमता करीब 50 हजार की है जबकि ग्रीन में वर्तमान क्षमता 28 हजार के लगभग है। आईसीसी उस ग्राउंड को ज्यादा महत्व देती है। जहां पर दर्शक क्षमता अधिक पाई जाती है। जिसके चलते ग्रीन पार्क को नुकसान और इकाना स्टेडियम को इसका फायदा मिल गया। ज्यादा दर्शक क्षमता का फायदा आयोजनकर्ता को भी मिलता है।

फ्लाइट की कनेक्टिविटी ना होना
वल्र्ड कप का मैच ग्रीनपार्क को नहीं मिलने की दूसरी वजह है, फ्लाइट की कनेक्टिविटी ना होना। लखनऊ एयरपोर्ट से देश के हर हिस्से की फ्लाइट की कनेक्टिविटी हैै। हर बड़े प्रदेश की फ्लाइट लखनऊ के लिए डायरेक्ट मिल जाती है लेकिन कानपुर के चकेरी एयरपोर्ट से सिर्फ एक या दो फ्लाइट ही चलती हैं। इसके साथ ही नाइट लैंडिंग और टेक ऑफ की सुविधा भी यहां नहीं है। नया टर्मिनल भी एक महीने पहले शुरू हुआ है। इस कारण से इंटरनेशनल प्लेयर्स और टीम के ऑफिशियल्स को आने जाने में प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती।

फाइव स्टार होटल ना होना भी वजह
एक्सपर्ट का मानना है कि शहर में फाइव स्टोर होटल का ना होना और थ्री स्टार होटल की कमी भी एक वजह है। जब भी कभी कानपुर में मैच होते हैं तो टीम के सदस्य होटल लैंडमार्क में रुकते हैं। इसके अलावा अन्य जो ऑफिशियल आते हैं उन्हें शहर के आसपास होटलों में ठहराना पड़ता है। नवंबर 2021 में ग्रीनपार्क में हुए टेस्ट मैच में ब्रॉडकास्ट की टीम को लखनऊ के होटल रमाडा में रुकवाने की व्यवस्था की गई थी। वल्र्ड कप में देश विदेश से लोग मैच देखने व कवरेज के लिए आते है, उन्हें होटल की सुविधा न मिलने के परेशानी का सामना करना पड़ता है।

शासन की मैराथन भी बनीं वजह
ग्रीनपार्क में मैच होता है तो शासन के अधिकारी और पुलिस प्रशासन के ऑफिसर को कई बार यहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए आना पड़ता है, लेकिन जब मैच इकाना स्टेडियम में खेले जाते हैं तो अधिकारियों की दौड़ भाग बच जाती है। इकाना स्टेडियम के कुछ दूरी पर पुलिस प्रशासन का हेड क्वार्टर है।

एक्सपर्ट से बात-चीत
ग्रीन पार्क वल्र्ड क्लास स्टेडियम है। वल्र्ड कप मैच की पहली लिस्ट में ग्रीन पार्क का नाम था। हालांकि फाइनल लिस्ट में नाम हट गया। मैच का वेन्यू आईसीसी निर्धारित करता है। उसकी लिस्ट बीसीसीआई को सौंप देता है। ग्रीन पार्क पुराना स्टेडियम है। कई अन्य स्टेडियम नए बने हैं। उनकी तुलना में ग्रीन पार्क का इंफ्रास्ट्रक्चर उतना अच्छा व खुबसूरत नहीं है। आधुनिकता का दौर है और आईसीसी अच्छे ऑप्शन सेलेक्ट करता है। जिसके चलते ग्रीन पार्क की अनदेखी की गई है।

-शिव कुमार, पिच क्यूरेटर, ग्रीन पार्क

ग्रीन पार्क स्टेडियम में 44 से अधिक इंटरनेशनल मैच हो चुके है। जिसमें 23 टेस्ट मैच शामिल है। स्टेडियम की पिच भी बहुत अच्छी है। यहां कई रिकार्ड भी बन चुके है लेकिन मैच न मिलने के पीछे कई अन्य तरह के मैनेजमेंट भी होते हैं। जिसमें दर्शक क्षमता, टीम के साथ-साथ विदेशी मेहमानों के ठहरने की सुविधाएं व अन्य कई चीजों को भी देखा जाता है। इस मामले में कानपुर से अच्छा ऑप्शन आईसीसी को मिल गया जिसके चलते ग्रीन पार्क को वल्र्ड कप का मैच नहीं मिल सका।
-अमित पाल, क्रिकेट कोच ग्रीन पार्क स्टेडियम

ग्रीन पार्क में बने थे कई रिकार्ड
- रनों की बरसात की बात करें तो ग्रीनपार्क स्टेडियम का नाम टॉप पर होगा। 2017 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच मैच हुआ था, जिसमें न्यूजीलैंड ने पहले खेलते हुए 325 रन बनाए थे। जवाब में उतरी भारतीय टीम ने 326 रन बनाकर मैच जीता था।

- 2017 में हुए आईपीएल मैच में भी रिकॉर्ड रहा है। मुंबई इंडियंस ने गुजरात लायंस के खिलाफ 196 रनों का स्कोर खड़ा किया था। इस मैच में गुजरात लायंस की टीम 30 रनों से हार गई थी। ग्रीनपार्क स्टेडियम भारतीय क्रिकेट टीम के 500 वें टेस्ट मैच का भी गवाह रहा है।