-इमरजेंसी सिचुएशन के लिए गवर्नमेंट की ओर से जारी किए हेल्पलाइन नंबर्स की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने किया रियेलिटी चेक

- आधा दर्जन से अधिक हेल्प लाइन नंबर्स में एक-दो ने ही किया रेस्पॉन्स, पुलिस कंट्रोल रूम, फायर सर्विस और एम्बुलेंस हेल्पलाइन का हाल सबसे बुरा

KANPUR : हर गवर्नमेंट में लोगों की सेफ्टी को लेकर तरह तरह के दावे किए जाते हैं। इतना ही नहीं डिजिटल इंडिया का सपना देख रही सरकारें अपने कार्यकाल में कोई न कोई हेल्पलाइन नंबर भी लांच कर कोरम पूरा कर देती हैं। इसके बाद भी जब लोगों को हेल्प की जरूरत होती है, तो यह नंबर्स कितने कारगर साबित होते हैं इसका पता लगाने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कई हेल्पलाइन नंबर्स का रियेलिटी चेक किया। हमने आधा दर्जन से अधिक हेल्पलाइन नंबर्स पर कॉल किया, जिसमें से एक आध को छोड़ कर कहीं से कोई रिस्पांस नहीं मिला। हेल्पलाइन नंबर्स की ये हकीकत जिम्मेदारों को बताती है कि अब हेल्पलाइन नंबर्स को भी 'हेल्प' की जरूरत है

पुलिस कंट्रोल रूम(100))-

पुलिस कंट्रोल रूम का इमरजेंसी 100 नंबर देश के बच्चे बच्चे की जुबान पर रटा हुआ है। कभी भी जरूरत पड़ने पर यह नंबर ही सबसे ज्यादा डायल किया जाता है। हमने इस पर 3.15 बजे कॉल किया, लेकिन फोन डिस्कनेक्ट हो गया। लगातार 3 बार कॉल करने के बाद भी फोन नहीं लगा

फायर स्टेशन (101)-

अक्सर कहीं पर आग लगने पर लोग फायर स्टेशन के कंट्रोल रूम नंबर 101 पर डायल करते हैं। हमने नंबर का रिस्पांस जानने के लिए इस पर भी कॉल किया लेकिन, यह नंबर पर कॉल करने पर भी बिजी टोन सुनाई देती रही। इस नंबर पर भी हमें कोई रिस्पांस नहीं मिल सका।

एंबुलेंस 102 व 108-

स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी के जिए एंबुलेंस सेवा का कंट्रोल रूम नंबर 102 व बाद में 108 लांच किया गया था। हमने इन दोनों ही नंबर्स पर कई बार कॉल किया लेकिन, हर बार फोन बिना किसी रिस्पांस के कट होता रहा। स्वास्थ्य संबंधी इमरजेंसी में अगर आप इन नंबर्स के भरोसे हैं, तो फिर सब कुछ किस्मत पर ही छोड़ दीजिए।

सीएम हेल्पलाइन (1076)-

हमने सीएम के हेल्पलाइन नंबर 1076 की भी हकीकत जानने का प्रयास किया। पहले ही अटैम्प्ट में कॉल लग गया और कॉल रिसीव करने वाले ने अपना नाम मनीष बताया। उन्होंने बताया कि यहां किसी भी डिपार्टमेंट की कम्प्लेन मिलने पर उस डिपार्टमेंट के जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाती है। हमने अपना उद्देश्य बता कर फोन कट कर दिया।

विमेन हेल्पलाइन (1091) व (1090)-

इंडिया लेवल पर लांच किया गया विमेन हेल्पलाइन नंबर 1091 पर कॉल किया तो वो डज नॉट एग्जिस्ट बताता रहा। इसके बाद हमने यूपी के विमेन पॉवर लाइन या हेल्पलाइन नंबर 1090 को डायल किया, जिस पर कई प्रयास के बाद कॉल लगा। ज्योति नाम की महिला ने कम्प्लेन पर 24 घंटे के अंदर एक्शन लेकर पीडि़त कॉलर को अवगत कराने का दावा किया।

एड्स हेल्पलाइन (1097)-

हमने एड्स हेल्पलाइन नंबर 1097 पर भी कॉल किया। दो बार में कॉल न लगने के बाद तीसरी बार में कॉल लगा तो पहले फीड फीमेल वाइस में नंबर के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद कॉल टेलीकॉलर को ट्रांसफर कर दी गई। उन्होंने बताया एड्स रोक थाम के लिए पेशेंट्स का उनके रिलेटिव संपर्क कर सकते हैं, जिनके संबंध में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर अवगत कराया जाएगा। इससे उन्हें पॉसबिल हेल्प मिल सके।