- मेडिकल कॉलेज कैंपस और हैलट कैंपस बने आपराधिक गतिविधियों के ठिकाने

- पुलिस भी देती अपराधियों को संरक्षण, जेके कैंसर गोली कांड के आरोपी को पकड़वाने के लिए महिलाओं ने एक दिन पहले ही किया था प्रदर्शन

KANPUR: जेके कैंसर हॉस्पिटल में तीमारदार को गोली मारने की वारदात होती ही नहीं अगर स्वरूप नगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एक दिन पहले हुए छेड़छाड़ के मामले में कार्रवाई कर दी होती। इस कांड के बाद मेडिकल कॉलेज कैंपस के अपराधियों की पनाहगाह बनने की बात और पुख्ता हो गई है, क्योंकि वारदात के कुछ ही पलों बाद कैंपस के अंदर बदमाशों ने एक युवक को पीट पीट कर लहूलुहान कर दिया था। इसके अलावा कई और आपराधिक गतिविधियों के सबूत कॉलेज कैंपस में पहले भी मिलते रहे हैं।

अवैध कब्जे अपराधियों की पनाहगाह

मेडिकल कॉलेज कैंपस और हैलट कैंपस में 100 से ज्यादा अवैध कब्जे चिन्हित हैं। दो महीने पहले कॉलेज प्रशासन ने हैलट कैंपस में अवैध कब्जे हटाने का प्रयास किया तो राजनीतिक दबाव पड़ने पर हैलट प्रशासन को ही झुकना पड़ गया था। ऐसे ही कब्जे मेडिकल कॉलेज कैंपस में खासकर जेके कैंसर हॉस्पिटल के पीछे सरकारी क्वार्टरों के आस पास भी हैं। जिनमें आपराधिक तत्व सक्रिय रहते हैं।

तो न लगती गोली

जेके कैंसर हॉस्पिटल में तीमारदार चंद्रभान को गोली मारने के आरोपी गुलफाम और दीपू के खिलाफ स्वरूप नगर पुलिस को पहले भी शिकायत मिली थी। छेड़छाड़ के एक मामले में एक दिन पहले ही समाजसेवी अनीता दुआ ने एसओ से मिल कर इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और इनके घर पर भी पुलिस को लेकर गई थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे दोनों का हौसला और बुलंद हो गया और यह वारदात हो गई।

पहले हो चुकी हैं कइर् वारदातें

- हैलट कैंपस में अवैध कब्जा करके रहने वाले लोगों ने अपराधी को पकड़ने गई स्वरूप नगर पुलिस पर हमला किया था

- अवैध कब्जे हटवाने गए कॉलेज प्रशासन पर हुआ था पथराव

- नकली खून का रैकेट चलाने वाला हाशिम भी कॉलेज के कोआपरेटिव मार्केट में रहता था

- हैलट और मेडिकल कॉलेज कैंपस में अभी भी कई जगह सजती है जुएं की फड़

- कॉलेज कैंपस के आसपास लगने वाली मैंगी की कई दुकानों से भी पुलिस कई अपराधियों को पकड़ चुकी है

- वर्जन-

हैलट और कॉलेज कैंपस में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को हटवाने के लिए पहले भी कई प्रयास किए गए हैं। बालरोग अस्पताल के पास कई कब्जे हटवाएं भी हैं। पुलिस और प्रशासन की मदद से फिर से अभियान चलाया जाएगा।

- प्रो। आरसी गुप्ता, एसआईसी,एलएलआर हॉस्पिटल